बीजापुर जिले के ग्रामीणों की वनाधिकार पट्टा मांग
छत्तीसगढ़ के बीजापुर जिले के अंदरूनी गांवों से आए **120 से अधिक ग्रामीणों** ने विधायक **विक्रम मंडावी** से मुलाकात की। इस दौरान, ग्रामीणों ने **4 नवंबर** को पीढ़ियों से निवास कर रहे परिवारों के लिए **वनाधिकार पट्टा** जारी करने की मांग करते हुए एक ज्ञापन सौंपा। यह ज्ञापन वाडला, नल्लमपल्ली, पेटाबोगड़ा, गंगारम, लिंगापुर, पोलेम और गोखुर जैसे सात गांवों के निवासियों द्वारा प्रस्तुत किया गया।
ग्रामीणों की शिकायत है कि वे इन गांवों में पीढ़ियों से खेती कर अपने जीवन का निर्वाह कर रहे हैं, लेकिन फिर भी उन्हें अपनी भूमि का पट्टा नहीं मिला है। यह स्थिति उन्हें न केवल सरकारी योजनाओं से वंचित कर रही है, बल्कि उनकी कृषि उपज को बाजार में बेचने में भी कठिनाई का सामना करना पड़ रहा है।
सरकारी योजनाओं से वंचित ग्रामीण
ग्रामीणों का कहना है कि उन्हें अब तक **जमीन का पट्टा नहीं मिला** है, जिससे वे विभिन्न सरकारी योजनाओं का लाभ नहीं उठा पा रहे हैं। इसके अलावा, उन्हें अपनी कृषि उपज बेचने में भी समस्या आ रही है, जिससे आर्थिक स्थिति और भी बिगड़ रही है।
- ग्रामीणों का कहना है कि बिना पट्टे के वे सरकारी योजनाओं का लाभ नहीं उठा पा रहे हैं।
- उन्हें अपनी फसलें सही मूल्य पर बेचने में भी कठिनाई हो रही है।
- इन सभी समस्याओं के चलते उनका आर्थिक नुकसान हो रहा है।
विधायक विक्रम मंडावी ने ग्रामीणों से चर्चा के बाद कहा कि **जो लोग पीढ़ियों से इन क्षेत्रों में निवास कर रहे हैं** और जिनकी मुख्य आजीविका कृषि है, उन्हें **सरकार द्वारा नियमानुसार वनाधिकार पट्टा** प्रदान किया जाना चाहिए। इस मामले में उचित कार्रवाई करने की दिशा में प्रयास किए जाएंगे ताकि ग्रामीणों को उनके अधिकार मिल सकें।
ग्रामीणों की उम्मीदें और भविष्य
ग्रामीणों की इस मांग पर विधायक ने आश्वासन दिया है कि वे इस मुद्दे को उच्च अधिकारियों के समक्ष उठाएंगे। ग्रामीणों ने विश्वास जताया है कि यदि उन्हें वनाधिकार पट्टा मिल जाता है, तो न केवल उनकी आर्थिक स्थिति में सुधार होगा, बल्कि वे सरकारी योजनाओं का भी पूरा लाभ उठा सकेंगे।
इस तरह की समस्याएं केवल बीजापुर जिले तक सीमित नहीं हैं, बल्कि कई अन्य क्षेत्रों में भी ग्रामीणों को ऐसी ही चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है। इसलिए, सरकार को इस दिशा में ठोस कदम उठाने की आवश्यकता है ताकि ग्रामीण समुदाय को उनके अधिकार मिल सकें और वे अपनी आजीविका को स्थिर बना सकें।
आशा की जा रही है कि विधायक विक्रम मंडावी की पहल से ग्रामीणों की यह समस्या जल्द ही हल होगी और उन्हें उनका **वनाधिकार पट्टा** मिलने से उनकी जीवनशैली में सुधार आएगा।
ग्रामीणों की यह पहल उनकी एकता और संघर्ष का प्रतीक है, जो उन्हें अपने अधिकारों के लिए लड़ने के लिए प्रेरित करता है।























