बदगुन्दा गांव में कार्तिक उद्यापन के दौरान हिंसक झड़प
दिल्ली एनसीआर के ताराटांड़ थाना क्षेत्र के बदगुन्दा गांव में बुधवार को कार्तिक उद्यापन के अवसर पर निकाली जा रही शोभा यात्रा के दौरान एक बड़ा विवाद उत्पन्न हो गया। यह विवाद बाद में हिंसक झड़प में बदल गया, जिसमें दो पक्षों के बीच जमकर मारपीट हुई। स्थानीय लोगों के अनुसार, शोभा यात्रा के दौरान किसी बात पर बहस शुरू हुई, जो कुछ ही समय में उग्र रूप ले लिया।
पुलिस और प्रशासन की सक्रियता
घटना की सूचना मिलते ही प्रशासन ने तेजी से कार्रवाई की। गांडेय से सीओ, बीडीओ सहित ताराटांड़, गांडेय और अहिल्यापुर थाना की पुलिस मौके पर पहुंची। डीसी रामनिवास यादव, एसपी डॉ. बिमल कुमार और एसडीपीओ जितवाहन उरांव भी घटनास्थल पर पहुंचे और स्थिति को नियंत्रित करने के प्रयास में जुट गए। पुलिस ने गांव में भारी संख्या में बल तैनात किया है।
शांति बनाए रखने की अपील
प्रशासन ने स्थानीय लोगों से शांति बनाए रखने की अपील की है। फिलहाल, गांव का माहौल तनावपूर्ण है, लेकिन प्रशासन का दावा है कि स्थिति नियंत्रण में है। पुलिस बल गांव में लगातार गश्त कर रहा है और लोगों से शांति बनाए रखने की अपील की जा रही है। स्थानीय प्रशासन ने सभी पक्षों से संयम बरतने की अपील की है ताकि स्थिति और बिगड़ न सके।
घायलों का इलाज जारी
झड़प में दोनों पक्षों के दो दर्जन से अधिक लोग घायल हुए हैं। घायलों का इलाज स्थानीय स्वास्थ्य केंद्र में चल रहा है, जबकि कुछ गंभीर घायलों को बेहतर इलाज के लिए गिरिडीह सदर अस्पताल रेफर किया गया है। स्थानीय स्वास्थ्य केंद्र के डॉक्टरों का कहना है कि घायलों की स्थिति स्थिर है, लेकिन कुछ को गहन चिकित्सा की आवश्यकता हो सकती है।
घटनास्थल की जांच जारी
घटना की प्रारंभिक जांच में पता चला है कि यह झड़प दो व्यक्तियों के आपसी विवाद के कारण हुई। अब प्रशासन ने सीसीटीवी फुटेज की जांच शुरू कर दी है, जिससे यह पता लगाया जा सके कि झड़प के समय क्या हुआ था। एसपी डॉ. बिमल कुमार ने कहा है कि जो भी लोग विधि-व्यवस्था भंग करने में शामिल पाए जाएंगे, उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।
स्थानीय लोगों की प्रतिक्रिया
स्थानीय लोगों ने इस घटना को दुर्भाग्यपूर्ण बताया है। उन्होंने कहा कि ऐसे धार्मिक और सांस्कृतिक आयोजनों में इस तरह के विवाद नहीं होने चाहिए। गांव के कुछ बुजुर्गों ने प्रशासन से निवेदन किया है कि वे आगे से इस प्रकार की घटनाओं को रोकने के लिए ठोस कदम उठाएं। उन्हें विश्वास है कि पुलिस और प्रशासन स्थिति को जल्द ही सामान्य कर देंगे।
निष्कर्ष
बदगुन्दा गांव में हुई यह घटना न केवल स्थानीय निवासियों के लिए चिंता का विषय है, बल्कि यह प्रशासन के लिए भी एक चुनौती है। प्रशासन को चाहिए कि वह इस तरह की घटनाओं की पुनरावृत्ति को रोकने के लिए ठोस कदम उठाए, ताकि भविष्य में ऐसी स्थिति उत्पन्न न हो। सभी को मिलकर इस मुद्दे का समाधान निकालना होगा और सभी को शांति और एकता के साथ आगे बढ़ना होगा।




















