दिल्ली NCR में अपार कार्ड योजना की धीमी प्रगति
वसी अहमद खान | डंडई प्रखंड में अध्ययनरत छात्र-छात्राओं के लिए सरकार द्वारा संचालित अपार कार्ड योजना की प्रगति बेहद धीमी देखी जा रही है। इस प्रखंड में कुल 71 सरकारी विद्यालय और 9 निजी विद्यालय संचालित हो रहे हैं, जिनमें लगभग 15,600 बच्चे नामांकित हैं। लेकिन चौंकाने वाली बात यह है कि अब तक इन विद्यार्थियों में से मात्र 42 प्रतिशत बच्चों का ही अपार कार्ड बन सका है। शेष विद्यार्थी इस महत्वपूर्ण पहचान और शैक्षणिक सुविधा से वंचित हैं।
शिक्षा विभाग की ओर से लगातार निर्देश जारी होने के बावजूद कई विद्यालयों में कार्ड निर्माण की रफ्तार बेहद धीमी है। अपार कार्ड बच्चों की शैक्षणिक पहचान को एक नंबर में दर्ज करता है, जिससे भविष्य में स्कूल बदलने, परीक्षा संबंधी कार्यों, छात्रवृत्ति, प्रतियोगिता फार्म भरने और डिजिटल शिक्षा प्लेटफार्म पर पढ़ाई में बड़ी सुविधा होती है। हालांकि, जमीनी स्तर पर कई समस्याएं सामने आ रही हैं, जो इस प्रक्रिया को प्रभावित कर रही हैं।
समस्याओं का सामना कर रहे विद्यालय
कई विद्यालयों के शिक्षकों ने बताया कि छात्रों के आधार कार्ड में स्पेलिंग सही नहीं होती है। इसके अलावा, अभिभावक समय पर आधार कार्ड, जन्म प्रमाण पत्र, बैंक खाता विवरण जैसे आवश्यक दस्तावेज उपलब्ध नहीं कराते, जिसके कारण अपार कार्ड बनाने में कठिनाई आती है। इस स्थिति ने विद्यार्थियों को उनकी शैक्षणिक पहचान प्राप्त करने में बाधा उत्पन्न की है।
- अभिभावकों द्वारा आवश्यक दस्तावेजों का समय पर उपलब्ध न कराना
- बच्चों के आधार कार्ड में स्पेलिंग संबंधी गलतियाँ
- दूरदराज के ग्रामीण इलाकों में नेटवर्क समस्या
- कंप्यूटर ऑपरेटर और डाटा एंट्री कर्मियों की कमी
दूरदराज के ग्रामीण इलाकों में नेटवर्क समस्या भी एक बड़ी बाधा बनकर सामने आ रही है। कई स्कूलों में कंप्यूटर ऑपरेटर और डाटा एंट्री कर्मियों की कमी भी है, जिससे अपार कार्ड बनाने की प्रक्रिया में और भी देरी हो रही है। इस प्रकार, कई बच्चे इस महत्वपूर्ण योजना के लाभ से वंचित रह जाते हैं, जिससे उनकी शिक्षा और भविष्य पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता है।
सरकार की भूमिका और समाधान की आवश्यकता
सरकार को इस मुद्दे पर गंभीरता से विचार करने की आवश्यकता है। अपार कार्ड योजना के तहत सभी बच्चों का समय पर कार्ड बनवाना बेहद जरूरी है। इसके लिए सरकार को निम्नलिखित उपाय करने चाहिए:
- विद्यालयों में आवश्यक दस्तावेजों की जांच और समाधान में सहायता हेतु विशेष टीम बनाना
- ग्रामीण इलाकों में इंटरनेट कनेक्टिविटी को सुधारने के लिए प्रयास करना
- कंप्यूटर ऑपरेटर और डाटा एंट्री कर्मियों की भर्ती में तेजी लाना
- अभिभावकों को जागरूक करने के लिए विशेष अभियान चलाना
यदि इन समस्याओं का समाधान किया जाता है, तो अपार कार्ड योजना की प्रगति में तेजी आ सकती है और सभी बच्चों को इस योजना के लाभ मिल सकते हैं। शिक्षा विभाग को इस दिशा में ठोस कदम उठाने की आवश्यकता है ताकि कोई भी बच्चा इस महत्वपूर्ण पहचान से वंचित न रहे।
इस प्रकार, डंडई प्रखंड में अपार कार्ड योजना की स्थिति चिंताजनक है, और इसे सुधारने के लिए सभी संबंधित पक्षों को मिलकर काम करने की आवश्यकता है। इससे न केवल विद्यार्थियों की पहचान बनेगी, बल्कि उनकी शैक्षणिक यात्रा को भी सुगम बनाया जा सकेगा।





















