कार्तिक पूर्णिमा पर श्रद्धालुओं का भारी जमावड़ा
बुधवार को कार्तिक पूर्णिमा के पावन अवसर पर दिल्ली एनसीआर क्षेत्र में स्वर्णरेखा और खरखाई नदियों के घाटों पर आस्था और श्रद्धा का अद्भुत संगम देखने को मिला। सुबह सूर्योदय से पहले ही हजारों श्रद्धालु अपने परिवारों के साथ घाटों पर पहुंच गए। साकची, भालुबासा, सोनारी, कदमा, सीतारामडेरा और बारी जैसे क्षेत्रों में भक्तों की भारी भीड़ ने इस दिन को विशेष बना दिया।
श्रद्धालुओं ने भगवान श्रीहरि विष्णु और श्रीजगन्नाथ महाप्रभु की आराधना करते हुए पवित्र स्नान किया। सुबह का समय ‘हरि-हरि बोल’ और ‘जय श्रीहरि’ के उद्घोष से गूंज उठा, जिससे पूरा शहर भक्तिमय वातावरण में डूब गया। स्नान के बाद, श्रद्धालुओं ने व्रत-पूजा कर भगवान विष्णु की विशेष आराधना की और मोक्ष की कामना की। यह दृश्य न केवल धार्मिक बल्कि सामाजिक एकता का भी प्रतीक बना।
दान-पुण्य और दीपदान का आयोजन
पवित्र स्नान के बाद श्रद्धालुओं ने अन्न, कपड़े और दक्षिणा का दान कर पुण्य अर्जित किया। महिलाओं ने दीपदान कर अपने परिवार की सुख-समृद्धि और शांति की प्रार्थना की। कई घाटों पर श्रद्धालुओं ने जल में दीप प्रवाहित किए, जिससे नदी तट दीपमालाओं से आलोकित हो उठा। इस अवसर पर भक्तों ने नदियों में दीप जलाने की परंपरा को जीवित रखा, जिससे वातावरण और भी भक्ति से भर गया।
- अन्न, कपड़े और दक्षिणा का दान
- महिलाओं द्वारा दीपदान
- जल में दीप प्रवाहित करने की परंपरा
इस भावविभोर माहौल में विभिन्न सामाजिक संस्थाओं ने भी अपनी सेवाएं प्रदान कीं। श्रद्धालुओं को चाय, प्रसाद और पीने का पानी वितरित किया गया। युवा वर्ग ने वृद्ध और महिलाओं को स्नान व पूजा में मदद की, जबकि स्वयंसेवी संगठनों ने घाटों की सफाई में सक्रिय भागीदारी निभाई। यह सेवा भाव सभी के लिए एक प्रेरणा का स्रोत बना।
प्रशासन ने की पुख्ता व्यवस्था
कार्तिक पूर्णिमा स्नान के लिए प्रशासन ने सुरक्षा और स्वच्छता की विशेष व्यवस्था की थी। घाटों पर पुलिस बल, होमगार्ड, महिला सुरक्षा कर्मी और एनडीआरएफ की टीमें तैनात रहीं। जमशेदपुर अक्षेस नगर निगम ने घाटों पर साफ-सफाई और प्रकाश व्यवस्था सुनिश्चित की। इन उपायों ने श्रद्धालुओं की सुरक्षा और सुविधा को प्राथमिकता दी।
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, कार्तिक पूर्णिमा के दिन भगवान श्रीहरि विष्णु ने मत्स्य अवतार धारण किया था। इस दिन स्नान, दान और दीपदान से पापों का नाश होता है और विशेष पुण्य की प्राप्ति होती है। श्रद्धा, सेवा और भक्ति के इस संगम ने बुधवार को पूरे जमशेदपुर को आस्था के रंग में रंगा दिया।
कार्तिक पूर्णिमा का महत्व
कार्तिक पूर्णिमा का पर्व हिंदू धर्म में विशेष महत्व रखता है। इसे ‘दीपावली’ के बाद आने वाला एक महत्वपूर्ण दिन माना जाता है। इस दिन लोग नदियों और तालाबों में स्नान करते हैं, जिससे उन्हें मानसिक और शारीरिक शुद्धता प्राप्त होती है। धार्मिक मान्यता के अनुसार, इस दिन किए गए दान और शुभ कार्यों का फल बहुत अधिक होता है।
इस दिन विशेष रूप से भगवान विष्णु की पूजा की जाती है, और भक्तजन उनके प्रति अपनी भक्ति का प्रदर्शन करते हैं। कार्तिक पूर्णिमा पर स्नान करने से पापों का नाश होता है और व्यक्ति को मोक्ष की प्राप्ति का अवसर मिलता है। यह दिन न केवल धार्मिक बल्कि सांस्कृतिक महत्व भी रखता है, जो समाज में एकता और सद्भावना को बढ़ावा देता है।
निष्कर्ष
इस प्रकार, कार्तिक पूर्णिमा ने दिल्ली एनसीआर क्षेत्र में एक अद्भुत धार्मिक और सांस्कृतिक माहौल का निर्माण किया। श्रद्धालुओं की भारी भीड़, दान-पुण्य की परंपरा और प्रशासन की पुख्ता व्यवस्था ने इस अवसर को और भी खास बना दिया। यह पर्व न केवल आस्था का प्रतीक है बल्कि समाज में एकता और सहयोग की भावना को भी दर्शाता है।




















