दुर्ग जिले में जमीन हड़पने की साजिश: युवक और उसके दोस्तों की गिरफ्तारी
छत्तीसगढ़ के दुर्ग जिले में एक युवक ने अपने पिता और दादी की जमीन पर कब्जा करने के लिए झूठे दस्तावेज तैयार किए। इस अवैध काम में भुनेश्वर प्रसाद साहू के दोस्तों ने भी उसका साथ दिया। जानकारी के अनुसार, आरोपी ने अपनी स्वर्गीय दादी के अंगूठे के निशान और पिता के हस्ताक्षर के लिए एक अन्य व्यक्ति की मदद ली। जब इस धोखाधड़ी की बात परिवार के अन्य सदस्यों को पता चली, तो पिता ने अपने बेटे के खिलाफ थाने में शिकायत दर्ज कराने का निर्णय लिया। यह मामला उतई थाना क्षेत्र का है, जहां पुलिस ने त्वरित कार्रवाई करते हुए तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया।
मामले का विवरण: कैसे हुई धोखाधड़ी
यह मामला तहसील पाटन के ग्राम पतोरा का है। यहाँ के निवासी पुसऊराम साहू ने थाने में लिखित शिकायत दर्ज कराई थी कि उनके और उनकी मां स्वर्गीय सुरजाबाई साहू के नाम पर संयुक्त रूप से दर्ज भूमि को धोखे से हड़पने का प्रयास किया गया है। पुसऊराम ने अपनी शिकायत में बताया कि उनके बेटे रुपेश कुमार साहू पर दबाव डालते हुए भूनेश्वर साहू, देवादास मानिकपुरी, पूरन लाल साहू और अन्य लोगों ने एक कूटरचित आम मुख्त्यारनामा तैयार किया।
- आरोपियों ने दस्तावेज को उप-पंजीयक कार्यालय दुर्ग में निष्पादित कराया, जहां प्रार्थी और उनकी मां की उपस्थिति नहीं थी।
- दस्तावेज पर अन्य व्यक्तियों को उपस्थित कराकर उनके स्थान पर हस्ताक्षर और अंगूठा निशान लिया गया।
- पुसऊराम ने शिकायत में यह भी कहा कि उन्हें इस प्रक्रिया की कोई जानकारी नहीं दी गई, जबकि उनकी मां का फर्जी अंगूठा निशान दूसरे व्यक्ति द्वारा लगाया गया।
पुलिस की कार्रवाई और आरोपियों की गिरफ्तारी
शिकायत के बाद, थाना सिटी कोतवाली दुर्ग में आरोपियों के खिलाफ विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया, जिनमें धारा 420, 423, 467, 468, 470, 471, 120-बी, 34 शामिल हैं। मामले की गंभीरता को देखते हुए पुलिस ने तुरंत विवेचना शुरू की और आरोपियों की पहचान की। पुलिस ने भुनेश्वर प्रसाद साहू, देवादास मानिकपुरी और पूरन लाल साहू को हिरासत में लेकर पूछताछ की।
आरोपियों ने स्वीकार की अपनी गलती
पूछताछ के दौरान आरोपियों ने यह स्वीकार किया कि उन्होंने अपने अन्य साथियों के साथ मिलकर षड्यंत्रपूर्वक कूटरचित दस्तावेज तैयार किए और इंकरारनामा के माध्यम से जमीन हड़पने की कोशिश की। पुलिस ने आरोपियों को विधिवत गिरफ्तार कर 3 नवंबर 2025 को न्यायिक रिमांड पर जेल भेज दिया। इस मामले ने न केवल परिवार के भीतर संघर्ष को उजागर किया है, बल्कि समाज में भूमि संबंधी धोखाधड़ी के मामलों की गंभीरता को भी दर्शाता है।
समाज में जागरूकता की आवश्यकता
इस घटना ने यह स्पष्ट कर दिया है कि परिवार के भीतर आपसी विश्वास और पारिवारिक संबंधों की रक्षा करना कितना महत्वपूर्ण है। ऐसे मामलों में अक्सर आर्थिक लाभ के लिए रिश्तेदार एक-दूसरे के खिलाफ खड़े हो जाते हैं, जिससे पारिवारिक बिखराव होता है। इस प्रकार की धोखाधड़ी से बचने के लिए समाज में जागरूकता फैलाने की आवश्यकता है।
भू-स्वामित्व और जमीन के दस्तावेजों की सुरक्षा को लेकर लोगों को सतर्क रहना चाहिए। साथ ही, सरकारी अधिकारियों को भी इस तरह की धोखाधड़ी को रोकने के लिए कड़े कदम उठाने की आवश्यकता है। यदि कोई व्यक्ति या परिवार ऐसे मामलों का शिकार होता है, तो उन्हें तुरंत पुलिस या संबंधित अधिकारियों से संपर्क करना चाहिए।
इस मामले की गंभीरता को देखते हुए पुलिस ने इसे एक नजीर मानते हुए आगे की कार्रवाई जारी रखी है। परिवार के सदस्यों को भी इस मामले में अपने अधिकारों और कर्तव्यों के प्रति जागरूक रहना चाहिए ताकि भविष्य में ऐसे घटनाओं से बचा जा सके।


























