कार्तिक पूर्णिमा पर मां भद्रकाली की पूजा में उमड़ी श्रद्धालुओं की भीड़
दिल्ली एनसीआर में कार्तिक पूर्णिमा के अवसर पर बुधवार को मां भद्रकाली के मंदिर में श्रद्धालुओं की भारी भीड़ देखने को मिली। इस पावन दिन पर लोगों ने मां की पूजा-अर्चना करके सुख-समृद्धि की कामना की। इस वर्ष यहां रिकॉर्ड तोड़ 25,000 से अधिक श्रद्धालुओं ने मां के दर्शन किए। सुबह 5 बजे से लेकर दिन 1 बजे तक मंदिर प्रांगण में भक्तों का जनसैलाब उमड़ता रहा।
मंदिर के पीछे बहने वाली यु आकार की उत्तर और दक्षिण वाहिनी नदी में भी श्रद्धालुओं की भीड़ दिखी। 5 नवंबर की सुबह 3 बजे से ही भक्तजन श्रद्धा और आस्था के साथ डुबकी लगाने पहुंचे। श्रद्धालुओं ने नदी में स्नान करने के बाद दीपदान किया और तत्पश्चात मां के मंदिर में प्रवेश किया। वहां मां का श्रृंगार पूजन किया गया। इसके बाद मां की विधिवत आरती उतारी गई, जिससे भक्तों में एक नई ऊर्जा का संचार हुआ।
मंदिर में पूजा पाठ का आयोजन
सुबह 5 बजे से लेकर दोपहर 12 बजे तक श्रद्धालुओं ने भक्ति भाव से माता रानी की गर्भगृह में जाकर पूजा की। पूजा के बाद, मंदिर का कपाट 12 बजे एक घंटे के लिए बंद कर दिया गया ताकि माता रानी को भोग अर्पित किया जा सके। भक्तों में इस समय भीषण उत्साह देखा गया। लोग एकत्रित होकर गदगद भाव से माता रानी के भोग का इंतजार करते रहे।
इसके बाद 1 बजे दिन में मंदिर का कपाट पुनः श्रद्धालुओं के लिए खोल दिया गया। भक्तों ने मां भद्रकाली के प्रति अपनी श्रद्धा व्यक्त करते हुए पूजा-पाठ किया। इस अवसर पर श्रद्धालुओं ने एक-दूसरे के साथ मिलकर भक्ति गीत गाए, जिससे मंदिर परिसर में भक्ति का माहौल बना रहा।
धार्मिक आस्था का प्रतीक
कार्तिक पूर्णिमा का यह पर्व न केवल धार्मिक आस्था का प्रतीक है, बल्कि समाज में एकता और भाईचारे को भी बढ़ावा देता है। इस दिन भक्तजन एकत्र होकर एक-दूसरे के साथ अपने अनुभव साझा करते हैं। मां भद्रकाली की पूजा में शामिल होने वाले श्रद्धालुओं ने एक-दूसरे को शुभकामनाएं दीं और अपने परिवार तथा समाज के कल्याण की कामना की।
इस वर्ष की कार्तिक पूर्णिमा ने एक नई परंपरा स्थापित की है। मंदिर में उमड़ी भीड़ इस बात का प्रमाण है कि लोग अपनी धार्मिक आस्था के प्रति कितने समर्पित हैं। भक्तों की यह संख्या आने वाले समय में और भी बढ़ने की संभावना है, जो कि धार्मिक आयोजनों की लोकप्रियता को दर्शाता है।
समाज के लिए एक प्रेरणा
कार्तिक पूर्णिमा का यह पर्व हमें यह सिखाता है कि आस्था और विश्वास के साथ की गई पूजा का कितना महत्व होता है। मां भद्रकाली की पूजा से न केवल व्यक्तिगत कल्याण की कामना की जाती है, बल्कि यह समाज के लिए भी एक प्रेरणा बनती है। लोग अपने-अपने दिल की गहराइयों से मां से प्रार्थना करते हैं कि वे उनके जीवन में सुख और समृद्धि लाएं।
इस प्रकार, कार्तिक पूर्णिमा का पर्व केवल एक धार्मिक त्योहार नहीं है, बल्कि यह समाज की एकता और भाईचारे का प्रतीक है। इस अवसर पर श्रद्धालुओं ने मिलकर एक-दूसरे का सहयोग किया और मां भद्रकाली से आशीर्वाद प्राप्त किया। इस प्रकार, यह दिन श्रद्धा, भक्ति और सामाजिक समरसता का एक महत्वपूर्ण उदाहरण बन गया।
इस पावन अवसर पर दिल्ली एनसीआर के सभी भक्तों को हमारी ओर से हार्दिक शुभकामनाएं।























