रांची में महिला सशक्तीकरण के लिए कार्यशाला का आयोजन
रांची | झारखंड स्टेट लाइवलीहुड प्रमोशन सोसाइटी (जेएसएलपीएस) और ग्रांट थॉर्नटन भारत द्वारा संयुक्त रूप से ‘बिल्डिंग सिनेर्जी: आेरिएंटेशन ऑफ डीडीसी एंड एसेट रिपर्पसिंग फॉर कम्यूनिटी ग्रोथ’ विषय पर एक राज्य स्तरीय कार्यशाला का आयोजन किया गया। यह कार्यशाला चाणक्य बीएनआर होटल में आयोजित की गई, जिसमें विभिन्न क्षेत्रों के प्रतिनिधियों ने भाग लिया। इस कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य महिलाओं के सशक्तीकरण और समुदाय के विकास के लिए नए अवसरों का निर्माण करना था।
कार्यशाला में उपस्थित विशेषज्ञों ने महिला सशक्तीकरण में एसेट मैपिंग के महत्व पर प्रकाश डाला। उन्होंने बताया कि कैसे एसेट मैपिंग से स्थानीय समुदायों को अपने संसाधनों का बेहतर उपयोग करने में मदद मिल सकती है। इस प्रक्रिया के जरिए महिलाएं अपने कौशल और क्षमताओं को पहचान कर नए अवसरों का लाभ उठा सकती हैं।
कार्यशाला में शामिल महत्वपूर्ण विषय
कार्यशाला में कई महत्वपूर्ण विषयों पर चर्चा की गई, जिनमें मुख्य रूप से निम्नलिखित शामिल थे:
- महिलाओं के लिए रोजगार एवं स्वरोजगार के अवसर
- स्थानीय संसाधनों का प्रभावी उपयोग
- समुदाय में सामूहिक प्रयासों को बढ़ावा देने के तरीके
- सामाजिक सुरक्षा योजनाओं का लाभ उठाने के उपाय
इस कार्यक्रम में शामिल विभिन्न संगठनों के प्रतिनिधियों ने अपने अनुभव साझा किए और यह बताया कि किस प्रकार महिलाएं अपने समुदाय में बदलाव ला सकती हैं। उन्होंने स्थानीय स्तर पर आर्थिक विकास के लिए एकजुट होकर काम करने की आवश्यकता पर जोर दिया।
महिला सशक्तीकरण की दिशा में कदम
कार्यशाला के दौरान कई महिलाएं अपने अनुभव साझा करते हुए यह कहती नजर आईं कि किस प्रकार एसेट मैपिंग ने उन्हें अपने व्यवसाय को आगे बढ़ाने और अपने समुदाय में सकारात्मक बदलाव लाने में मदद की है। इस प्रक्रिया ने उन्हें आत्मनिर्भर बनने का एक नया रास्ता दिखाया है।
इसके साथ ही, कार्यशाला में उपस्थित विशेषज्ञों ने यह भी बताया कि महिलाओं को अपने अधिकारों और उपलब्ध अवसरों के प्रति जागरूक करना जरूरी है। इसके लिए विभिन्न शैक्षणिक और प्रशिक्षण कार्यक्रमों का आयोजन किया जाना चाहिए।
समुदाय के विकास में एसेट मैपिंग का योगदान
एसेट मैपिंग एक महत्वपूर्ण प्रक्रिया है, जो समुदाय के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकती है। यह प्रक्रिया स्थानीय संसाधनों की पहचान और उनके प्रभावी प्रबंधन पर केंद्रित है। जब महिलाएं अपने आस-पास के संसाधनों को समझती हैं, तो वे न केवल अपने लिए बल्कि अपने समुदाय के लिए भी विकास के नए रास्ते खोल सकती हैं।
कार्यशाला में चर्चा किए गए मुद्दों के माध्यम से यह स्पष्ट हुआ कि महिला सशक्तीकरण केवल उनके लिए नहीं, बल्कि पूरे समाज के लिए लाभकारी है। जब महिलाएं सशक्त होती हैं, तो वे अपने परिवार और समुदाय के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं।
कार्यशाला का समापन एवं भविष्य की योजनाएँ
कार्यशाला का समापन एक संकल्प के साथ हुआ, जिसमें सभी प्रतिभागियों ने मिलकर महिला सशक्तीकरण के लिए काम करने और समुदाय के विकास में सहयोग देने का वचन दिया। आयोजकों ने यह भी घोषणा की कि भविष्य में ऐसे और कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे, ताकि अधिक से अधिक महिलाएं इस प्रक्रिया का हिस्सा बन सकें।
इस प्रकार, यह कार्यशाला न केवल महिलाओं के लिए बल्कि पूरे समुदाय के विकास के लिए एक महत्वपूर्ण कदम साबित हुई है। इससे यह संदेश गया है कि जब महिलाएं अपने अधिकारों और अवसरों के प्रति जागरूक होती हैं, तो वे अपने जीवन में सकारात्मक बदलाव ला सकती हैं।
इस कार्यशाला के माध्यम से झारखंड में महिला सशक्तीकरण के नए अध्याय की शुरुआत हुई है, जो आने वाले समय में और भी प्रभावी साबित होगा।





















