छत्तीसगढ़ में उच्च शिक्षा में भर्ती प्रक्रिया की समस्याएं
छत्तीसगढ़ में उच्च शिक्षा के क्षेत्र में पिछले चार वर्षों से प्रोफेसरों की भर्ती प्रक्रिया पूरी नहीं हो पा रही है, जिससे राज्य के 335 सरकारी कॉलेजों की शैक्षणिक गुणवत्ता प्रभावित हो रही है। वर्तमान में, राज्य में प्रोफेसर के 760 स्वीकृत पद खाली हैं। 2021 में कुल 595 पदों पर भर्ती प्रक्रिया शुरू की गई थी, लेकिन अब तक कोई ठोस परिणाम नहीं निकल पाया है। यह स्थिति शिक्षण संस्थानों में पढ़ाई के स्तर को कम कर रही है और छात्रों के भविष्य पर नकारात्मक प्रभाव डाल रही है।
भर्ती प्रक्रिया की स्थिति पर एक नजर डालें तो, इस भर्ती के लिए विज्ञापन 2021 में जारी किया गया था। दस्तावेज सत्यापन का कार्य दिसंबर 2023 में शुरू हुआ, लेकिन अभी तक केवल सत्यापन पूरा हुआ है, जबकि इंटरव्यू का दौर अभी भी बाकी है। कुल 760 स्वीकृत पदों में से 595 पदों पर भर्ती जारी है और इस प्रक्रिया में 1533 अभ्यर्थियों को दस्तावेज सत्यापन के लिए बुलाया गया था। हालांकि, अब तक किसी भी अभ्यर्थी को इंटरव्यू कॉल जारी नहीं की गई है।
राजनीति विज्ञान में सबसे ज्यादा खाली पद
भर्ती प्रक्रिया में देरी के कारण सबसे ज्यादा पद राजनीति विज्ञान के खाली हैं। इसके बाद हिन्दी, भौतिकी और कॉमर्स विषयों में भी पद खाली पड़े हैं। इस प्रकार की स्थिति शैक्षणिक वातावरण को गंभीर रूप से प्रभावित कर रही है। यहाँ देखें कि किस विषय में कितने पद खाली हैं:
- राजनीति विज्ञान: 75 पद
- हिंदी: 66 पद
- भौतिकी: 60 पद
- कॉमर्स: 57 पद
सत्यापन प्रक्रिया में देरी
भर्ती के लिए दस्तावेज सत्यापन की प्रक्रिया दो चरणों में की गई थी। पहले चरण में 13 विषयों के लिए और दूसरे चरण में 17 विषयों के लिए पात्र-अपात्र अभ्यर्थियों की सूची जारी करने में अत्यधिक देरी हुई है। यह स्थिति न केवल प्रोफेसरों की भर्ती में बाधा बन रही है, बल्कि कॉलेजों में पढ़ाई के स्तर को भी गिरा रही है।
भर्ती में देरी का असर
भर्ती में देरी के चलते कॉलेजों में पढ़ाई का स्तर गिर रहा है। कई कॉलेजों में गेस्ट फैकल्टी पर निर्भरता बढ़ गई है। अस्थायी नियुक्तियों के लिए उम्मीदवारों की संख्या में लगातार वृद्धि हो रही है। अनुभवी प्रोफेसरों की कमी का सीधा असर रिसर्च और शैक्षणिक गतिविधियों पर पड़ रहा है। इस स्थिति में छात्रों को उच्च गुणवत्ता की शिक्षा प्रदान करना एक चुनौती बन गया है।
पहली सीधी भर्ती का असफल प्रयास
राज्य गठन के बाद पहली बार प्रोफेसर पदों पर सीधी भर्ती निकाली गई थी, लेकिन अब तक एक भी नियुक्ति नहीं हो सकी है। दस्तावेज सत्यापन के लिए पात्र-अपात्र सूची जारी करने में भी देरी हो रही है। पंडित रवि शंकर शुक्ल विश्वविद्यालय में गेस्ट फैकल्टी बनने के लिए प्रतिस्पर्धा और भी कठिन हो गई है। विवि के आमंत्रण के बाद बड़ी संख्या में अभ्यर्थियों ने आवेदन किया है। उदाहरण के लिए, इतिहास विषय में एक पद के लिए 46 उम्मीदवार सामने आए हैं, जबकि समाजशास्त्र में 42 उम्मीदवार ने दावेदारी पेश की है।
गेस्ट फैकल्टी के लिए बढ़ती मांग
अंग्रेजी, अर्थशास्त्र और राजनीति विज्ञान जैसे विषयों में भी गेस्ट फैकल्टी के लिए आवेदन की संख्या में वृद्धि हो रही है। गेस्ट फैकल्टी के लिए आवेदन की अंतिम तिथि 31 अक्टूबर तय की गई थी। जिले के लगभग 14 कालेजों से अब तक 758 आवेदन प्राप्त हुए हैं, जो पिछले साल की तुलना में 30 से 40 प्रतिशत अधिक हैं।
नियुक्तियों की संभावित तिथि
सभी विषयों में मेरिट सूची तैयार कर नवंबर के दूसरे सप्ताह तक नियुक्तियां की जाने की उम्मीद है। अभ्यर्थियों का कहना है कि वे लंबे समय से नियमित भर्ती की प्रतीक्षा कर रहे हैं, लेकिन वर्तमान में गेस्ट फैकल्टी ही उनके लिए एकमात्र विकल्प है। इस स्थिति का समाधान निकालना आवश्यक है ताकि छत्तीसगढ़ के उच्च शिक्षा क्षेत्र में सुधार हो सके और छात्रों को बेहतर शिक्षा मिल सके।

























