Fake Medicines: छत्तीसगढ़ के अस्पतालों में नकली दवाइयों की एंट्री, कांग्रेस ने मांगा इस्तीफा

kapil6294
Nov 04, 2025, 4:40 PM IST

सारांश

सीजीएमएससी वेयरहाउस ने डायबिटीज की दवाओं पर रोक लगाई छत्तीसगढ़ में सीजीएमएससी वेयरहाउस ने डायबिटीज के उपचार में उपयोग होने वाली एक दवा पर रोक लगाने का आदेश दिया है। यह कदम तब उठाया गया जब सरकारी अस्पतालों में मरीजों को दी जा रही कई दवाओं की गुणवत्ता में कमी और नकली होने की शिकायतें […]

सीजीएमएससी वेयरहाउस ने डायबिटीज की दवाओं पर रोक लगाई

छत्तीसगढ़ में सीजीएमएससी वेयरहाउस ने डायबिटीज के उपचार में उपयोग होने वाली एक दवा पर रोक लगाने का आदेश दिया है। यह कदम तब उठाया गया जब सरकारी अस्पतालों में मरीजों को दी जा रही कई दवाओं की गुणवत्ता में कमी और नकली होने की शिकायतें सामने आईं। इस गंभीर स्थिति के बाद, कांग्रेस पार्टी ने सरकार और स्वास्थ्य मंत्री पर तीखे आरोप लगाते हुए कहा है कि इन मामलों में लापरवाही बरती जा रही है।

सीडीएससीओ की रिपोर्ट में खुलासा

केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन (CDSCO) की सितंबर 2025 की रिपोर्ट ने राज्य की स्वास्थ्य सेवाओं की वास्तविक स्थिति को उजागर किया है। इस रिपोर्ट में छत्तीसगढ़ की 9 दवाएं गुणवत्ता मानकों पर फेल पाई गई हैं, जबकि एक दवा को पूरी तरह से नकली बताया गया है। ऐसे में यह स्पष्ट है कि मरीजों को इलाज के नाम पर ऐसी दवाएं दी जा रही थीं, जो उनके स्वास्थ्य के लिए घातक साबित हो सकती थीं।

स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार, CDSCO की इस राष्ट्रव्यापी जांच में कुल 112 दवाओं के नमूने अमानक पाए गए। इनमें से 52 की जांच केंद्रीय प्रयोगशालाओं में और 60 की राज्य प्रयोगशालाओं में की गई। छत्तीसगढ़ की यह दवाएं भी इन नमूनों में शामिल थीं। विशेषज्ञों ने चेतावनी दी है कि ऐसी अमानक दवाएं लंबे समय तक सेवन करने पर गंभीर दुष्प्रभाव छोड़ सकती हैं।

कांग्रेस का आरोप – स्वास्थ्य मंत्री की भूमिका संदिग्ध

कांग्रेस मेडिकल सेल के प्रमुख डॉ. राकेश गुप्ता ने कहा कि सीजीएमएससी वेयरहाउस को मुख्यालय से 31 अक्टूबर को भेजे गए मेल में डायबिटीज की एक दवा को रोकने और जांच के लिए भेजने के निर्देश दिए गए थे। उन्होंने आरोप लगाया कि यह पहली बार नहीं है जब सरकारी अस्पतालों में नकली दवाएं मिली हैं। इससे पहले भी कई शिकायतें हो चुकी हैं, लेकिन संबंधित विभाग ने इस पर कोई सख्त कदम नहीं उठाया।

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डॉ. राकेश गुप्ता ने कहा, “आज सीजीएमएससी वेयरहाउस ने मुख्यालय के 31 अक्टूबर के एक मेल को संदर्भित करते हुए डायबिटीज में उपयोग होने वाले एक ड्रग की प्रारंभिक शिकायतों के बाद रोक लगाने के आदेश दिए हैं। इससे पहले भी नकली दवाइयां सरकारी अस्पतालों में मिलती रही हैं, जिसके कारण गरीब मरीज दवाइयों को खाने में हिचक रहे हैं। स्वास्थ्य मंत्री का शर्मनाक बयान बताता है कि कहीं न कहीं स्वास्थ्य मंत्री संलिप्त हैं, उन्हें नैतिकता के नाते इस्तीफा दे देना चाहिए।”

भाजपा की प्रतिक्रिया – कार्रवाई जारी है

भाजपा प्रवक्ता देवलाल ठाकुर ने कहा कि नकली दवाओं के खिलाफ लगातार कार्रवाई की जा रही है। उन्होंने कहा कि अगर किसी अस्पताल में लापरवाही या गड़बड़ी मिलती है, तो जिम्मेदारों पर सख्त कार्रवाई की जाएगी। भाजपा ने यह भी कहा कि स्वास्थ्य सेवाओं की गुणवत्ता सुनिश्चित करने के लिए हर संभव प्रयास किए जा रहे हैं।

सरकारी अस्पतालों की स्थिति पर चिंता

राज्य में सरकारी अस्पतालों की स्थिति पर चिंता जताते हुए, विशेषज्ञों ने कहा कि स्वास्थ्य व्यवस्था में सुधार की आवश्यकता है। मरीजों को गुणवत्तापूर्ण दवाएं उपलब्ध कराना सरकार की प्राथमिकता होनी चाहिए। इस मुद्दे पर विपक्षी दलों द्वारा उठाए गए सवालों ने सरकार को कठघरे में खड़ा कर दिया है।

निष्कर्ष

छत्तीसगढ़ में स्वास्थ्य सेवा में निरंतर आ रही समस्याएं और नकली दवाओं की बिक्री ने राज्य सरकार के लिए एक चुनौती खड़ी कर दी है। अब यह देखना होगा कि सरकार इस स्थिति को सुधारने के लिए क्या ठोस कदम उठाती है और मरीजों के स्वास्थ्य की सुरक्षा सुनिश्चित करती है या नहीं। इस मामले का राजनीतिक प्रभाव भी देखने को मिलेगा, क्योंकि कांग्रेस और भाजपा के बीच आरोप-प्रत्यारोप का सिलसिला जारी है।

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कपिल शर्मा 'जागरण न्यू मीडिया' (Jagran New Media) और अमर उजाला में बतौर पत्रकार के पद पर कार्यरत कर चुके है अब ये खबर २४ लाइव के साथ पारी शुरू करने से पहले रिपब्लिक भारत... Read More

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