कांकेर में युवाओं ने छत्तीसगढ़ महतारी और भाषा का अपमान करने वालों के खिलाफ की शिकायत
कांकेर के युवाओं ने छत्तीसगढ़ महतारी और छत्तीसगढ़ी भाषा के प्रति कथित अपमानजनक टिप्पणियों को लेकर दो व्यक्तियों के खिलाफ कोतवाली थाने में शिकायत दर्ज कराई है। इन युवाओं ने दीपक लालवानी और विनय बजाज के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने की मांग की है। यह मामला उस समय प्रकाश में आया जब कुछ युवाओं ने सोशल मीडिया पर अपमानजनक टिप्पणियों का सामना किया।
सोशल मीडिया पर अपशब्द और अपमानजनक टिप्पणियां
शिकायतकर्ताओं में से एक, अनमोल मंडावी ने पुलिस को बताया कि उन्होंने हाल ही में इंस्टाग्राम पर दीपक लालवानी23 आईडी से छत्तीसगढ़ महतारी के लिए अपशब्दों का प्रयोग करते हुए और प्रदेश के लोगों को ‘भिखारी’ कहने वाली टिप्पणी देखी। मंडावी ने कहा कि इस तरह की टिप्पणियों ने उनकी भावनाओं को गहरा आघात पहुँचाया है। युवाओं का नेतृत्व कर रहे अंकित पोटाई ने बताया कि एक न्यूज चैनल की डिबेट के दौरान विनय बजाज ने छत्तीसगढ़ी भाषा को ‘निचली जाति की भाषा’ कहकर उसका अपमान किया।
दंडात्मक कार्रवाई की मांग
अंकित पोटाई ने इस बात पर नाराजगी व्यक्त की कि ऐसे व्यक्तियों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं हो रही है। युवाओं ने मांग की है कि भविष्य में ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति रोकने के लिए दोनों व्यक्तियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर दंडात्मक कार्रवाई की जाए। पोटाई ने कहा, “हमें यह सुनिश्चित करना होगा कि छत्तीसगढ़ महतारी और हमारी भाषा का सम्मान किया जाए।”
आंदोलन की चेतावनी
उन्होंने चेतावनी दी है कि यदि जल्दी कार्रवाई नहीं हुई, तो वे बड़ा आंदोलन करेंगे। अंकित पोटाई ने यह भी कहा कि अमित बघेल के खिलाफ कार्रवाई के लिए शिकायतें दर्ज की जा रही हैं, जिसके लिए कानून बना हुआ है। पोटाई ने जोर देकर कहा कि इस तरह की टिप्पणियों से न केवल छत्तीसगढ़ महतारी का अपमान होता है, बल्कि यह यहां के लोगों की संवेदनाओं को भी ठेस पहुँचाता है।
समाज से सहयोग की अपील
पोटाई ने सभी समाजों से अपील की कि ऐसे मामलों में आगे आने का समय आ गया है। उन्होंने कहा, “यह जरूरी है कि हम एकजुट होकर इस प्रकार की अपमानजनक टिप्पणियों का विरोध करें, क्योंकि यह छत्तीसगढ़ में सामाजिक सौहार्द को बिगाड़ने का काम कर रही हैं।” उन्होंने कहा कि हमें अपने अधिकारों के लिए लड़ना चाहिए और ऐसे लोगों के खिलाफ ठोस कदम उठाने चाहिए जो हमारी संस्कृति और भाषा का अनादर करते हैं।
समाप्ति
कांकेर के युवाओं का यह कदम न केवल छत्तीसगढ़ महतारी और छत्तीसगढ़ी भाषा के प्रति सम्मान को बहाल करने के लिए महत्वपूर्ण है, बल्कि यह समाज में जागरूकता फैलाने का भी एक प्रयास है। आशा की जा रही है कि पुलिस प्रशासन इस मामले को गंभीरता से लेगा और उचित कार्रवाई करेगा।























