गुमड़ीडीह प्राथमिक शाला का निरीक्षण: अधिकारियों ने लापरवाही पर जताई नाराजगी
छत्तीसगढ़ के गुमड़ीडीह में शासकीय प्राथमिक शाला का हालिया निरीक्षण शिक्षा विभाग के बीईओ विप्लव कुमार द्वारा किया गया। इस निरीक्षण के दौरान पाया गया कि विद्यालय का संचालन स्थानीय युवक भागीराम सिन्हा द्वारा किया जा रहा है, जो पूर्व में अतिथि शिक्षक रह चुके हैं। भागीराम ने स्वप्रेरणा से सभी कक्षाओं में विद्यार्थियों को शिक्षण प्रदान किया, जो कि उनके समर्पण को दर्शाता है।
हालांकि, निरीक्षण के दौरान यह भी सामने आया कि विद्यालय के प्रधान पाठक राकेश कुमार ठाकुर पिछले दो माह से चिकित्सीय अवकाश पर हैं और सहायक शिक्षक सोमसाय कोमरा बीएलओ कार्य के चलते विद्यालय से अनुपस्थित रहे। इस स्थिति के बारे में जानकारी प्राप्त करने के लिए जब भागीराम ने समन्वयक से संपर्क किया, तो उन्हें स्थिति के बारे में कोई जानकारी नहीं मिली। यह लापरवाही शिक्षा के प्रति गंभीर प्रश्न उठाती है।
शिक्षा की गुणवत्ता पर उठे सवाल
ग्राम के एक निवासी ने इस लापरवाही की पुनरावृत्ति के बारे में अधिकारियों को जानकारी दी। बीईओ विप्लव कुमार ने इस मुद्दे को गंभीरता से लिया और विद्यालय के समीप स्थित बीएसएफ कैंप में जाकर भी इस विषय पर चर्चा की। उन्होंने विद्यालय संचालन की दोनों स्थितियों पर अपनी गहरी नाराजगी व्यक्त की। साथ ही, उन्होंने अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश दिए कि जांच के पूरा होने पर संबंधित शिक्षकों को कारण बताओ नोटिस जारी किया जाएगा और यदि दोष सिद्ध होता है, तो अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी।
अधिकारी ने विद्यालय में उपस्थित विद्यार्थियों से भी संवाद किया, जिसमें 54 नामांकित विद्यार्थियों में से 48 उपस्थित थे। इस संवाद के दौरान, उन्होंने विद्यार्थियों की शैक्षणिक प्रगति का आकलन किया, जो कि शिक्षकों की जिम्मेदारी और विद्यार्थियों की शिक्षा पर ध्यान केंद्रित करने का एक महत्वपूर्ण कदम है।
शिक्षा विभाग की जिम्मेदारी
यह निरीक्षण इस बात का एक उदाहरण है कि कैसे शिक्षा विभाग को विद्यालयों की स्थिति पर नजर रखनी चाहिए। अधिकारियों का यह कर्तव्य है कि वे सुनिश्चित करें कि विद्यार्थियों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा मिले और विद्यालयों में कोई भी लापरवाही न हो। भागीराम सिन्हा जैसे समर्पित शिक्षकों की मेहनत को सलाम करना चाहिए, लेकिन साथ ही साथ यह भी आवश्यक है कि विद्यालय के अन्य शिक्षक अपनी जिम्मेदारियों को निभाएं।
विप्लव कुमार ने इस निरीक्षण के माध्यम से यह स्पष्ट कर दिया है कि शिक्षा के क्षेत्र में कोई भी लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। उन्होंने कहा कि सभी शिक्षकों को अपनी कार्यप्रणाली को सुधारने की आवश्यकता है और उन्हें विद्यार्थियों के प्रति अपनी जिम्मेदारियों को गंभीरता से लेना चाहिए।
शिक्षा के प्रति समर्पण का संदेश
इस घटना ने यह संदेश भी दिया है कि शिक्षा केवल एक पढ़ाई का माध्यम नहीं है, बल्कि यह समाज के समग्र विकास के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है। जब शिक्षक अपने कर्तव्यों का पालन नहीं करते, तो यह विद्यार्थियों के भविष्य पर नकारात्मक प्रभाव डाल सकता है। इसलिए, सभी शिक्षकों को चाहिए कि वे अपने कर्तव्यों के प्रति सजग रहने का प्रयास करें और विद्यार्थियों को उनके उज्ज्वल भविष्य की दिशा में मार्गदर्शन करें।
आखिरकार, शिक्षा ही वह आधार है जो समाज को आगे बढ़ाने में मदद करती है। सभी संबंधित अधिकारियों को यह ध्यान रखना चाहिए कि विद्यालयों में शिक्षा की गुणवत्ता बनी रहे और किसी भी प्रकार की लापरवाही को तुरंत रोका जाए।























