Smuggling: रायगढ़ में मवेशी तस्करी के दो पिकअप पकड़े गए

सारांश

छत्तीसगढ़ में मवेशी तस्करी का मामला: फॉरेस्ट बेरियर पर तस्कर पकड़ा गया छत्तीसगढ़ के रायगढ़ जिला से एक गंभीर मवेशी तस्करी का मामला सामने आया है। जहां तस्कर एक पिकअप वाहन में मवेशियों को क्रूरतापूर्वक लोड कर परिवहन कर रहे थे। यह घटना खरसिया क्षेत्र में फॉरेस्ट बेरियर पर हुई, जहाँ वन विभाग के एक […]

kapil6294
Nov 05, 2025, 7:44 PM IST

छत्तीसगढ़ में मवेशी तस्करी का मामला: फॉरेस्ट बेरियर पर तस्कर पकड़ा गया

छत्तीसगढ़ के रायगढ़ जिला से एक गंभीर मवेशी तस्करी का मामला सामने आया है। जहां तस्कर एक पिकअप वाहन में मवेशियों को क्रूरतापूर्वक लोड कर परिवहन कर रहे थे। यह घटना खरसिया क्षेत्र में फॉरेस्ट बेरियर पर हुई, जहाँ वन विभाग के एक भृत्य ने तस्करों को पकड़ा। इस दौरान एक आरोपी मौके से फरार हो गया, जबकि दूसरा तस्कर पकड़ में आ गया।

तस्करी की घटना की जानकारी

मिली जानकारी के अनुसार, डभरा थाना क्षेत्र के ग्राम धुरकोट निवासी दिनेश कुमार साहू, जो पिछले पांच वर्षों से पलगढ़ा बेरियर में भृत्य के पद पर कार्यरत हैं, ने यह कार्रवाई की। सोमवार की रात, जब दिनेश ड्यूटी पर थे, तब सुबह करीब 4 बजे उन्होंने दो पिकअप वाहनों को रोककर उनकी जांच की। इस दौरान उन्हें पिकअप में गाय और बैल लोड मिले।

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तस्करों की गिरफ्तारी में दिनेश की भूमिका

जब दिनेश ने पिकअप के चालकों से पूछताछ की, तो उन्होंने टालमटोल जवाब देने शुरू कर दिए। इसी बीच, दिनेश को शक हुआ और उन्होंने चालकों को गाड़ियों को किनारे खड़ी करने के लिए कहा। इस पर एक पिकअप का चालक मवेशियों से भरी गाड़ी वहीं छोड़कर फरार हो गया।

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पुलिस की कार्रवाई और आरोपी का विवरण

फरार हुए चालक के अलावा, दूसरे चालक ने बताया कि उसका नाम शेख अमानत है और वह जशपुर जिले के ग्राम रोकबहार का निवासी है। दिनेश ने तुरंत इस मामले की सूचना स्थानीय पुलिस को दी। पुलिस ने मौके पर पहुंचकर दोनों पिकअप वाहनों को जब्त किया और आरोपियों के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया है। इस मामले की गहन जांच अभी जारी है।

मवेशी तस्करी की बढ़ती समस्या

छत्तीसगढ़ में मवेशी तस्करी की समस्या लगातार बढ़ रही है, जिससे न केवल पशुपालकों को नुकसान हो रहा है, बल्कि यह समाज में भी कई समस्याएं उत्पन्न कर रही हैं। मवेशियों की तस्करी एक संगठित अपराध बन चुका है, जिसमें कई लोग शामिल होते हैं। ऐसे मामलों में त्वरित कार्रवाई जरूरी है ताकि तस्करों को रोकने में सफलता मिल सके।

सरकार और प्रशासन का ध्यान

इस प्रकार की घटनाओं को रोकने के लिए सरकार और स्थानीय प्रशासन को अधिक सतर्क रहने की आवश्यकता है। फॉरेस्ट विभाग के भृत्यों द्वारा इस तरह की कार्रवाइयाँ प्रशंसनीय हैं, लेकिन इसके साथ ही समुदाय में जागरूकता फैलाना भी आवश्यक है। लोग यदि मवेशी तस्करी की घटनाओं के बारे में अधिक जागरूक होंगे, तो वे तस्करों की पहचान कर उन्हें पकड़ने में मदद कर सकते हैं।

  • छत्तीसगढ़ में मवेशी तस्करी के मामले में तेजी से वृद्धि देखने को मिल रही है।
  • तस्करों को पकड़ने के लिए स्थानीय प्रशासन को अधिक सक्रियता दिखाने की जरूरत है।
  • समुदाय की जागरूकता इस अपराध को रोकने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकती है।

इस मामले ने एक बार फिर यह दर्शाया है कि मवेशी तस्करी एक गंभीर अपराध है और इससे निपटने के लिए सभी को एकजुट होने की आवश्यकता है। उम्मीद है कि पुलिस और वन विभाग इस दिशा में और कड़े कदम उठाएंगे, ताकि ऐसे अपराधों पर अंकुश लगाया जा सके।

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कपिल शर्मा 'जागरण न्यू मीडिया' (Jagran New Media) और अमर उजाला में बतौर पत्रकार के पद पर कार्यरत कर चुके है अब ये खबर २४ लाइव के साथ पारी शुरू करने से पहले रिपब्लिक भारत... Read More

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