हरियाणा की पेपरलेस रजिस्ट्री योजना: पहले दिन की चुनौतियाँ
जागरण टीम l हिसार/ पानीपत। हरियाणा सरकार की महत्वाकांक्षी पहल, पेपरलेस रजिस्ट्री योजना, एक नवंबर से पूरे प्रदेश में लागू हो गई है। हालांकि, इस योजना की शुरुआत ने यह स्पष्ट कर दिया कि डिजिटल बदलाव का मार्ग आसान नहीं होगा। पहले ही दिन, अधिकांश जिलों में ऑनलाइन पोर्टल ठप रहा। कई क्षेत्रों में सर्वर डाउन होने की समस्याएं आईं, जबकि कुछ स्थानों पर डिजिटल उपकरण समय पर नहीं पहुँच सके।
इसका परिणाम यह हुआ कि जिन तहसीलों में रोजाना सैकड़ों रजिस्ट्री होती थीं, वहां सोमवार को सन्नाटा छाया रहा। मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने 17 अक्टूबर को कुरुक्षेत्र के बाबैन से इस प्रणाली का उद्घाटन किया था, जिसका मुख्य उद्देश्य रजिस्ट्री प्रक्रिया को कागज रहित, पारदर्शी और भ्रष्टाचारमुक्त बनाना था। लेकिन प्रारंभिक अनुभवों ने संकेत दिया है कि इस प्रणाली को सुचारू रूप से चलाने के लिए तकनीकी और प्रशिक्षण ढांचे को मजबूत करने की आवश्यकता है।
कुरुक्षेत्र: पेपरलेस रजिस्ट्री में सफलता का प्रतीक
कुरुक्षेत्र जिले में पेपरलेस रजिस्ट्री योजना सबसे सफल रही। थानेसर तहसील में सोमवार को 31 रजिस्ट्री की गईं और तीन दिनों में कुल 428 रजिस्ट्री सफलतापूर्वक संपन्न हुईं। इसके विपरीत, अंबाला में केवल दो, जींद में एक और फतेहाबाद व टोहाना में एक-एक रजिस्ट्री हुई। सिरसा, यमुनानगर, पानीपत, करनाल, और चरखी दादरी में पोर्टल बंद रहने के कारण रजिस्ट्री प्रक्रिया ठप रही। रोहतक में चार आवेदन में से तीन में कमी पाई गई, जबकि झज्जर में केवल दो रजिस्ट्री दर्ज हुईं।
चरखी दादरी में जन जागरूकता का अभाव
चरखी दादरी और बाढड़ा तहसीलों में सोमवार को एक भी आवेदन नहीं आया। यहां के अधिकांश नागरिकों को नए सिस्टम की जानकारी नहीं थी। सरल केंद्र के ऑपरेटर पूरे दिन इंतजार करते रहे, लेकिन कोई भी आवेदन नहीं आया। प्रशासन ने माना कि प्रचार-प्रसार की कमी और प्रशिक्षण के अभाव के कारण आम लोग असमंजस में रहे। यह स्थिति दर्शाती है कि योजना को सफल बनाने के लिए जागरूकता बढ़ाना अत्यंत आवश्यक है।
भिवानी और हिसार में चुनौतियाँ
भिवानी में डिजिटल उपकरण समय पर नहीं पहुँचने के कारण रजिस्ट्री प्रक्रिया प्रभावित हुई। वहां केवल एक आवेदन आया, जबकि दो दिन की छुट्टी के बाद स्थिति और भी खराब हो गई। अधिकारियों का कहना है कि प्रारंभिक सप्ताह तक प्रक्रिया धीमी रहने की संभावना है। वहीं, हिसार जिले में नौ आवेदन प्राप्त हुए, जिनमें से केवल दो स्वीकृत हुए जबकि सात दस्तावेजों की कमी के कारण निरस्त कर दिए गए। उपायुक्त अनीश यादव ने स्वयं तहसील कार्यालय का निरीक्षण कर कर्मचारियों को प्रशिक्षण देने के निर्देश दिए हैं।
पेपरलेस रजिस्ट्री योजना के मुख्य उद्देश्य
- रजिस्ट्री प्रक्रिया को डिजिटल और पारदर्शी बनाना
- दस्तावेजों के गुम होने या छेड़छाड़ की संभावना को समाप्त करना
- समयबद्ध स्वीकृति और ऑनलाइन ट्रैकिंग सुनिश्चित करना
- बिचौलियों पर रोक और भ्रष्टाचार में कमी लाना
आगे की योजनाएँ और तैयारी
राजस्व विभाग ने सभी जिलों में तकनीकी टीमों की तैनाती और कर्मचारियों के प्रशिक्षण की प्रक्रिया शुरू कर दी है। विभागीय अधिकारियों के अनुसार, 10 नवंबर तक सिस्टम के स्थिर होने की उम्मीद है, जिसके बाद सभी जिलों में रजिस्ट्री कार्य सामान्य रूप से चलने लगेगा। यह समय बेहद महत्वपूर्ण है क्योंकि इसे तैयार करने के लिए उचित प्रशिक्षण और जागरूकता की आवश्यकता है।
हरियाणा के नागरिकों के लिए यह एक बड़ा अवसर है कि वे डिजिटल इंडिया की दिशा में कदम बढ़ाएँ और इस नई प्रणाली का पूरा लाभ उठाएँ। सरकार की कोशिश है कि यह प्रणाली केवल कागज रहित न हो, बल्कि पूरी तरह से पारदर्शी और भ्रष्टाचार मुक्त भी हो।























