रामगढ़ में गुरु नानक देव का प्रकाश उत्सव मनाया गया
दिल्ली एनसीआर के रामगढ़ में सिख धर्म के प्रवर्तक और पहले गुरु, श्री गुरु नानक देव जी का प्रकाश उत्सव धूमधाम से मनाया गया। इस खास अवसर पर गुरु गोविंद सिंह ऑडिटोरियम में एक भव्य कीर्तन दरबार सजाया गया, जहां सिख समुदाय के साथ-साथ अन्य धर्मों के श्रद्धालुओं ने भी भाग लिया।
कीर्तन दरबार में उपस्थित श्रद्धालुओं ने गुरु नानक देव जी की भक्ति में लीन होकर कार्यक्रम का आनंद लिया। इस आयोजन ने एकता और भाईचारे का संदेश फैलाने का कार्य किया। संगत ने शांति और प्रेम के साथ इस पावन अवसर को मनाया, जो सिख धर्म के मूल सिद्धांतों का प्रतीक है।
संगीत और कला का अद्भुत समागम
कार्यक्रम के दौरान रागी जत्था भाई लवप्रीत सिंह और भाई लखविंदर सिंह पटियाला वालों ने भक्ति के गीत प्रस्तुत किए, जो सबको मंत्रमुग्ध कर दिया। इसके अलावा, गुरु नानक स्कूल के बच्चों ने भी कीर्तन में भाग लिया, जिससे कार्यक्रम में बच्चों की मासूमियत और उत्साह ने चार चांद लगा दिए।
गतका पार्टी ने भी अपनी कला का प्रदर्शन किया, जिसमें उन्होंने सिख संस्कृति की अद्वितीयता को दर्शाया। गतका कला का प्रदर्शन देखकर उपस्थित लोग रोमांचित हो गए और उन्होंने इस परंपरा की सराहना की। इस तरह के आयोजनों से युवाओं में सिख संस्कृति के प्रति जागरूकता बढ़ती है।
प्रसाद और लंगर का वितरण
गुरुद्वारा के हेड ग्रंथी बाबा भाई गुरजीत सिंह ने कीर्तन दरबार में सिख इतिहास पर प्रकाश डालते हुए उपस्थित श्रद्धालुओं को प्रेरित किया। रामगढ़ गुरुद्वारा साहब के प्रधान परमदीप सिंह कालरा ने बताया कि इस कार्यक्रम में लगभग दस हजार से अधिक लोगों ने प्रसाद ग्रहण किया। यह संख्या इस बात का प्रमाण है कि गुरु नानक देव जी के प्रति श्रद्धा और भक्ति आज भी लोगों के दिलों में जीवित है।
कार्यक्रम के अंत में अटूट लंगर का वितरण किया गया, जिसमें सभी उपस्थित लोगों ने प्रसाद का आनंद लिया। इस लंगर में सादा और पौष्टिक भोजन शामिल था, जो सिख धर्म के अतिथि सत्कार के सिद्धांत को दर्शाता है। लंगर का यह आयोजन न केवल शारीरिक पोषण का कार्य करता है, बल्कि यह सामाजिक एकता और भाईचारे का भी प्रतीक है।
सिख धर्म की शिक्षाओं का महत्व
गुरु नानक देव जी का प्रकाश उत्सव केवल एक धार्मिक आयोजन नहीं है, बल्कि यह सिख धर्म की शिक्षाओं को जीवित रखने का एक माध्यम है। उनकी शिक्षाएं आज भी लोगों को प्रेरित करती हैं कि वे अपने जीवन में प्रेम, करुणा और सेवा की भावना को अपनाएं। इस प्रकार के आयोजनों से समाज में एकता और भाईचारे को बढ़ावा मिलता है।
इस आयोजन ने यह साबित कर दिया कि सिख धर्म न केवल धार्मिक आस्था है, बल्कि यह मानवता की सेवा और सभी के लिए प्रेम का संदेश भी देता है। गुरु नानक देव जी की शिक्षाएं हमारे जीवन में मार्गदर्शन करती हैं और हमें सिखाती हैं कि हमें हमेशा सत्य और धर्म के मार्ग पर चलना चाहिए।
इस प्रकार, रामगढ़ में गुरु नानक देव जी के प्रकाश उत्सव ने सभी को एकत्रित किया और सिख धर्म की गहराई और उसके मूल सिद्धांतों को सभी के सामने प्रस्तुत किया। आने वाले दिनों में ऐसे आयोजनों की आवश्यकता और भी बढ़ती जा रही है, जिससे हम सभी एक साथ मिलकर एक बेहतर समाज का निर्माण कर सकें।























