बलौदाबाजार में राज्योत्सव का भव्य समापन
बलौदाबाजार में आयोजित तीन दिवसीय राज्य स्तरीय राज्योत्सव का समापन मंगलवार को एक रंगीन सांस्कृतिक कार्यक्रम के साथ हुआ। पंडित चक्रपाणि शुक्ल शासकीय हायर सेकेंडरी स्कूल के मैदान में आयोजित इस कार्यक्रम में भारी संख्या में लोगों की भीड़ जुटी। बच्चे, युवा और बुजुर्ग सभी ने इस समारोह का आनंद लिया और सांस्कृतिक कार्यक्रमों में भाग लिया।
सांस्कृतिक संध्या की अद्भुत प्रस्तुतियां
राज्योत्सव के सांस्कृतिक संध्या में विभिन्न कलाकारों ने छत्तीसगढ़ी लोक गीतों, संगीत और नृत्य की मनमोहक प्रस्तुतियां दीं, जिससे दर्शक मंत्रमुग्ध हो गए। इस कार्यक्रम में पायल साहू और उनकी टीम “चिन्हारी लोक मंजीरा”, शरद अग्रवाल की टीम “रंग सरगम कला मंच रायपुर”, और “सुर ओ चंदम आर्टिस्ट बैंड ग्रुप बलौदाबाजार” का लाइव म्यूजिक कॉन्सर्ट शामिल था। इसके साथ ही, विभिन्न स्कूलों के विद्यार्थियों ने भी अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन किया।
कठपुतली शो और फ़ूड ज़ोन का आकर्षण
राज्योत्सव में कठपुतली शो और फ़ूड ज़ोन विशेष आकर्षण का केंद्र बने। इस दौरान, लोग विभागीय प्रदर्शनियों का अवलोकन करते हुए जानकारी लेने में गहरी रुचि दिखा रहे थे। कठपुतलियों के साथ सेल्फी लेने की होड़ लगी रही, जबकि फ़ूड ज़ोन में लोगों ने विभिन्न प्रकार के व्यंजनों का स्वाद चखा। यह एक ऐसा मंच था जहां संस्कृति और स्वाद दोनों का संगम देखने को मिला।
विभिन्न विभागों की प्रदर्शनी
इस अवसर पर पंचायत एवं ग्रामीण विकास, राजस्व विभाग, समाज कल्याण, महिला एवं बाल विकास, उद्योग, कृषि, उद्यानिकी, मछली पालन, पशु पालन, स्कूल शिक्षा, स्वास्थ्य और जनसंपर्क सहित लगभग 20 विभागों ने अपनी-अपनी आकर्षक प्रदर्शनियां लगाईं। इन प्रदर्शनी में लोगों ने विभागीय योजनाओं और कार्यों के बारे में जानकारी हासिल की।
कलेक्टर द्वारा सम्मानित किए गए किसान और पंचायतें
कार्यक्रम के अंतर्गत कलेक्टर दीपक सोनी, डीएफओ गणवीर धम्मशील और जिला पंचायत सीईओ दिव्या अग्रवाल ने स्वामित्व योजना के तहत किसानों को स्वामित्व कार्ड प्रदान किए। इसके साथ ही, टीबी मुक्त और बाल विवाह मुक्त पंचायतों को भी प्रशस्ति पत्र प्रदान किए गए। सांस्कृतिक कार्यक्रम में प्रस्तुति देने वाले कलाकारों को भी सम्मानित किया गया, जिससे उनकी मेहनत और प्रतिभा की सराहना की गई।
राज्योत्सव का महत्व और सांस्कृतिक धरोहर
राज्योत्सव न केवल एक उत्सव है, बल्कि यह छत्तीसगढ़ की संस्कृति और परंपरा को प्रकट करने का एक महत्वपूर्ण मंच भी है। इस प्रकार के आयोजनों से स्थानीय कलाकारों को प्रोत्साहन मिलता है और वे अपनी कला को एक व्यापक दर्शक वर्ग के सामने प्रस्तुत कर सकते हैं। यह कार्यक्रम स्थानीय लोगों के बीच एकजुटता, पहचान और सांस्कृतिक धरोहर के प्रति जागरूकता बढ़ाने में भी सहायक है।
समापन की ओर
इस भव्य समारोह का समापन न केवल एक उत्सव के रूप में हुआ, बल्कि यह छत्तीसगढ़ की सांस्कृतिक विविधता और समृद्धि का प्रतीक भी बना। आयोजकों ने इस कार्यक्रम को सफल बनाने के लिए कड़ी मेहनत की, जिससे लोगों ने एक यादगार अनुभव प्राप्त किया। दर्शकों और प्रतिभागियों के चेहरों पर खुशी और संतोष का भाव स्पष्ट था, जो इस बात का प्रमाण था कि राज्योत्सव ने सभी की उम्मीदों पर खरा उतरने में सफलता पाई।
इस प्रकार, बलौदाबाजार में आयोजित राज्योत्सव ने सांस्कृतिक एकता का एक अनूठा उदाहरण प्रस्तुत किया और भविष्य में भी ऐसे आयोजनों की आवश्यकता को रेखांकित किया।





















