हरियाणा में रागी हरजीत सिंह ने देवी देवताओं पर की टिप्पणी के लिए मांगी माफी
जागरण संवाददाता, अंबाला शहर। हाल ही में हरियाणा के अंबाला शहर में देवी देवताओं के खिलाफ विवादास्पद टिप्पणी करने वाले रागी हरजीत सिंह ने उच्च न्यायालय में बिना शर्त माफी मांग ली है। उनके खिलाफ अंबाला शहर में एक FIR दर्ज की गई थी, जिसके बाद यह मामला तेजी से सुर्खियों में आया। एंटी टेरेरिस्ट फ्रंट इंडिया और विश्व हिन्दू तख्त के प्रमुख वीरेश शांडिल्य ने इस मामले को लेकर पुलिस में शिकायत दर्ज कराई थी।
रागी हरजीत सिंह, जो बठिंडा के निवासी हैं, ने 2017 में सोशल मीडिया पर एक वीडियो अपलोड किया था, जिसमें उन्होंने देवी देवताओं के बारे में अपमानजनक टिप्पणियाँ की थीं। यह टिप्पणी न केवल धार्मिक भावना को ठेस पहुंचाने वाली थी, बल्कि इससे सनातन धर्म की छवि भी खराब हुई थी। शांडिल्य की शिकायत पर अंबाला के पूर्व पुलिस कमिश्नर आरसी मिश्रा ने इस मामले की जांच का आदेश दिया, जिसके बाद पुलिस ने हरजीत सिंह के खिलाफ FIR दर्ज की। बाद में उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया।
हाईकोर्ट में दायर की गई याचिका
रागी हरजीत सिंह ने अपनी गिरफ्तारी के बाद उच्च न्यायालय में याचिका दायर की थी, जिसमें उन्होंने FIR को रद्द करने की मांग की थी। हालांकि, उच्च न्यायालय ने उनकी याचिका को खारिज कर दिया। इसके बाद रागी ने अपने किए पर पछताते हुए समाज के कुछ वरिष्ठ व्यक्तियों के माध्यम से माफी मांगने का निर्णय लिया। उन्होंने सार्वजनिक रूप से स्वीकार किया कि उनकी टिप्पणियाँ गलत थीं और उन्होंने देवी देवताओं और सनातनियों से माफी मांगी।
वीरेश शांडिल्य ने बताया कि रागी हरजीत सिंह ने हिन्दू-सिख भाईचारे को मजबूत करने के लिए कुछ समुदाय के लोगों को बीच में लाया और उनसे संवाद किया। इस प्रक्रिया में, रागी ने अपने शब्दों के लिए खेद व्यक्त करते हुए कहा कि वह गलती से अपशब्दों का प्रयोग कर गए थे। इसके बाद उन्होंने पंजाब हरियाणा उच्च न्यायालय में लिखित में बिना शर्त माफी मांगी।
उच्च न्यायालय के आदेश और अगला कदम
उच्च न्यायालय ने अंबाला शहर की संबंधित अदालत को शांडिल्य और रागी हरजीत सिंह के बयान दर्ज करने का आदेश दिया। इस अवसर पर शांडिल्य अपने वकील सुमित शर्मा और शुभम मल्होत्रा के साथ कोर्ट में उपस्थित हुए जहां उनके बयान दर्ज किए गए। शांडिल्य ने कहा कि भाईचारे की रक्षा के लिए वे रागी हरजीत सिंह को माफ कर रहे हैं, क्योंकि सिखों के नौवें गुरु तेग बहादुर ने भी ब्राह्मण समाज के तिलक की रक्षा के लिए अपने शीश का बलिदान दिया था।
इस पूरे मामले में हरजीत सिंह रागी और उनके वकील भी अदालत में मौजूद रहे। यह मामला न केवल धार्मिक संवेदनाओं को लेकर महत्वपूर्ण है, बल्कि समाज में भाईचारे को फिर से स्थापित करने का एक प्रयास भी है। रागी हरजीत सिंह की माफी ने यह संदेश दिया है कि गलतियों को स्वीकार करना और सुधारना हमेशा संभव है।
समाज में सद्भावनाओं का संदेश
इस घटना के बाद, अंबाला शहर में धार्मिक सद्भावना को बढ़ावा देने की आवश्यकता महसूस की जा रही है। शांडिल्य ने कहा कि यह आवश्यक है कि सभी समुदाय एक-दूसरे के प्रति सम्मान और सहिष्णुता बनाए रखें। उन्होंने यह भी कहा कि रागी हरजीत सिंह की माफी से यह साबित होता है कि सभी धर्मों का सम्मान करना चाहिए और किसी भी धर्म को अपमानित करना समाज के लिए हानिकारक है।
इस पूरे घटनाक्रम ने यह स्पष्ट कर दिया है कि धार्मिक मामलों में संवेदनशीलता और समझदारी की आवश्यकता है। उम्मीद की जा रही है कि इस माफी के बाद समाज में एक नई शुरुआत होगी और सभी समुदाय एक साथ मिलकर आगे बढ़ेंगे।






















