छत्तीसगढ़ में मौसम का हाल: बारिश के बाद शुष्क मौसम की वापसी
दुर्ग में आज मौसम एकदम साफ है और सुबह से सूरज की किरणें चारों ओर बिखरी हुई हैं। छत्तीसगढ़ के विभिन्न हिस्सों में मौसम की स्थिति में सुधार हो रहा है। मौसम विभाग के अनुसार, आज से राज्य में मौसम शुष्क रहने की संभावना है, जिससे तापमान में 1-2 डिग्री की गिरावट भी आ सकती है। अगले दो दिनों में मौसम में कोई विशेष बदलाव होने की संभावना नहीं है।
राज्य में चक्रवात मोन्था का प्रभाव अब समाप्त हो चुका है, लेकिन बंगाल की खाड़ी में बने लो प्रेशर एरिया के कारण राज्य के दक्षिणी और पश्चिमी जिलों में हल्का बदलाव देखने को मिल सकता है। इस दौरान गरज-चमक के साथ हल्की से मध्यम बारिश होने की संभावना है, लेकिन फिलहाल किसी विशेष जिले के लिए मौसम विभाग ने कोई अलर्ट जारी नहीं किया है।
तापमान में गिरावट और बारिश की गतिविधियों का अंत
पिछले 24 घंटों के आंकड़ों के अनुसार, राजनांदगांव में सबसे अधिक तापमान 32.8 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया, जबकि अम्बिकापुर में न्यूनतम तापमान 15.9 डिग्री सेल्सियस रहा। सोमवार को अम्बिकापुर का तापमान 19 डिग्री था, जिससे एक ही दिन में 4 डिग्री की गिरावट देखी गई। बारिश की गतिविधियां अब लगभग समाप्त हो चुकी हैं।
मौसम विभाग के अनुसार, अगले 48 घंटों में शुष्क और ठंडी हवा का प्रभाव बढ़ेगा, जिससे रात का तापमान गिर सकता है और ठंड बढ़ने की संभावना है। इस दौरान कुछ जगहों पर हल्की बूंदाबांदी देखने को मिल सकती है, लेकिन अधिकतर हिस्सों में मौसम साफ रहेगा।
कवर्धा में किसानों को हुआ बड़ा नुकसान
हाल ही में चक्रवात मोन्था के कारण राज्य के कई जिलों में बारिश हुई, जिनमें रायपुर, कवर्धा, बिलासपुर, रायगढ़ और सरगुजा शामिल हैं। शुक्रवार को कवर्धा में हुई भारी बारिश ने किसानों की फसल को बर्बाद कर दिया। खेतों में पहले से कटी हुई फसलें बुरी तरह प्रभावित हुईं, जिससे किसान की आँखों में आंसू आ गए। बस्तर में भी कुछ क्षेत्रों में खड़ी फसलें झुक गईं और कट चुके धान की बोरियां खेतों में सड़ने लगीं।
कवर्धा में बारिश के कारण स्थिति इतनी गंभीर हो गई कि कई किसान अपने खेतों में ही टूट गए। उनकी मेहनत का फल अब बर्बाद हो चुका है, और वे समझ नहीं पा रहे हैं कि आगे क्या करें। इस तरह की क्षति ने किसानों की आर्थिक स्थिति को भी गंभीर रूप से प्रभावित किया है।
कोंडागांव में बुनियादी ढांचे को नुकसान
कोंडागांव जिले के ग्राम आदनार में बारिश के कारण ‘बड़को नाला पुलिया’ धंस गई है, जिससे आवागमन पूरी तरह से बाधित हो गया है। यह पुलिया लिंगोंपथ-मर्दापाल-भाटपाल-नारायणपुर मार्ग को जोड़ने वाली एक महत्वपूर्ण सड़क पर स्थित है। प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना के तहत बनी इस सड़क पर पुलिया का एक हिस्सा धंस गया, जिससे आने-जाने में ग्रामीणों को बहुत परेशानी हो रही है।
पुलिया के धंसने से बड़ा हादसा टल गया, क्योंकि उस समय कोई वाहन पुल पार नहीं कर रहा था। लेकिन स्थानीय निवासियों ने इस घटना को लेकर चिंता व्यक्त की है और प्रशासन से इसे तुरंत ठीक करने की मांग की है।
अक्टूबर में बारिश का रिकॉर्ड
छत्तीसगढ़ में मानसून 15 अक्टूबर तक लौट गया, लेकिन अक्टूबर में अब तक की बारिश रिकॉर्ड पर है। मौसम विभाग के अनुसार, 1 से 26 अक्टूबर तक राज्य में 89.4 मिमी बारिश हुई है, जो औसत से 59 फीसदी अधिक है। यह आंकड़ा बताता है कि पिछले कुछ दिनों में हुई बारिश ने राज्य के जलस्तर को बेहतर बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।
किसानों के लिए यह मौसम चुनौतीपूर्ण रहा है, लेकिन उम्मीद की जा रही है कि अगले कुछ दिनों में मौसम सामान्य होगा और तापमान में वृद्धि होगी। मौसम विभाग की रिपोर्ट के अनुसार, छत्तीसगढ़ में अब एक नया मौसम चक्र शुरू होगा, जो आने वाले दिनों में फसलों के लिए बेहतर साबित हो सकता है।
अंत में, यह कहा जा सकता है कि छत्तीसगढ़ में मौसम की स्थिति सुधार की ओर है, लेकिन हाल की बारिश ने किसानों को गंभीर नुकसान पहुंचाया है।


























