सरगुजा में ठंड का बढ़ता प्रभाव, तापमान में आई गिरावट
सरगुजा जिले में मोन्था चक्रवाती तूफान के प्रभाव कम होने के साथ ही ठंड का एहसास बढ़ने लगा है। पिछले तीन दिनों में न्यूनतम तापमान में 8 डिग्री की गिरावट देखी गई है। हालाँकि, पिछले 24 घंटों के दौरान बादलों की आवाजाही के कारण तापमान स्थिर बना रहा, और अंबिकापुर का न्यूनतम तापमान 12.5 डिग्री रिकॉर्ड किया गया है।
तापमान में बदलाव का कारण
अक्टूबर महीने के अंतिम सप्ताह में, सरगुजा में न्यूनतम तापमान 15 डिग्री तक गिर गया था। इसके बाद मोन्था के प्रभाव से बारिश हुई और आसमान में बादल छाए रहे, जिससे तापमान में फिर से वृद्धि हुई। जैसे ही मोन्था का प्रभाव कम हुआ, आसमान साफ हुआ और तापमान में गिरावट आई। मंगलवार को अंबिकापुर का न्यूनतम तापमान 12.4 डिग्री दर्ज किया गया था, परंतु बुधवार को यह फिर से 12.5 डिग्री पर स्थिर रहा। वहीं, सरगुजा के मैनपाट और बलरामपुर के सामरी पाट क्षेत्र में तापमान 11 डिग्री के करीब पहुंच गया है।
सर्द हवाओं का असर
पाट क्षेत्रों में सर्द हवाओं के कारण दिन में भी ठंड का एहसास बढ़ने लगा है। मंगलवार और बुधवार की सुबह वातावरण में हल्की धुंध छाई रही, जिससे ठंड का अनुभव और बढ़ गया। मौसम में नमी बनी हुई है, और यदि तापमान और गिरता है, तो धुंध बढ़ने की संभावना बनी हुई है। आगामी दिनों में घने कोहरे की स्थिति भी उत्पन्न हो सकती है, जिससे यात्रा में बाधा आ सकती है।
तापमान में गिरावट की भविष्यवाणी
मौसम विज्ञान केंद्र अंबिकापुर के विज्ञानी एएम भट्ठ ने बताया कि पश्चिम उत्तर दिशा से चलने वाली हवाओं के कारण तापमान में और गिरावट आएगी। फिलहाल, मौसम में कोई चक्रवाती सिस्टम नहीं है और स्थानीय प्रभाव से बादल छा रहे हैं। उन्होंने कहा कि नवंबर में तापमान 10 डिग्री के आसपास पहुंच सकता है और बादलों के छंटने के बाद न्यूनतम तापमान में और कमी आएगी।
किसानों की धान की कटाई की तैयारी
मोन्था तूफान के कारण धान की फसल भीग गई थी और निचले इलाकों के खेतों में पानी जमा हो गया था। अब जब धूप निकलने लगी है, तो धान की फसल सूखने लगी है और किसान धान की कटाई के लिए तैयारियों में जुट गए हैं। हालांकि, अभी भी कुछ बादल छाए रहने के कारण किसान चिंतित हैं। मोन्था के प्रभाव से हुई बारिश ने धान की फसल को खासा नुकसान पहुंचाया है, जिससे किसानों की चिंता बढ़ गई है।
निष्कर्ष
इस प्रकार, सरगुजा में मौसम में आए बदलाव ने ठंड और धुंध को बढ़ा दिया है, जिससे आम जनजीवन प्रभावित हो रहा है। किसानों के लिए यह समय फसल कटाई का है, लेकिन मौसम की अनिश्चितताओं के कारण उनकी चिंताएं बढ़ गई हैं। मौसम विज्ञान केंद्र द्वारा दी गई जानकारियों के अनुसार, आने वाले दिनों में तापमान में गिरावट की संभावना है, जो ठंड को और बढ़ा सकती है।























