झारखंड ने एमएसएमई के लिए विशेष छूट विधेयक को दी मंजूरी
झारखंड की राज्यपाल संतोष कुमार गंगवार ने हाल ही में सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम (विशेष छूट) विधेयक-2025 को स्वीकृति प्रदान की है। इस नए कानून के तहत, राज्य में सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम (एमएसएमई) स्थापित करने के लिए तीन साल तक किसी प्रकार के लाइसेंस की आवश्यकता नहीं होगी। इसके साथ ही, उद्यमियों को किसी भी प्रकार का टैक्स या फीस भी नहीं देना पड़ेगा। यह कदम राज्य में औद्योगिक विकास को प्रोत्साहित करने और निवेश को बढ़ावा देने के उद्देश्य से उठाया गया है।
इस विधेयक को विधानसभा के मानसून सत्र के दौरान पारित किया गया था, जिसके बाद इसे राज्यपाल के पास अनुमोदन के लिए भेजा गया। इस विधेयक में उद्योगों की स्थापना और संचालन के लिए जरूरी अनुमति और निरीक्षण से छूट प्रदान की गई है। इसके अलावा, सिंगल विंडो सिस्टम के माध्यम से लाइसेंस और अनुमति से संबंधित सभी सुविधाएं एक ही प्लेटफॉर्म पर उपलब्ध कराई जाएंगी।
उद्यम पंजीकरण और फायदेमंद योजनाएं
एमएसएमई के तहत उद्योग स्थापित करने के लिए उद्यम पंजीकरण पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन कराना आवश्यक होगा। इस प्रक्रिया के लिए भी कोई शुल्क नहीं रखा गया है। यह रजिस्ट्रेशन केंद्र सरकार द्वारा निर्धारित मापदंडों के आधार पर ऑनलाइन आवेदन करने के बाद किया जाएगा। एमएसएमई के मानदंडों के अनुसार, संयंत्र और मशीनरी में निवेश और वार्षिक कारोबार के आधार पर रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया पूरी होगी। रजिस्ट्रेशन के बाद उद्यमियों को एमएसएमई ऋण, सब्सिडी और अन्य सहायता योजनाओं का लाभ उठाने का अवसर मिलेगा।
एमएसएमई श्रेणी में वे औद्योगिक इकाइयाँ आती हैं, जिनका निवेश 2.5 करोड़ रुपए से लेकर 125 करोड़ रुपए तक और टर्नओवर 10 करोड़ से 500 करोड़ रुपए तक होता है। इससे उद्यमियों को अपने उद्योगों की शुरुआत में ही ध्यान केंद्रित करने में मदद मिलेगी।
अन्य राज्यों से प्रेरणा लेकर उठाया गया कदम
इस कानून को लागू करने के पीछे झारखंड का उद्देश्य अन्य राज्यों जैसे कि गुजरात, तमिलनाडु और तेलंगाना से सीख लेना है, जहाँ इस प्रकार की छूट पहले से ही लागू है। इस पहल से उद्योगपति शुरुआती चरण में ही प्लांट लगाने और उत्पादन पर ध्यान देने में सक्षम होंगे। इससे औद्योगिक समावेशी विकास को बढ़ावा मिलेगा और रोजगार सृजन में मदद मिलेगी।
राज्य की अर्थव्यवस्था को मिलेगा मजबूती
इस विधेयक के जरिए लंबी अनुमोदन प्रक्रिया से बचकर महत्वपूर्ण समय और लागत की बचत होगी। यह व्यवस्थित दृष्टिकोण उद्यमिता के लिए एक अनुकूल वातावरण तैयार करेगा, जिससे आर्थिक गतिविधियों में तेजी आएगी। इसके परिणामस्वरूप, घरेलू और विदेशी दोनों निवेशकों को आकर्षित करने में सहायता मिलेगी और राज्य की अर्थव्यवस्था को मजबूती मिलेगी।
वर्तमान में, झारखंड में 45 लाख लोगों को रोजगार मिल रहा है, जिसमें एमएसएमई इकाइयों की संख्या मार्च 2025 तक 12 लाख हो गई थी। ये इकाइयाँ झारखंड के जीएसडीपी में औसतन 8.8% वार्षिक वृद्धि का योगदान दे रही हैं। इस विशेष रियायत के अलावा, एमएसएमई के लिए इंफ्रास्ट्रक्चर को मजबूत करने और क्रेडिट केस में सुधार के प्रयास भी किए जाएंगे।
निष्कर्ष
झारखंड सरकार का यह कदम निश्चित रूप से राज्य में औद्योगिक विकास को गति देगा और नए उद्यमियों को प्रोत्साहित करेगा। एमएसएमई के लिए विशेष छूट का यह विधेयक रोजगार के अवसरों में वृद्धि और आर्थिक समृद्धि की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। उद्यमियों को अगर सही दिशा में समर्थन और संसाधन मिले तो वे राज्य की अर्थव्यवस्था को और भी मजबूत बना सकते हैं।





















