गिरीडीह में ट्रेन हादसे में व्यक्ति की मौत
गिरीडीह जिले के हीरोडीह थाना क्षेत्र में एक दुखद घटनाक्रम सामने आया है, जहां एक व्यक्ति ट्रेन की चपेट में आकर अपनी जान गंवा बैठा। यह घटना मंगलवार को झारखंडधाम हॉल्ट के निकट दुबे बांध के पास हुई। इस हादसे ने पूरे क्षेत्र में शोक की लहर दौड़ा दी है।
मृतक की पहचान और घटनास्थल पर भीड़
मृतक की पहचान हीरोडीह थाना क्षेत्र के रेम्बा गांव निवासी **नरेश तूरी** (45) के रूप में हुई है। घटना के तुरंत बाद आसपास के स्थानीय लोगों की भीड़ घटनास्थल पर जमा हो गई। लोगों ने नरेश के परिजनों को और पुलिस को घटना की सूचना दी। जब परिजन मौके पर पहुंचे, तो उनका रो-रोकर बुरा हाल हो गया, जिससे पूरे इलाके में शोक का माहौल बन गया।
घटनास्थल पर जुटी लोगों की भीड़।
पुलिस की कार्रवाई और प्रारंभिक जांच
घटना की सूचना मिलते ही हीरोडीह थाना प्रभारी **महेश चंद्र** अपनी टीम के साथ मौके पर पहुंचे। पुलिस ने शव को अपने कब्जे में लेकर पोस्टमॉर्टम के लिए गिरिडीह सदर अस्पताल भेज दिया है। थाना प्रभारी महेश चंद्र ने बताया कि प्रारंभिक जांच में यह मामला ट्रेन की चपेट में आने से हुई दुर्घटना का प्रतीत होता है। उन्होंने कहा कि सभी बिंदुओं पर जांच जारी है और सभी पहलुओं की गहन छानबीन की जा रही है।
जानकारी के अनुसार, कैसे हुआ हादसा
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, मृतक नरेश तूरी किसी निजी कार्य से झारखंडधाम की ओर जा रहे थे। जब वे रेल पटरी पार कर रहे थे, तभी अचानक एक ट्रेन आई और वे उसकी चपेट में आ गए। समय रहते पटरी से हट नहीं पाने के कारण यह दुखद घटना घटित हुई। हादसे के बाद मौके पर भारी भीड़ जमा हो गई, जिसे पुलिस ने नियंत्रित किया और शव को रेलवे ट्रैक से हटवाया।
स्थानीय लोगों की प्रतिक्रियाएँ
इस घटना के बाद स्थानीय लोगों में शोक की लहर है। कई लोगों ने नरेश तूरी के परिवार के प्रति संवेदना व्यक्त की है। कुछ स्थानीय नागरिकों ने कहा कि यह घटना सुरक्षा की दृष्टि से चिंता का विषय है। उन्होंने रेलवे प्रशासन से इस दिशा में ठोस कदम उठाने की मांग की है, ताकि भविष्य में ऐसी घटनाएँ न हों।
समाज में जागरूकता की आवश्यकता
इस तरह के हादसे समाज में सुरक्षा के प्रति जागरूकता की आवश्यकता को दर्शाते हैं। रेलवे सुरक्षा को लेकर जागरूकता फैलाना आवश्यक है, ताकि लोग रेलवे ट्रैक पार करते समय सतर्क रहें। साथ ही, स्थानीय प्रशासन को भी इस दिशा में ठोस कदम उठाने चाहिए ताकि भविष्य में इस प्रकार की घटनाओं से बचा जा सके।
इस घटना ने न केवल नरेश तूरी के परिवार को प्रभावित किया है, बल्कि पूरे समुदाय को जागरूक करने का भी एक संदेश दिया है। समाज में इस तरह की घटनाएँ केवल एक व्यक्तिगत त्रासदी नहीं होती, बल्कि यह सामूहिक जागरूकता और सुरक्षा की आवश्यकता को भी उजागर करती हैं।




















