सारंगढ़-बिलाईगढ़ जिले में सहकारी बैंक कर्मचारियों की हड़ताल का दूसरा चरण शुरू
सारंगढ़-बिलाईगढ़ जिले में जिला सहकारी केंद्रीय बैंक के कर्मचारियों ने अपनी लंबित वार्षिक वेतन वृद्धि की मांग को लेकर हड़ताल का दूसरा चरण आरंभ कर दिया है। इस हड़ताल के चलते किसानों और अमानतदारों को गंभीर कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है। यह आंदोलन रायपुर बैंक के अंतर्गत आने वाले 6 जिलों की 73 शाखाओं में लगभग 700 कर्मचारियों द्वारा किया जा रहा है।
हड़ताल की घोषणा और प्रदर्शन का समय
कर्मचारियों ने 29 अक्टूबर को हड़ताल की घोषणा की थी। इसके तहत, 3 नवंबर से सभी 73 शाखाओं में सुबह साढ़े 10 बजे से साढ़े 11 बजे तक एक घंटे का विरोध प्रदर्शन किया जा रहा है। इस दौरान, कर्मचारी अपनी मांगों को लेकर अपनी आवाज उठाने के लिए एकजुट हुए हैं।
भटगांव स्थित जिला सहकारी केंद्रीय मर्यादित बैंक शाखा के अधिकारी और कर्मचारी भी इस प्रदर्शन में सक्रिय रूप से हिस्सा ले रहे हैं। इस हड़ताल के कारण, बैंकिंग सेवाओं की रुकावट से किसानों को धान की बिक्री और अन्य वित्तीय लेनदेन में कठिनाई का सामना करना पड़ रहा है।
कर्मचारियों की निराशा और सरकार की अनदेखी
कर्मचारी संघ के अध्यक्ष मोहनलाल साहू और अन्य पदाधिकारियों ने एक संयुक्त बयान जारी किया है। उन्होंने कहा कि वार्षिक वेतन वृद्धि से सरकारी खजाने पर कोई अतिरिक्त भार नहीं पड़ेगा, क्योंकि यह बैंक के अर्जित लाभ से दी जानी है। इसके बावजूद, सहकारिता विभाग का रवैया कर्मचारियों को निराश कर रहा है, खासकर जब हाईकोर्ट का स्पष्ट निर्णय भी उनके पक्ष में है।
धान खरीदी की प्रक्रिया पर असर
संघ ने सरकार को चेताया है कि छत्तीसगढ़ सरकार का महत्वपूर्ण धान खरीदी का भुगतान इन्हीं बैंकों के माध्यम से होता है। यदि 73 शाखाओं के बैंक कर्मचारी हड़ताल पर रहते हैं, तो शासन की छवि प्रभावित होगी और धान खरीदी जैसी महत्वपूर्ण प्रक्रिया में गंभीर समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं। ऐसे में, किसानों और अन्य हितधारकों के लिए यह एक गंभीर चिंता का विषय बन सकता है।
सामाजिक संगठनों का समर्थन
कर्मचारी संघ को लगातार राजनीतिक और सामाजिक संगठनों से समर्थन प्राप्त हो रहा है। किसान संगठन भी कर्मचारियों के प्रति सहानुभूति व्यक्त कर रहे हैं। इस समर्थन से कर्मचारियों का मनोबल बढ़ा है और वे अपने अधिकारों के लिए और अधिक प्रभावी ढंग से संघर्ष करने के लिए प्रेरित हो रहे हैं।
आगामी आंदोलन की चेतावनी
संघ ने स्पष्ट चेतावनी दी है कि यदि उनकी मांगें समय पर पूरी नहीं हुईं, तो वे आगामी समय में आंदोलन को और तेज करने का निर्णय ले सकते हैं। इस स्थिति से न केवल बैंक के कर्मचारियों को, बल्कि किसानों को भी परेशानी का सामना करना पड़ सकता है।
- कर्मचारियों ने 29 अक्टूबर से हड़ताल की घोषणा की थी।
- 73 शाखाओं में लगभग 700 कर्मचारी आंदोलन का हिस्सा हैं।
- किसान संगठन भी कर्मचारियों के प्रति सहानुभूति व्यक्त कर रहे हैं।
- यदि मांगें नहीं मानी गईं, तो आंदोलन को तेज करने की चेतावनी दी गई है।
इस प्रकार, यह हड़ताल सारंगढ़-बिलाईगढ़ जिले में न केवल बैंक सेवाओं को प्रभावित कर रही है, बल्कि किसानों की आर्थिक स्थिति पर भी नकारात्मक प्रभाव डाल सकती है। समय रहते यदि सरकार इस मामले में हस्तक्षेप नहीं करती है, तो यह संकट और गहरा हो सकता है।






















