Roads: छत्तीसगढ़ के 8 गांवों ने दी चेतावनी, सड़क मरम्मत शुरू

सारांश

जांजगीर-चांपा में खस्ताहाल सड़क की मरम्मत कार्य शुरू जांजगीर-चांपा जिले के पामगढ़ ब्लॉक के डोगाकहरौद गांव में अंततः खस्ताहाल सड़क का मरम्मत कार्य आरंभ कर दिया गया है। यह कदम तब उठाया गया जब 8 गांवों के सरपंचों ने चक्काजाम करने की चेतावनी दी। इसके बावजूद, ग्रामीण नई सड़क के निर्माण की मांग को लेकर […]

kapil6294
Nov 05, 2025, 3:46 PM IST

जांजगीर-चांपा में खस्ताहाल सड़क की मरम्मत कार्य शुरू

जांजगीर-चांपा जिले के पामगढ़ ब्लॉक के डोगाकहरौद गांव में अंततः खस्ताहाल सड़क का मरम्मत कार्य आरंभ कर दिया गया है। यह कदम तब उठाया गया जब 8 गांवों के सरपंचों ने चक्काजाम करने की चेतावनी दी। इसके बावजूद, ग्रामीण नई सड़क के निर्माण की मांग को लेकर अडिग हैं।

ग्रामीणों की स्थिति और नई सड़क की मांग

पामगढ़ से डोंगाकोहरौद मार्ग की जर्जर स्थिति ने ग्रामीणों को लंबे समय से परेशान कर रखा है। आसपास के गांवों जैसे केसला, भिलौनी, ससहा, और धनगांव की महिलाएं भी इस मुद्दे पर एकजुट हो गई हैं। मंगलवार को हुई एक बैठक में, ग्रामीणों ने प्रशासन के प्रति अपनी नाराजगी व्यक्त की और सर्वसम्मति से यह निर्णय लिया कि जब तक नई सड़क का निर्माण नहीं होता, उनका आंदोलन जारी रहेगा।

सड़क की जर्जर स्थिति और प्रशासन की प्रतिक्रिया

पूर्व जनपद अध्यक्ष राजकुमार पटेल ने बताया कि यह सड़क पिछले **8 साल** से पूरी तरह जर्जर हो चुकी है। ग्रामीणों की चेतावनी के बाद जिला प्रशासन हरकत में आया और मंगलवार को ही लोक निर्माण विभाग (PWD) ने सड़क पर मरम्मत कार्य शुरू कर दिया। मौके पर एसडीएम, तहसीलदार, लोक निर्माण विभाग के अधिकारी और थाना प्रभारी पहुंचे।

अधिकारियों की कार्रवाई और ग्रामीणों की नाराजगी

हालांकि, मौके पर पहुंचे अधिकारियों के साथ ग्रामवासियों की औपचारिक चर्चा नहीं हो सकी। ग्रामीणों का आरोप है कि प्रशासन ने गड्ढों में मिट्टी और गिट्टी भरकर केवल खानापूर्ति की है। लगभग **1 किलोमीटर** सड़क की मरम्मत की गई है, जिसे ग्रामीण आंदोलन टालने का प्रयास मान रहे हैं। उनके अनुसार, यह अस्थायी समाधान उनकी समस्याओं का सही समाधान नहीं है।

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ग्रामीणों की मांग- पूरी तरह नई सड़क

ग्रामीणों का स्पष्ट कहना है कि उन्हें अब केवल मरम्मत नहीं, बल्कि पूरी तरह से नई सड़क चाहिए। उन्होंने दोहराया है कि जब तक नई सड़क का निर्माण नहीं होता, उनका आंदोलन जारी रहेगा। उनके अनुसार, यह समस्या केवल उनके गांव की नहीं, बल्कि पूरे क्षेत्र की है और इसकी अनदेखी नहीं की जानी चाहिए।

ग्रामीणों की एकजुटता और प्रशासन की चुनौती

ग्रामीणों की एकजुटता इस बात का संकेत है कि वे अपने अधिकारों के प्रति सजग हैं और किसी भी तरह की अनदेखी को बर्दाश्त नहीं करेंगे। प्रशासन के लिए यह एक चुनौती है कि वे ग्रामीणों की मांगों को गंभीरता से लें और उन्हें उचित समाधान प्रदान करें। यदि प्रशासन ने इस समस्या का समाधान नहीं किया, तो संभावना है कि ग्रामीण अपने आंदोलन को और भी तेज कर सकते हैं।

निष्कर्ष

डोगाकहरौद गांव में सड़क की समस्या ने स्थानीय समुदाय को एकजुट किया है। अब यह प्रशासन की जिम्मेदारी है कि वे ग्रामीणों की मांगों का सही समाधान करें। यदि नई सड़क का निर्माण नहीं होता है, तो यह निश्चित रूप से स्थानीय चुनावों में भी एक महत्वपूर्ण मुद्दा बन सकता है। ऐसे में प्रशासन को जल्द से जल्द ठोस कदम उठाने की आवश्यकता है ताकि ग्रामीणों की समस्याओं का समाधान किया जा सके।

छत्तीसगढ़ समाचार हिंदी में


कपिल शर्मा 'जागरण न्यू मीडिया' (Jagran New Media) और अमर उजाला में बतौर पत्रकार के पद पर कार्यरत कर चुके है अब ये खबर २४ लाइव के साथ पारी शुरू करने से पहले रिपब्लिक भारत... Read More

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