गोड्डा के मालिगोड़ा गांव में मूलभूत सुविधाओं की कमी
गोड्डा जिले के बोआरीजोर प्रखंड के मालिगोड़ा गांव के निवासी आज भी बुनियादी सुविधाओं से वंचित हैं। इस गांव में सड़क और पेयजल की स्थिति गंभीर है, जिसके चलते स्थानीय लोग लंबे समय से परेशान हैं। ग्रामीणों का कहना है कि सरकार की विकास योजनाओं का लाभ यहां के निवासियों तक नहीं पहुंच रहा है, जिससे उनकी दिनचर्या प्रभावित हो रही है।
पेयजल और सड़क की समस्याएं
स्थानीय लोगों के अनुसार, गांव में स्थापित की गई एक सोलर टंकी पेयजल की समस्या का समाधान नहीं कर पा रही है। इस टंकी में अब तक पानी की आपूर्ति शुरू नहीं हो पाई है, जिससे ग्रामीणों को पानी के लिए काफी कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है। इसके अलावा, गांव तक जाने वाली सड़क की स्थिति भी बेहद खराब है।
8 किलोमीटर तक खाट पर लादकर पैदल चलना पड़ता है
सड़क के जर्जर हालात के कारण कोई भी वाहन या एंबुलेंस गांव तक नहीं पहुंच पाती। ऐसी स्थिति में, बीमार मरीजों को अस्पताल ले जाने के लिए ग्रामीणों को लगभग 8 किलोमीटर तक खाट पर लादकर पैदल चलना पड़ता है। यह स्थिति न केवल स्वास्थ्य के लिए खतरनाक है, बल्कि ग्रामीणों के लिए बेहद कठिनाई भरी भी है।
ग्रामीणों की शिकायतें और प्रशासन की निष्क्रियता
गांव के प्रधान और अन्य ग्रामीणों ने बताया कि उन्होंने संबंधित विभाग को कई बार इन समस्याओं के बारे में अवगत कराया है, लेकिन अब तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं की गई है। इस स्थिति से ग्रामीणों में आक्रोश बढ़ रहा है। वे चाहते हैं कि प्रशासन उनकी समस्याओं का समाधान करे और उनकी आवाज सुनी जाए।
सामाजिक कार्यकर्ता दीनबंधु मंडल ने चेतावनी दी है कि यदि 15 दिनों के भीतर सड़क और पानी की समस्या का समाधान नहीं किया गया, तो ग्रामीण प्रखंड कार्यालय का घेराव करेंगे। उन्होंने कहा कि सरकार विकास की बातें करती है, लेकिन मालिगोड़ा जैसे गांव आज भी बुनियादी सुविधाओं से वंचित हैं।
उपायुक्त से समाधान की अपील
दीनबंधु मंडल ने गोड्डा उपायुक्त श्रीमती अंजली यादव से अनुरोध किया है कि वे स्वयं मौके पर पहुंचकर स्थिति का जायजा लें और शीघ्र समाधान के लिए आवश्यक कदम उठाएं। उनका कहना है कि यदि समस्या का समाधान नहीं हुआ तो ग्रामीणों को धरना-प्रदर्शन करने के लिए मजबूर होना पड़ेगा।
पानी की जो भी समस्या है PHD को सूचित कर समस्या का समाधान कराया जाएगा। सड़क की समस्या का भी जल्द निदान किया जाएगा। कुछ गांव के सड़कों का टेंडर प्रोसेस में है। -मिथलेश कुमार, प्रखंड विकास पदाधिकारी, बोआरीजोर
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संभावित समाधान और भविष्य की दिशा
गांव के निवासी आशा करते हैं कि प्रशासन उनकी समस्याओं का गंभीरता से संज्ञान लेगा। यदि प्रशासन ने शीघ्र ही इन मुद्दों का समाधान नहीं किया, तो यह ग्रामीणों के लिए एक बड़ी चुनौती बन सकती है। स्थानीय निवासियों की उम्मीद है कि उनके संघर्ष का कोई सकारात्मक परिणाम निकलेगा और उन्हें जल्द ही बुनियादी सुविधाएं मिलेंगी।
इस स्थिति के समाधान के लिए ग्रामीणों ने एकजुट होकर आवाज उठाई है, जिससे यह साफ है कि वे अपने अधिकारों के लिए लड़ने को तैयार हैं। इससे यह भी स्पष्ट होता है कि सरकार को विकास की योजनाओं को केवल कागजों पर नहीं, बल्कि वास्तविकता में कार्यान्वित करना होगा।























