ठंड का असर: मोन्था तूफान के बाद तापमान में गिरावट
मोन्था चक्रवाती तूफान का प्रभाव समाप्त होते ही ठंड का आगाज़ हो गया है। पिछले तीन दिनों में न्यूनतम तापमान में 8 डिग्री की कमी आई है। हाल ही में, शहर में न्यूनतम तापमान 12.4 डिग्री दर्ज किया गया है, जो इस सीजन का अब तक का सबसे कम तापमान है। मौसम विभाग के अनुसार, ठंडी हवाओं का प्रवाह अब उत्तर छत्तीसगढ़ में बेहतर तरीके से महसूस किया जा रहा है।
मौसम के इस बदलाव के साथ, आसमान साफ हो गया है और ठंड का असर बढ़ता जा रहा है। पिछले 24 घंटों में न्यूनतम तापमान में 3 डिग्री से अधिक की गिरावट आई है। वहीं, अधिकतम तापमान 30 डिग्री के आस-पास बना हुआ है, जिससे दिन के समय भी ठंड का एहसास हो रहा है।
धुंध और शीत लहर का प्रभाव
मंगलवार सुबह वातावरण में हल्की धुंध छाई रही, जिससे ठंड का अनुभव और बढ़ गया। विशेष रूप से पाट क्षेत्रों में शीत लहर के कारण ठंड की तीव्रता में इजाफा हुआ है। मैनपाट का न्यूनतम तापमान 11 डिग्री के आसपास रहा। मौसम विज्ञानियों का कहना है कि मंगलवार को मौसम साफ रहने की संभावना है, जिससे ठंड का असर और बढ़ सकता है।
तापमान में और गिरावट का पूर्वानुमान
मौसम विज्ञान केंद्र अंबिकापुर के विज्ञानी एएम भट्ठ ने बताया कि पश्चिम उत्तर दिशा से चलने वाली हवाओं के कारण तापमान में और गिरावट आने की संभावना है। वर्तमान में कोई चक्रवातीय प्रणाली नहीं है, जिससे मौसम की स्थिति स्थिर बनी हुई है। पिछले दिनों हुई बारिश के कारण वातावरण में पर्याप्त नमी बनी हुई है, जो ठंड को और बढ़ा सकती है।
विशेषज्ञों का कहना है कि नवंबर में तापमान 10 डिग्री के आसपास पहुंचने की संभावना है। पिछले वर्ष अक्टूबर के अंतिम सप्ताह में न्यूनतम तापमान 15 डिग्री तक पहुंच गया था, लेकिन मोन्था तूफान के चलते उत्तर से आने वाली ठंडी हवा रुक गई थी, जिससे तापमान में वृद्धि हुई थी।
धान की फसल की कटाई में तेजी
मौसम के साफ होने के बाद अब धान की फसल की कटाई में तेजी आने की संभावना है। बारिश के कारण फसलें भीग गई थीं और निचले क्षेत्रों के खेतों में पानी भी जमा हो गया था। अब धूप निकलने के बाद धान की फसल सूखने लगी है, जिससे कटाई का कार्य तेज हो सकेगा।
किसान अभी धान की कटाई के लिए तैयार हो रहे हैं, ताकि समय पर फसल को बाजार में बेच सकें। मौसम के साफ होने से खेतों में काम करने की स्थितियां भी बेहतर हो गई हैं, जिससे किसानों की मेहनत का फल जल्दी मिल सकेगा।
निष्कर्ष
इस प्रकार, मोन्था चक्रवाती तूफान के बाद उत्तर छत्तीसगढ़ में ठंड का प्रभाव तेजी से बढ़ रहा है। तापमान में गिरावट और धुंध के चलते लोगों को ठंड का अनुभव हो रहा है। साथ ही, धान की कटाई में तेजी आने से किसानों को राहत मिलेगी। इस मौसम में तापमान में और गिरावट के संकेत हैं, जो आने वाले दिनों में ठंड को और बढ़ा सकते हैं।























