बलरामपुर जिले में दो सरकारी कर्मचारियों का निलंबन
बलरामपुर जिले में प्रशासन ने दो सरकारी कर्मचारियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की है। कलेक्टर राजेंद्र कटारा और जिला शिक्षा अधिकारी एमआर यादव के आदेश पर यह कदम उठाया गया है। इस कार्रवाई का मुख्य कारण एक पटवारी का तबादला आदेश का पालन न करना और एक सहायक शिक्षक का ड्यूटी में लापरवाही बरतना है।
पटवारी का तबादला आदेश न मानने की वजह से निलंबन
राजपुर तहसील में पदस्थ पटवारी पप्पू सोनी का तबादला सामरी तहसील में किया गया था। इस संदर्भ में अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व), राजपुर ने उन्हें नवीन पदस्थापना के लिए भारमुक्त कर दिया था। हालांकि, पप्पू सोनी ने 4 नवंबर 2025 तक सामरी तहसील में पदभार ग्रहण नहीं किया, जिसके कारण उन्हें निलंबित किया गया।
इस मामले में कलेक्टर राजेंद्र कटारा ने छत्तीसगढ़ सिविल सेवा (आचरण) नियम 1965 के नियम 3(1)(2)(3) और छत्तीसगढ़ सिविल सेवा (वर्गीकरण, नियंत्रण और अपील) नियम 1966 के नियम 9(1)(क) के तहत पप्पू सोनी को तत्काल प्रभाव से निलंबित करने का निर्णय लिया। यह कदम सरकारी कर्मचारियों की जवाबदेही सुनिश्चित करने के लिए उठाया गया है।
सहायक शिक्षक की लापरवाही के चलते निलंबन
उसी प्रकार, वाड्रफनगर ब्लॉक के धनजरा प्राइमरी स्कूल में पदस्थ सहायक शिक्षक सुनील कुमार पटेल ने भी अपनी ड्यूटी में लापरवाही बरती। शिकायत मिलने के बाद विकासखंड शिक्षा अधिकारी ने मामले की जांच करवाई, जिसमें आरोप सही पाए गए।
जिला शिक्षा अधिकारी एमआर यादव ने भी छत्तीसगढ़ सिविल सेवा (आचरण) नियम 1965 के नियम 3(1)(2)(3) और छत्तीसगढ़ सिविल सेवा (वर्गीकरण, नियंत्रण और अपील) नियम 1966 के नियम 9(क) के तहत सुनील कुमार पटेल को निलंबित करने का आदेश दिया। यह कार्रवाई शिक्षकों की जिम्मेदारी को ध्यान में रखते हुए की गई है।
निलंबन की अवधि और भत्ते की जानकारी
निलंबन अवधि के दौरान सुनील कुमार पटेल का मुख्यालय कार्यालय विकासखंड शिक्षा अधिकारी, रामचंद्रपुर निर्धारित किया गया है। वह इस अवधि में नियमानुसार जीवन निर्वाह भत्ते के लिए पात्र होंगे। यह उनके लिए एक महत्वपूर्ण पहलू है, क्योंकि निलंबन के दौरान भी उन्हें अपने जीवनयापन के लिए कुछ आर्थिक सहायता मिलेगी।
सरकारी कर्मचारियों की जिम्मेदारी और जवाबदेही
यह घटनाएँ यह दर्शाती हैं कि सरकारी कर्मचारियों के प्रति प्रशासन की निगरानी बढ़ी है। निलंबन की यह कार्रवाई दर्शाती है कि सरकार अपने कर्मचारियों से अपेक्षा करती है कि वे अपनी जिम्मेदारियों को पूरी ईमानदारी से निभाएं। यदि कोई भी कर्मचारी अपने कर्तव्यों में कोताही बरतता है, तो उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।
इस प्रकार की कार्रवाइयाँ सरकारी तंत्र में अनुशासन बनाए रखने के लिए आवश्यक हैं। यह सुनिश्चित करना कि सभी कर्मचारी अपने कर्तव्यों का पालन करें, समाज की सेवा में सुधार लाने का एक महत्वपूर्ण कदम है। प्रशासन की इस पहल से आशा जताई जा रही है कि अन्य कर्मचारी भी अपनी जिम्मेदारियों को लेकर सजग रहेंगे और अपने कार्यों में लापरवाही नहीं करेंगे।
निष्कर्ष
बलरामपुर जिले के इन घटनाक्रमों से यह स्पष्ट होता है कि सरकारी कर्मचारियों की निगरानी और जवाबदेही सुनिश्चित करने के लिए प्रशासन गंभीर है। इस प्रकार की कार्रवाई न केवल अनुशासन को बनाए रखती है, बल्कि समाज में विश्वास भी बढ़ाती है। हम उम्मीद करते हैं कि इस प्रकार की सख्त कार्रवाई से अन्य कर्मचारी भी अपनी जिम्मेदारियों को समझेंगे और अपने कार्यों में सुधार लाएंगे।























