District Ban: रायगढ़ में विजय राजपूत पर गंभीर कार्रवाई की अनुशंसा

kapil6294
Nov 05, 2025, 2:03 PM IST

सारांश

विजय राजपूत के खिलाफ जिला बदर की अनुशंसा छत्तीसगढ़ के रायगढ़ में हाल ही में बाबा गुरूघासी दास के प्रति अभद्र टिप्पणी करने के मामले में विजय राजपूत के खिलाफ जिला बदर की कार्रवाई की अनुशंसा की गई है। विजय राजपूत की इस हरकत के बाद सतनामी समाज ने तीव्र विरोध प्रदर्शन किया, जिसके चलते […]

विजय राजपूत के खिलाफ जिला बदर की अनुशंसा

छत्तीसगढ़ के रायगढ़ में हाल ही में बाबा गुरूघासी दास के प्रति अभद्र टिप्पणी करने के मामले में विजय राजपूत के खिलाफ जिला बदर की कार्रवाई की अनुशंसा की गई है। विजय राजपूत की इस हरकत के बाद सतनामी समाज ने तीव्र विरोध प्रदर्शन किया, जिसके चलते पुलिस ने मामला दर्ज कर आरोपी को गिरफ्तार किया था। अब पुलिस विभाग ने उसे जिला बदर करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है, जिससे यह मामला और भी गंभीर हो गया है।

विजय राजपूत की टिप्पणी से सतनामी समाज बेहद नाराज था। इस मामले में पुलिस ने त्वरित कार्रवाई करते हुए उसकी गिरफ्तारी की थी। गिरफ्तारी के बाद यह स्पष्ट हुआ कि विजय राजपूत का पुराना आपराधिक रिकॉर्ड भी है, जिसमें कई गंभीर मामले शामिल हैं। इस रिकॉर्ड के आधार पर पुलिस ने जिला बदर की अनुशंसा की है, जिससे यह संकेत मिलता है कि उसकी गतिविधियों पर कड़ी निगरानी रखी जा रही है।

पुलिस की कार्रवाई और उसके परिणाम

पुलिस द्वारा विजय राजपूत के खिलाफ की गई कार्रवाई ने समाज में एक संदेश दिया है कि भड़काऊ वक्तव्यों और अपराधों को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। पुलिस ने उसकी गिरफ्तारी के बाद बताया कि उसके खिलाफ पहले से भी कई मामले दर्ज हैं, जिसमें जमीन की अवैध खरीद-फरोख्त जैसे गंभीर आरोप शामिल हैं। इन सभी मामलों को ध्यान में रखते हुए जिला बदर की अनुशंसा की गई है।

सूत्रों की माने तो इस अनुशंसा पर जल्द ही कलेक्टर की मुहर लग सकती है। अगर ऐसा होता है, तो विजय राजपूत को रायगढ़ जिले से बाहर किया जा सकता है। यह कदम न केवल सतनामी समाज की भावनाओं को सम्मान देता है, बल्कि समाज में कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए भी आवश्यक है।

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सिंधी समाज की नाराजगी

बाबा गुरूघासी दास के प्रति की गई अभद्र टिप्पणी के बाद सिंधी समाज ने भी विजय राजपूत के खिलाफ नाराजगी जताई। समाज के सदस्यों ने यह स्पष्ट किया कि विजय राजपूत का समाज से कोई वास्ता नहीं है और वह समाज के पंचायतों में सक्रिय नहीं हैं। इस मुद्दे पर समाज ने एक प्रस्ताव पारित किया है, जिसमें विजय राजपूत के खिलाफ ठोस कदम उठाने की बात कही गई है।

सिंधी समाज का यह कदम दर्शाता है कि समाज में एकजुटता बनी हुई है और वे किसी भी प्रकार की अपमानजनक टिप्पणियों को सहन नहीं करने के लिए दृढ़ संकल्पित हैं। इस प्रकार के मामलों में समाज की एकजुटता महत्वपूर्ण होती है, ताकि ऐसे तत्वों को सही संदेश भेजा जा सके।

अपराधिक रिकॉर्ड का महत्व

इस मामले में अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक आकाश मरकाम ने बताया कि विजय राजपूत के पुराने अपराधिक रिकॉर्ड का गहन अध्ययन किया गया है। इस अध्ययन के आधार पर ही यह निर्णय लिया गया है कि उसे जिला बदर करने की प्रक्रिया शुरू की जाए। यह कदम न केवल वर्तमान मामले के लिए आवश्यक है, बल्कि भविष्य में ऐसे संभावित अपराधों को भी रोकने में मदद करेगा।

पुलिस विभाग के इस कदम को समाज ने सकारात्मक रूप से लिया है। ऐसा माना जा रहा है कि यदि विजय राजपूत को जिला बदर किया जाता है, तो इससे समाज में एक सकारात्मक संदेश जाएगा और अन्य ऐसे तत्वों को भी कानून के दायरे में लाने का मौका मिलेगा।

निष्कर्ष

विजय राजपूत के खिलाफ उठाए गए कदमों से यह स्पष्ट हो गया है कि छत्तीसगढ़ में कानून व्यवस्था को बनाए रखने के लिए पुलिस विभाग सक्रिय है। सतनामी समाज और सिंधी समाज दोनों ने मिलकर इस मामले में अपनी आवाज उठाई है, जो कि समाज की एकता और ताकत को दर्शाता है। अब देखना यह होगा कि प्रशासन इस अनुशंसा पर कितनी जल्दी कार्रवाई करता है और क्या विजय राजपूत को रायगढ़ जिले से बाहर किया जाएगा।

छत्तीसगढ़ समाचार हिंदी में


कपिल शर्मा 'जागरण न्यू मीडिया' (Jagran New Media) और अमर उजाला में बतौर पत्रकार के पद पर कार्यरत कर चुके है अब ये खबर २४ लाइव के साथ पारी शुरू करने से पहले रिपब्लिक भारत... Read More

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