राजनांदगांव में कार्तिक पूर्णिमा पर श्रद्धालुओं की भारी भीड़
राजनांदगांव में कार्तिक पूर्णिमा के अवसर पर श्रद्धालुओं ने शिवनाथ नदी में आस्था की डुबकी लगाने के लिए बड़ी संख्या में पहुंचकर धार्मिक उल्लास का प्रदर्शन किया। सुबह 4 बजे से ही भक्तों का तांता लगना शुरू हो गया, जिससे मोहारा रोड पर अत्यधिक ट्रैफिक जाम की स्थिति उत्पन्न हो गई। श्रद्धालु गंगा-जल की तरह शिवनाथ नदी में स्नान करने के लिए उत्सुक थे, जिससे तट पर भीड़ का मंजर देखने को मिला।
मोहारा पुन्नी मेला और यातायात व्यवस्था
इस साल 4 नवंबर से प्रारंभ हुए मोहारा पुन्नी मेले में पुलिस को यातायात व्यवस्था को सुचारू रखने में काफी मेहनत करनी पड़ी। शहर में उपराष्ट्रपति के कार्यक्रम के कारण पहले से ही यातायात प्रभावित था, जिससे श्रद्धालुओं को मेले तक पहुंचने में कठिनाई का सामना करना पड़ा।
बालोद की तरफ से आने-जाने का एकमात्र मार्ग मोहारा मेला स्थल से होकर गुजरता है, जिससे जाम की समस्या और भी गंभीर हो गई। यह मेला क्षेत्र का सबसे बड़ा मेला माना जाता है, जो तीन दिनों तक चलता है और इसका समापन 6 नवंबर की शाम को होगा। मेले में पहुंचने वाले श्रद्धालुओं की संख्या में लगातार वृद्धि हो रही है।
सुरक्षा व्यवस्था और तैनाती
शहर और आसपास के गांवों से बड़ी संख्या में लोग पुन्नी स्नान के लिए शिवनाथ नदी किनारे पहुंचते हैं। दूरदराज से व्यापारी भी अपने सामान के साथ मोहारा पहुंचते हैं, जहां वे दुकानें लगाकर बच्चों के लिए झूले भी लगाते हैं। नगर निगम प्रशासन ने श्रद्धालुओं की सुरक्षा के लिए महिला और पुरुषों के लिए अलग-अलग घाटों की व्यवस्था की है।
घाटों पर सुरक्षा के लिए 200 जवानों को तैनात किया गया है, साथ ही गोताखोरों की टीम भी प्रमुख स्थानों पर मौजूद है। सुरक्षा व्यवस्था के अलावा, घाटों पर पर्याप्त लाइटिंग की व्यवस्था की गई है, जिससे रात के समय भी श्रद्धालुओं को कोई कठिनाई न हो।
संस्कृतिक कार्यक्रम और यातायात प्रतिबंध
मेले के दौरान सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन भी किया जाएगा, जिसमें स्थानीय कलाकार अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन करेंगे। रात के समय इन कार्यक्रमों में बड़ी संख्या में लोग शामिल होने के लिए पहुंचते हैं। मेले में आने वाली भीड़ को देखते हुए पुलिस ने रूट पर भारी वाहनों को प्रतिबंधित कर दिया है।
दल्लीराजहरा की ओर से आने वाले भारी वाहनों को ग्राम हल्दी तिराहा से सुरगी खुटेरी होकर डायवर्ट किया गया है, ताकि श्रद्धालुओं को किसी प्रकार की असुविधा न हो। इस व्यवस्था से मेले में आने वाले लोगों को आसानी से पहुंचने में मदद मिलेगी।
समापन और भविष्य की योजनाएँ
मोहारा पुन्नी मेला एक अनूठा अनुभव प्रदान करता है, जो श्रद्धालुओं के लिए न केवल धार्मिक महत्व रखता है, बल्कि सांस्कृतिक गतिविधियों से भी भरा हुआ होता है। इस मेले का समापन 6 नवंबर को होगा, और इसके बाद प्रशासन इस तरह के आयोजनों के लिए और भी बेहतर योजनाएं बनाने पर विचार करेगा।
इस मेले ने न केवल राजनांदगांव बल्कि आसपास के क्षेत्रों में भी धार्मिक और सांस्कृतिक जागरूकता को बढ़ावा दिया है। लोग इस प्रकार के आयोजनों का बेसब्री से इंतजार करते हैं, और ये मेले समाज में एकता और विश्वास को भी बढ़ाते हैं।
राजनांदगांव में आयोजित यह मेला निश्चित रूप से आने वाले वर्षों में और भी भीड़ और उत्साह को आकर्षित करेगा। श्रद्धालुओं की आस्था और सुरक्षा व्यवस्था के बीच संतुलन बनाए रखने के प्रयास जारी रहेंगे, ताकि सभी को एक सुरक्षित और सुखद अनुभव मिल सके।


























