गुमला में आदिवासी उलगुलान महारैली की तैयारियाँ तेज
गुमला जिला मुख्यालय के अल्बर्ट एक्का स्टेडियम में आयोजित होने वाली आदिवासी उलगुलान महारैली को लेकर गुरुवार को एक महत्वपूर्ण बैठक आयोजित की गई। इस बैठक में विभिन्न आदिवासी जनजाति संगठनों के प्रतिनिधियों ने बड़ी संख्या में भाग लिया और रैली की तैयारियों को अंतिम रूप दिया। आयोजन समिति के प्रमुख सदस्यों की अध्यक्षता में हुई इस बैठक में रैली को सफल बनाने के लिए आवश्यक कदमों पर चर्चा की गई।
बैठक में यह निर्णय लिया गया कि रैली में शामिल होने वाले प्रतिभागियों को पांच अलग-अलग मार्गों में विभाजित किया जाएगा। यह कदम रैली को सुव्यवस्थित और शांतिपूर्ण ढंग से संपन्न कराने के लिए उठाया गया है। विभिन्न मार्गों से आने वाले प्रतिभागी इस प्रकार होंगे:
- पालकोट रोड से आने वाले प्रतिभागी सरना सम्मेलन मैदान में एकत्र होंगे।
- जशपुर रोड से आने वाले लोग पर्यटक भवन के पास जमा होंगे।
- सिसई रोड से आने वाले प्रतिभागी संत पात्रिक मैदान के समीप एकत्र होंगे।
- लोहरदगा रोड से आने वाले लोग बस डीपो के पास शामिल होंगे।
- बांसडीह रोड से आने वाले प्रतिभागी जिला स्कूल मैदान के रास्ते जुलूस के रूप में गुमला शहर का भ्रमण करेंगे।
रैली के समापन पर सभी प्रतिभागी अल्बर्ट एक्का स्टेडियम में पहुंचेंगे, जहां यह विशाल रैली एक जनसभा में बदल जाएगी। इस जनसभा में विभिन्न जनजातीय संगठन, सामाजिक कार्यकर्ता, महिला समूह और युवा बड़ी संख्या में उपस्थित रहेंगे। बैठक में उपस्थित सदस्यों ने रैली को ऐतिहासिक और अनुशासित बनाने का संकल्प लिया। इसके लिए एक व्यवस्था समिति, स्वागत समिति, सुरक्षा एवं प्रचार-प्रसार समिति का गठन भी किया गया है, ताकि कार्यक्रम के दौरान किसी प्रकार की अव्यवस्था न हो।
रैली की सफलता के लिए तैयारियाँ जारी
बैठक में प्रमुख रूप से उपस्थित सदस्य थे: हौशियाना तिर्की, सुधीर कुजूर, दिलेश्वर लोहरा, जगरनाथ उरांव, सोमनाथ उरांव, एरेनियुस मिंज, नेलसन भगत, रामचंद्र उरांव, दीपक साहू, सलीम टोप्पो, जितेश मिंज, हितेश्वर भगत, सुबोध उरांव, सेफ कुमार एक्का, सुरेंद्र उरांव, गणेश उरांव, वरुण उरांव, रोशन मिंज, फूल मनी देवी, सोनो मिंज, शांति मिंज, राति उरांव, नीमा कुमारी, मंजू कुमारी, चांदनी कुमारी, आनंद केरकेट्टा, आलोन तिर्की, अमन और रोहित कुजूर सहित कई अन्य कार्यकर्ता।
आयोजन समिति ने सभी प्रतिभागियों से अपील की है कि वे समय पर पहुंचें और शांतिपूर्ण ढंग से अपनी भागीदारी सुनिश्चित करें। इस रैली का उद्देश्य आदिवासी समुदाय की एकता और संस्कृति का प्रदर्शन करना है, जो कि क्षेत्र के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
आदिवासी संस्कृति और एकता का प्रतीक
यह रैली न केवल आदिवासी समुदाय के लिए एक महत्वपूर्ण अवसर है, बल्कि यह उनकी संस्कृति और पहचान को भी उजागर करती है। गुमला जिले में आदिवासी जनजातियों की एक समृद्ध और विविध संस्कृति है, जिसे इस रैली के माध्यम से प्रदर्शित किया जाएगा। रैली के दौरान विभिन्न सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन भी किया जाएगा, जो दर्शकों को आदिवासी परंपराओं और रीति-रिवाजों से अवगत कराएगा।
आशा की जा रही है कि यह महारैली न केवल गुमला बल्कि पूरे राज्य में आदिवासी समुदाय की आवाज को मजबूती प्रदान करेगी। आयोजकों का मानना है कि इस प्रकार के कार्यक्रमों से आदिवासी समुदाय की समस्याओं और उनके अधिकारों के प्रति जागरूकता बढ़ेगी, जिससे उन्हें अपनी आवाज उठाने में मदद मिलेगी।
गुमला में होने वाली इस रैली के सफल आयोजन के लिए सभी सदस्यों और प्रतिभागियों का सहयोग आवश्यक है। सभी से अपेक्षा की जाती है कि वे अपने-अपने क्षेत्र से रैली में भाग लेने के लिए समय पर पहुंचें और इस ऐतिहासिक अवसर का हिस्सा बनें।























