BSF-CRPF: हरियाणा में रिटायर्ड जवानों को नहीं मिलेगा पूर्व सैनिक का दर्जा

kapil6294
Nov 01, 2025, 10:56 PM IST

सारांश

हरियाणा में पूर्व सैनिकों को आरक्षण का लाभ नहीं राज्य ब्यूरो, चंडीगढ़। हाल ही में पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट ने एक महत्वपूर्ण आदेश जारी किया है, जिसमें स्पष्ट किया गया है कि हरियाणा सरकार ने केंद्र सरकार की उस अधिसूचना को अभी तक नहीं अपनाया है, जिसके अनुसार बीएसएफ, सीआरपीएफ, सीआइएसएफ, आइटीबीपी और एसएसबी जैसे […]

हरियाणा में पूर्व सैनिकों को आरक्षण का लाभ नहीं

राज्य ब्यूरो, चंडीगढ़। हाल ही में पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट ने एक महत्वपूर्ण आदेश जारी किया है, जिसमें स्पष्ट किया गया है कि हरियाणा सरकार ने केंद्र सरकार की उस अधिसूचना को अभी तक नहीं अपनाया है, जिसके अनुसार बीएसएफ, सीआरपीएफ, सीआइएसएफ, आइटीबीपी और एसएसबी जैसे केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों के सेवानिवृत्त कर्मियों को “पूर्व सैनिक” का दर्जा दिया जा सकता है। इस आदेश के बाद राज्य में ऐसे अर्धसैनिक बलों के कर्मियों को आरक्षण या नियुक्तियों में कोई विशेष लाभ नहीं मिलेगा।

यह आदेश जस्टिस जगमोहन बंसल ने भिवानी निवासी सूरजभान की याचिका का निपटारा करते हुए दिया। सूरजभान, जो सीमा सुरक्षा बल से 31 जुलाई 2014 को 21 वर्षों की सेवा पूरी करने के बाद सेवानिवृत्त हुए थे, ने हरियाणा स्टाफ सिलेक्शन कमीशन द्वारा जुलाई 2015 में जारी विज्ञापन के तहत कांस्टेबल पद के लिए पूर्व सैनिक श्रेणी में आवेदन किया था। उन्होंने शारीरिक परीक्षण, साक्षात्कार और व्यक्तित्व मूल्यांकन सहित सभी आवश्यक चरण सफलतापूर्वक पार कर लिए थे।

हाईकोर्ट का निर्णय और राज्य सरकार की स्थिति

सूरजभान का नाम 29 अक्टूबर 2016 को जारी अंतिम परिणाम में भी शामिल था, लेकिन फिर भी उन्हें पूर्व सैनिक मानते हुए नियुक्ति पत्र जारी नहीं किया गया। हाईकोर्ट ने इस मामले में राज्य सरकार से यह स्पष्ट करने को कहा कि क्या उसने केंद्र सरकार के गृह मंत्रालय द्वारा 23 नवंबर 2012 को जारी उस कार्यालय ज्ञापन को अपनाया है, जिसमें कहा गया था कि केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों से सेवानिवृत्त कर्मियों को पूर्व सैनिक का दर्जा देने और राज्यों को उन्हें रक्षा सेवाओं के पूर्व सैनिकों की तरह लाभ देने की सलाह दी गई है।

राज्य सरकार की ओर से दायर हलफनामे में डीजीपी और हरियाणा स्टाफ सिलेक्शन कमीशन के अधिकारियों ने बताया कि राज्य सरकार ने अब तक केंद्र सरकार की इन हिदायतों को नहीं अपनाया है। इसके साथ ही केंद्र सरकार ने 24 अप्रैल 2019 को एक स्पष्टीकरण जारी कर यह भी स्पष्ट किया कि सीएपीएफ कर्मियों जैसे बीएसएफ, सीआरपीएफ, आइटीबीपी, एसएसबी और सीआइएसएफ को “पूर्व सैनिक” की परिभाषा में शामिल नहीं किया गया है।

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आरक्षण का मामला: पूर्व सैनिकों की चिंताएं

इस निर्णय के बाद, हरियाणा में अर्धसैनिक बलों के सेवानिवृत्त कर्मियों के बीच चिंता बढ़ गई है। कई पूर्व सैनिकों ने इस मुद्दे पर चिंता व्यक्त की है और उन्होंने मांग की है कि सरकार इस मामले में त्वरित कार्यवाही करे। कई पूर्व सैनिकों का कहना है कि उनकी लंबी सेवा के बाद उन्हें उचित सम्मान और लाभ मिलने चाहिए।

  • अर्धसैनिक बलों के सेवानिवृत्त कर्मियों को आरक्षण का लाभ नहीं मिलना
  • सरकार की ओर से स्पष्टता का अभाव
  • पूर्व सैनिकों की चिंताओं का समाधान न होना

पूर्व सैनिकों ने यह भी कहा है कि अगर उन्हें पूर्व सैनिक का दर्जा दिया जाता है, तो इससे उन्हें सरकारी नौकरियों में शामिल होने का अवसर मिल सकता है। लेकिन राज्य सरकार की वर्तमान स्थिति से ऐसा प्रतीत होता है कि उनके अधिकारों की रक्षा नहीं की जा रही है। इसके अलावा, कई पूर्व सैनिकों ने यह भी कहा है कि इस मामले में राजनीतिक इच्छाशक्ति की कमी है, जो कि उनके भविष्य के लिए चिंता का विषय है।

अंत में

हरियाणा में पूर्व सैनिकों की स्थिति को लेकर हाईकोर्ट का यह फैसला कई सवाल खड़े करता है। क्या राज्य सरकार अब केंद्र सरकार की अधिसूचना को अपनाएगी, या फिर इसे नजरअंदाज करेगी? यह एक ऐसा मुद्दा है, जो केवल पूर्व सैनिकों के लिए ही नहीं, बल्कि पूरे समाज के लिए महत्वपूर्ण है। यह देखना होगा कि सरकार इस दिशा में क्या कदम उठाती है और पूर्व सैनिकों के अधिकारों की रक्षा कैसे की जाती है।

हरियाणा के पूर्व सैनिकों ने अब एकजुट होकर अपनी आवाज उठाने का संकल्प लिया है, ताकि उन्हें उनके हक मिल सकें। इस मामले पर आगे की कार्रवाई और निर्णय का सभी को इंतजार है।

हरियाणा समाचार हिंदी में


कपिल शर्मा 'जागरण न्यू मीडिया' (Jagran New Media) और अमर उजाला में बतौर पत्रकार के पद पर कार्यरत कर चुके है अब ये खबर २४ लाइव के साथ पारी शुरू करने से पहले रिपब्लिक भारत... Read More

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