जुबीन गर्ग की मृत्यु की जांच के लिए गठित की गई न्यायिक आयोग
असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने जुबीन गर्ग की अचानक मृत्यु के मामले की जांच के लिए एक व्यक्ति की न्यायिक आयोग का गठन करने की जानकारी दी है। यह आयोग गुवाहाटी हाई कोर्ट के न्यायाधीश सौमित्र सैकिया की अध्यक्षता में काम करेगा। सरमा ने आयोग की कार्यवाही में पूर्ण सहयोग और सक्रिय भागीदारी की अपील की है। आयोग 21 नवंबर तक संबंधित व्यक्तियों से शपथ पत्र स्वीकार करेगा, जिससे इस मामले में सभी तथ्यों को उजागर करने में मदद मिल सके।
सीएम सरमा ने एक्स पर एक पोस्ट में लिखा, “सरकार का निर्णय, जो कि एक न्यायिक आयोग का गठन कर रहा है, हमारे प्रिय जुबीन गर्ग की दुखद मृत्यु के कारणों की जांच के लिए एक ऐतिहासिक कदम है। हमें आयोग की कार्यवाही में पूरा सहयोग देना चाहिए ताकि हर तथ्य उजागर हो सके और न्याय पारदर्शी और निष्पक्ष तरीके से किया जा सके। #JusticeForZubeenGarg”।
जुबीन गर्ग की मृत्यु का मामला: हत्या या दुर्घटना?
हाल ही में, सरमा ने दावा किया कि जुबीन की मृत्यु सिंगापुर में एक हत्या थी, न कि कोई दुर्घटना। जुबीन गर्ग 19 सितंबर को सिंगापुर में समुद्र में तैरते समय रहस्यमय परिस्थितियों में मृत पाए गए थे। इसके बाद, असम पुलिस की विशेष जांच टीम (SIT) ने इस मामले की जांच शुरू की है। इस टीम का नेतृत्व अपराध अन्वेषण विभाग (CID) कर रहा है। हाल ही में, असम पुलिस की एक दो सदस्यीय टीम, जिसमें CID के विशेष DGP मुन्ना प्रसाद गुप्ता और टिटाबोर के सह-जिले के SP तरुण गोयल शामिल थे, सिंगापुर में जाकर जुबीन की मृत्यु के कारणों की जांच की।
सीएम सरमा के अनुसार, SIT अब इस मामले में आरोप पत्र दाखिल करने की तैयारी कर रही है, जिसका लक्ष्य तिथि 8 दिसंबर निर्धारित की गई है। उन्होंने कहा, “मैं इसे एक दुर्घटना नहीं मान रहा हूँ। जुबीन गर्ग के हत्या मामले में आरोप पत्र 17 दिसंबर तक दाखिल किया जाना चाहिए। मैंने इसे 8 दिसंबर तक दाखिल करने का लक्ष्य रखा है। हम अब तैयार हैं।”
जांच की प्रगति और चुनौतियाँ
हालांकि जांच अभी भी चल रही है, सरमा के इस दावे ने निश्चित रूप से मामले में जटिलताओं की एक नई परत जोड़ दी है। जुबीन गर्ग की मृत्यु के मामले में अब विभिन्न दृष्टिकोण और साक्ष्य एकत्रित किए जा रहे हैं, जिससे मामले की जांच में कई चुनौतियाँ सामने आ रही हैं। यह स्पष्ट है कि जुबीन के प्रशंसक और परिवार न्याय की उम्मीद कर रहे हैं और उनकी स्मृति को सही तरीके से सम्मानित करना चाहते हैं।
जुबीन गर्ग, जो असम के एक प्रसिद्ध गायक और संगीतकार थे, उनकी मृत्यु ने न केवल उनके प्रशंसकों को बल्कि पूरे असम में शोक की लहर दौड़ा दी है। उनके संगीत ने लाखों लोगों के दिलों में जगह बनाई थी और उनकी असामयिक मृत्यु ने सभी को स्तब्ध कर दिया। सरकार की यह पहल यह दर्शाती है कि वे इस मामले को गंभीरता से ले रहे हैं और न्याय सुनिश्चित करने के लिए हर संभव प्रयास कर रहे हैं।
समुदाय की प्रतिक्रिया और आगे की कार्रवाई
जुबीन गर्ग की मृत्यु के बाद, असम के लोगों ने न्याय की मांग की है। कई सामाजिक संगठनों, प्रशंसकों और मशहूर हस्तियों ने #JusticeForZubeenGarg हैशटैग के तहत सोशल मीडिया पर अपनी आवाज उठाई है। मुख्यमंत्री ने भी इस मामले में समाज के सभी वर्गों से सहयोग की अपील की है।
जैसे-जैसे जांच आगे बढ़ रही है, यह अपेक्षित है कि आयोग द्वारा जुटाए गए सभी साक्ष्य और गवाहों के बयान को ध्यान में रखते हुए, न्यायालय इस मामले में निष्कर्ष पर पहुंचेगा। जुबीन गर्ग के प्रशंसक और परिवार के सदस्यों की उम्मीदें अब इस न्यायिक आयोग पर टिकी हैं।
समुदाय और सरकार दोनों ने इस बार एकजुट होकर न्याय की मांग की है, और यह देखना दिलचस्प होगा कि न्यायिक आयोग अपनी रिपोर्ट में क्या निष्कर्ष निकालता है। जुबीन गर्ग की विरासत उनके संगीत के माध्यम से जीवित रहेगी, लेकिन यह मामला उन सभी के लिए एक सतर्कता का संकेत है कि हमें सत्य और न्याय की स्थापना के लिए हमेशा तत्पर रहना चाहिए।


























