श्री श्याम मंदिर में 177वां श्री सुंदरकांड और हनुमान चालीसा पाठ
दिल्ली NCR के हरमू रोड स्थित श्री श्याम मंदिर में मंगलवार को एक विशेष धार्मिक आयोजन का आयोजन किया गया। इस अवसर पर 177वां श्री सुंदरकांड और श्री हनुमान चालीसा का पाठ किया गया। इस धार्मिक अनुष्ठान में भाग लेने वाले भक्तों ने माता जानकी की स्तुति करते हुए ‘अष्ट सिद्धि नव निधि के दाता, अस बर दीन्ह जानकी माता’ का गायन किया। इस पवित्र आयोजन के दौरान मंदिर परिसर भक्तिमय हो गया और भक्तों ने बजरंगबली की जय जयकार की।
इस अनुष्ठान में प्रमुख रूप से उपस्थित प्रशांत खेमका ने बालाजी महाराज की अखंड ज्योति प्रज्वलित की और इसके साथ ही केसरिया पेड़ा, गुड़, चना और फल का भोग अर्पित किया। उन्होंने श्रीरामचरितमानस ग्रंथ की पूजा कर पाठ वाचकों का चंदन-वंदन कर आशीर्वाद प्राप्त किया। इस धार्मिक अनुष्ठान में भक्तों की संख्या ने इस आयोजन को और भी भव्य बना दिया।
संगीत और भक्ति का अद्भुत संगम
इस कार्यक्रम के दौरान पाठवाचक मनीष सारस्वत और ओम शर्मा ने अपने सहयोगियों के साथ मिलकर ढोलक-ढपली की मधुर ध्वनि के साथ श्री गणेश वंदना और श्री हनुमान चालीसा का संगीतमय पाठ कराया। इस दौरान भक्तों ने भजनों का आनंद लिया और पूरे मंदिर में भक्ति का माहौल बना रहा। कार्यक्रम के बीच-बीच में भक्तों ने एक-दूसरे के साथ मिलकर भजन गाए, जिससे सभी भक्तों में एक अद्भुत भावना का संचार हुआ।
मंदिर के इस आयोजन में न केवल पुरानी परंपराओं का पालन किया गया, बल्कि नए भक्तों को भी इससे जोड़ने का प्रयास किया गया। इस प्रकार के धार्मिक आयोजनों के माध्यम से समाज में एकता और भाईचारे का संदेश देने की कोशिश की जाती है। इस कार्यक्रम में शामिल हुए सभी भक्तों ने एक-दूसरे के साथ मिलकर भक्ति का अनुभव साझा किया।
भक्ति का महत्व और समाज में इसका प्रभाव
इस प्रकार के धार्मिक आयोजन न केवल आस्था को मजबूत करते हैं, बल्कि समाज में एकता, प्रेम और भाईचारे की भावना को बढ़ावा देते हैं। जब लोग एक साथ मिलकर धार्मिक अनुष्ठान करते हैं, तो यह उन्हें एक-दूसरे के करीब लाता है और उनके बीच संबंधों को मजबूत बनाता है।
इसके अलावा, धार्मिक अनुष्ठानों के माध्यम से लोग अपनी भावनाओं का इजहार करते हैं और अपने मन की शांति के लिए प्रार्थना करते हैं। अनेकों भक्त इस कार्यक्रम में शामिल होकर अपनी आस्था को और भी मजबूत करने का प्रयास करते हैं। इस प्रकार के आयोजनों से न केवल व्यक्तिगत जीवन में सकारात्मकता आती है, बल्कि समाज में भी एक नई ऊर्जा का संचार होता है।
निष्कर्ष
आखिरकार, श्री श्याम मंदिर में आयोजित 177वें श्री सुंदरकांड और हनुमान चालीसा पाठ का यह आयोजन एक अद्भुत अनुभव था। इसमें शामिल सभी भक्तों ने मिलकर भक्ति की एक नई मिसाल पेश की। ऐसी धार्मिक गतिविधियों से समाज में एकता और प्रेम का संचार होता है, जो कि आज के दौर में बहुत आवश्यक है। आशा है कि भविष्य में भी ऐसे आयोजनों का सिलसिला जारी रहेगा और लोग इस प्रकार की भक्ति में बढ़-चढ़कर भाग लेंगे।





















