बृहस्पति सिंह का कांग्रेस पर आरोप: हार की जिम्मेदारी नेताओं पर
पूर्व विधायक वृहस्पति सिंह ने हाल ही में एक बयान जारी करते हुए कहा कि छत्तीसगढ़ में कांग्रेस की सरकार की हार का मुख्य कारण “निपटो-निपटाओ” की राजनीति रही है। उन्होंने यह भी कहा कि प्रदेश में कांग्रेस कभी भी भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) से हारती नहीं है, बल्कि पार्टी के अंदरूनी विवाद और नेतृत्व की कमी इसकी मुख्य वजह है।
बृहस्पति सिंह, जो दो बार रामानुजगंज के विधायक रह चुके हैं, वर्तमान में कांग्रेस से निष्कासित हैं। 2023 में हुए विधानसभा चुनाव में उन्हें टिकट नहीं दिया गया था, जिसके बाद उन्होंने कांग्रेस प्रभारी कुमारी शैलजा और पूर्व डिप्टी सीएम टीएस सिंहदेव को हार का जिम्मेदार ठहराया। इस बयान के चलते उन्हें कांग्रेस से 6 साल के लिए निष्कासित कर दिया गया।
राहुल गांधी से की गई चर्चा में बृहस्पति सिंह ने उठाए मुद्दे
बृहस्पति सिंह ने कहा कि राहुल गांधी के समक्ष उन्होंने 15 वर्षों तक छत्तीसगढ़ में कांग्रेस की सरकार के लगातार हारने के कारणों का उल्लेख किया। उन्होंने कहा कि जब राहुल गांधी ने आदिवासी विधायकों को चर्चा के लिए बुलाया था, तब उन्होंने सुझाव दिया कि कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं को सही दिशा में लाना आवश्यक है।
सिंह ने राहुल गांधी से कहा कि “निपटो-निपटाओ” की राजनीति को खत्म करना होगा, तभी पार्टी को सफलता मिलेगी। उन्होंने स्पष्ट किया कि एक मुख्यमंत्री की कुर्सी है और सभी वरिष्ठ नेता मुख्यमंत्री बनना चाहते हैं, जो संभव नहीं है। इसके चलते वे एक-दूसरे के समर्थकों को हराने की कोशिश कर रहे हैं।
कांग्रेस की हार के पीछे की रणनीति पर सवाल
पूर्व विधायक ने पिछले चुनाव में 22 विधायकों की टिकट काटने का जिक्र करते हुए कहा कि इस निर्णय ने पार्टी को नुकसान पहुंचाया। उन्होंने कहा कि केसी वेणुगोपाल ने राहुल गांधी से कहा था कि 90 में से 71 कांग्रेसी विधायक हैं, फिर भी टिकट काटने से पार्टी की स्थिति कमजोर हुई।
बृहस्पति सिंह ने यह भी कहा कि यदि पार्टी की रणनीति में सुधार नहीं किया गया तो आगामी चुनावों में भी ऐसी ही स्थिति देखने को मिलेगी। यह स्पष्ट है कि पार्टी के भीतर की राजनीति और नेतृत्व की कमी ने कांग्रेस को नुकसान पहुंचाया है।
टीएस सिंहदेव का बयान और बृहस्पति सिंह का आरोप
पूर्व डिप्टी सीएम टीएस सिंहदेव ने बृहस्पति सिंह के बयान का समर्थन करते हुए कहा कि यह उनके अनुभव के आधार पर था। उन्होंने कहा कि कम से कम बृहस्पति ने उन्हें अच्छा नेता कहा है। लेकिन उन्होंने यह भी कहा कि बृहस्पति का आरोप कि वे उनकी हत्या करना चाहते हैं, अस्वीकार्य है।
सिंहदेव ने यह स्पष्ट किया कि यदि बृहस्पति सिंह अपने कहे पर माफी नहीं मांगते हैं, तो उनकी पार्टी में वापसी पर कोई आपत्ति नहीं होगी। उन्होंने कहा कि परिवार के सदस्यों की मौत का जिक्र करके बृहस्पति को अपनी बातें समझानी चाहिए।
कुमारी शैलजा पर बृहस्पति सिंह की नई मांग
बृहस्पति सिंह ने कांग्रेस की हार के बाद कुमारी शैलजा को तुरंत हटाने की मांग की है। उनका कहना है कि शैलजा ने केवल टीएस सिंहदेव को हीरो की तरह प्रमोट किया और पार्टी के अन्य नेताओं की अनदेखी की। उन्होंने कहा कि शैलजा ने कभी भी स्थिति को समझने की कोशिश नहीं की, जिसके कारण छत्तीसगढ़ में कांग्रेस की स्थिति इतनी खराब हो गई।
सिंह ने यह भी कहा कि संगठन का काम पूरी तरह से ठप हो गया था। जब शैलजा अंबिकापुर दौरे पर गईं, तो वहां टीएस सिंहदेव गाड़ी चला रहे थे और शैलजा केवल फोटोशूट करवा रही थीं। यह स्थिति कांग्रेस के लिए चिंताजनक है और इसे सुधारने की आवश्यकता है।
निष्कर्ष: कांग्रेस को सुधार की आवश्यकता
बृहस्पति सिंह के बयान और कांग्रेस के भीतर की अंतर्विरोधों ने स्पष्ट कर दिया है कि पार्टी को अपनी रणनीतियों में सुधार लाने की आवश्यकता है। यदि पार्टी के वरिष्ठ नेताओं और कार्यकर्ताओं के बीच समन्वय और सहयोग नहीं होगा, तो आगामी चुनावों में सफलता की संभावना कम होगी। यह समय है कि कांग्रेस अपनी गलतियों से सीखते हुए आगे बढ़े और अपने संगठन को मजबूत बनाए।
इस प्रकार, छत्तीसगढ़ में कांग्रेस की राजनीतिक स्थिति पर नजर डालते हुए यह स्पष्ट होता है कि पार्टी को अपने आंतरिक मुद्दों को सुलझाने की जरूरत है, ताकि वह आगामी चुनावों में बेहतर प्रदर्शन कर सके।























