सूरजपुर में बच्ची के साथ हुई दरिंदगी, आरोपी गिरफ्तार
सूरजपुर जिले के प्रतापपुर क्षेत्र में एक 21 वर्षीय युवक ने एक नाबालिग बच्ची के साथ दरिंदगी की। घटना तब हुई जब बच्ची अपने घर के बाहर खेल रही थी। आरोपी ने उसे चॉकलेट देने का बहाना बनाकर अपने घर ले गया और वहां उसके साथ बलात्कार किया। बच्ची की हालत बिगड़ने के बाद उसे मेडिकल कॉलेज अस्पताल में भर्ती कराया गया है। इस घटना से इलाके में आक्रोश फैल गया है, जिसके चलते लोगों ने आरोपी की पिटाई कर दी और उसे पुलिस के हवाले कर दिया।
घटना का विवरण और आरोपी का परिचय
यह घटना सोमवार को घटित हुई। पीड़ित बच्ची स्कूल से लौटने के बाद अपने घर के पास खेल रही थी, जबकि उसके माता-पिता किसी काम से बाहर गए हुए थे। इसी दौरान आरोपी, रोशन टोप्पो, जो मूलतः सूरजपुर जिले के जगन्नाथपुर का निवासी है, वहां पहुंचा और बच्ची को चॉकलेट का लालच देकर अपने घर ले गया। घटना के समय रोशन उस स्थान पर अकेला था, जिससे उसने इस घिनौनी हरकत को अंजाम दिया।
बच्ची के साथ हुई हैवानियत
आरोपी ने अपने कमरे में बच्ची के साथ बलात्कार किया। जब बच्ची दर्द से तड़पने लगी और चीखना चाहा, तो उसने उसके मुंह को दबा दिया। इस वीभत्सता के बाद, रोशन बच्ची के पास बैठ गया। बच्ची के अंदरूनी अंगों से खून बहने लगा, जिससे वह खून से लथपथ हो गई। जब आसपास के लोगों ने बच्ची की कराहने की आवाज सुनी, तो वे वहां पहुंचे और इस दर्दनाक घटना के बारे में जानकार हुए।
लोगों का आक्रोश और आरोपी की गिरफ्तारी
जैसे ही लोगों को घटना की जानकारी मिली, उन्होंने आरोपी रोशन टोप्पो की जमकर पिटाई की। इसके बाद, उसे पुलिस के हवाले कर दिया गया। घटना की जानकारी मिलने पर बच्ची के माता-पिता मौके पर पहुंचे और उसे सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में भर्ती कराया गया। वहां से प्राथमिक उपचार के बाद उसे अंबिकापुर मेडिकल कॉलेज रेफर किया गया, जहां उसे आईसीयू में रखा गया है। बच्ची की हालत में सुधार होने की जानकारी मिली है।
पुलिस की कार्रवाई और न्याय की प्रक्रिया
पुलिस ने आरोपी रोशन टोप्पो को गिरफ्तार कर लिया है। फोरेंसिक टीम ने भी घटना स्थल का मुआयना किया है। थाना प्रभारी अमित कौशिक ने बताया कि आरोपी के खिलाफ बीएनएस की धारा 65 (2) और पाक्सो एक्ट की धारा 4, 6 के तहत कार्रवाई की गई है। आरोपी को न्यायालय में पेश किया गया, जहां से उसे जेल भेज दिया गया है।
यह घटना न केवल समाज के लिए एक बड़ी चिंता का विषय है, बल्कि यह इस बात का भी संकेत है कि हमारे समाज में बच्चों की सुरक्षा को सुनिश्चित करने के लिए तत्काल कदम उठाने की आवश्यकता है। स्थानीय प्रशासन और पुलिस को इस मामले में तत्परता दिखाते हुए कठोर कदम उठाने चाहिए ताकि भविष्य में ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो सके।
सामाजिक जागरूकता की आवश्यकता
इस घटना ने एक बार फिर से यह सवाल खड़ा किया है कि क्या हमारे समाज में बच्चों की सुरक्षा को लेकर पर्याप्त जागरूकता है। क्या माता-पिता अपने बच्चों को ऐसे खतरों से बचाने के लिए सही तरीके से शिक्षित कर रहे हैं? इस मामले में सिर्फ पुलिस और न्यायालय की कार्रवाई पर्याप्त नहीं है। हमें समाज के हर वर्ग को इसमें शामिल करना होगा।
- बच्चों को सुरक्षित रखने के लिए जागरूकता अभियान चलाना चाहिए।
- माता-पिता को बच्चों के साथ खुलकर बात करनी चाहिए ताकि वे किसी भी खतरे के बारे में बता सकें।
- समाज में आपसी सहयोग और सुरक्षा की भावना को बढ़ावा देना चाहिए।
इस घटना को लेकर स्थानीय निवासियों में गहरा आक्रोश देखने को मिला है। सभी लोगों ने मिलकर इस तरह की घटनाओं के खिलाफ आवाज उठाने का संकल्प लिया है। समाज को एकजुट होकर इस दिशा में कदम उठाने की आवश्यकता है, ताकि भविष्य में फिर से ऐसी घटनाएं न हों।





















