Transplant: यूपी के सदर अस्पताल में बोन मैरो ट्रांसप्लांट जल्द शुरू होगा

kapil6294
Nov 04, 2025, 3:05 PM IST

सारांश

दिल्ली एनसीआर में स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार की नई पहल दिल्ली एनसीआर में स्वास्थ्य सेवाओं को और अधिक प्रभावी बनाने के लिए राज्य के स्वास्थ्य, चिकित्सा शिक्षा एवं परिवार कल्याण विभाग के अपर मुख्य सचिव अजय कुमार सिंह ने एक महत्वपूर्ण बैठक का आयोजन किया। इस बैठक में उन्होंने स्पष्ट किया कि राज्य में बिना […]

सदर अस्पताल में जल्द शुरू होगा बोन मैरो ट्रांसप्लांट, बगैर ब्लड सेपरेशन यूनिट के ब्लड सेंटर नहीं चलाने का निर्देश

दिल्ली एनसीआर में स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार की नई पहल

दिल्ली एनसीआर में स्वास्थ्य सेवाओं को और अधिक प्रभावी बनाने के लिए राज्य के स्वास्थ्य, चिकित्सा शिक्षा एवं परिवार कल्याण विभाग के अपर मुख्य सचिव अजय कुमार सिंह ने एक महत्वपूर्ण बैठक का आयोजन किया। इस बैठक में उन्होंने स्पष्ट किया कि राज्य में बिना ब्लड सेपरेशन यूनिट के कोई भी ब्लड सेंटर स्थापित नहीं होना चाहिए। यह निर्देश स्वास्थ्य सेवाओं की गुणवत्ता को बढ़ाने के लिए आवश्यक बताया गया है।

बैठक के दौरान, सदर अस्पताल के एक चिकित्सक ने बोन मैरो ट्रांसप्लांट के संबंध में जानकारी साझा की। उनका कहना था कि ऐसे मरीजों की देखभाल के लिए विशेष प्रावधानों की आवश्यकता है। इसके साथ ही, उन्होंने थैलेसीमिया जैसी गंभीर बीमारियों से ग्रसित मरीजों के लिए बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान करने पर जोर दिया।

थैलेसीमिया मरीजों की निगरानी के लिए नया दिशा-निर्देश

झारखंड स्टेट आरोग्य सोसाइटी की कार्यकारी निदेशक डॉ. नेहा अरोड़ा ने सभी अस्पतालों को निर्देश दिया कि वे थैलेसीमिया मरीजों का विस्तृत डेटा एक अलग पंजी में अनिवार्य रूप से बनाए रखें। यह कदम मरीजों की स्वास्थ्य स्थिति पर नजर रखने के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है। डॉ. अरोड़ा ने कहा कि सभी ब्लड बैंकों को अपनी मासिक ऑडिट रिपोर्ट तैयार करने की आवश्यकता है, ताकि ब्लड बैंक की सेवाओं की गुणवत्ता सुनिश्चित की जा सके।

इसके अलावा, तीन माह में एक बार ड्रग डायरेक्टरेट द्वारा सभी ब्लड बैंकों का ऑडिट किया जाएगा। यह कदम ब्लड बैंकों की कार्यप्रणाली को पारदर्शी और प्रभावी बनाने के लिए उठाया गया है। सभी ब्लड बैंकों को ई-रक्तकोष रजिस्टर पर पूर्ण रूप से डेटा की इंट्री करने का निर्देश भी दिया गया है।

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ब्लड बैंकों में मैनपावर की कमी को दूर करने की आवश्यकता

बैठक में मैनपावर की कमी को दूर करने पर भी चर्चा की गई। स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार के लिए आवश्यक है कि ब्लड बैंकों में पर्याप्त मात्रा में स्टाफ उपलब्ध हो, ताकि मरीजों को उनकी जरूरत के अनुसार समय पर सेवाएं मिल सकें। इस दिशा में ठोस कदम उठाने की आवश्यकता है ताकि किसी भी मरीज को खून की कमी के कारण मुश्किलों का सामना न करना पड़े।

राज्य सरकार की यह पहल न केवल स्वास्थ्य सेवाओं को सुधारने में मदद करेगी, बल्कि यह मरीजों और उनके परिवारों के लिए भी एक सकारात्मक बदलाव लाएगी। थैलेसीमिया जैसी गंभीर बीमारियों का सही समय पर उपचार और निगरानी मरीजों की जीवन गुणवत्ता को बेहतर बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी।

स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार के लिए आगे की योजनाएं

दिल्ली एनसीआर में स्वास्थ्य सेवाओं को और बेहतर बनाने के लिए कई योजनाएं बनाई जा रही हैं। इनमें से कुछ मुख्य योजनाएं निम्नलिखित हैं:

  • ब्लड सेपरेशन यूनिट्स की स्थापना को अनिवार्य बनाना।
  • थैलेसीमिया मरीजों के लिए विशेष चिकित्सा प्रावधान।
  • ब्लड बैंकों की मासिक ऑडिट और ई-रक्तकोष रजिस्टर पर डेटा की इंट्री में सुधार।
  • स्वास्थ्य सेवाओं में मैनपावर की कमी को दूर करना।

इन सभी पहलों का उद्देश्य स्वास्थ्य सेवाओं की गुणवत्ता को बढ़ाना और मरीजों की देखभाल के मानकों को ऊंचा उठाना है। राज्य सरकार इस दिशा में लगातार प्रयासरत है और आने वाले समय में और भी नई योजनाएं प्रस्तुत की जाएंगी।

स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार की इस दिशा में उठाए गए कदमों से न केवल मरीजों को बेहतर सेवाएं मिलेंगी, बल्कि यह स्वास्थ्य क्षेत्र में एक नई उम्मीद भी जगाएंगे। दिल्ली एनसीआर में स्वास्थ्य सेवाओं की गुणवत्ता में सुधार से नागरिकों का विश्वास भी बढ़ेगा और उन्हें स्वस्थ जीवन जीने में मदद मिलेगी।

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कपिल शर्मा 'जागरण न्यू मीडिया' (Jagran New Media) और अमर उजाला में बतौर पत्रकार के पद पर कार्यरत कर चुके है अब ये खबर २४ लाइव के साथ पारी शुरू करने से पहले रिपब्लिक भारत... Read More

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