छत्तीसगढ़ में 100 नक्सलियों का आत्मसमर्पण, राजू सलाम का नाम शामिल
छत्तीसगढ़ के उत्तर बस्तर स्थित कांकेर जिले में लगभग 100 नक्सलियों ने आत्मसमर्पण किया है। इनमें प्रमुख नक्सली नेता राजू सलाम, कमांडर प्रसाद और मीना शामिल हैं। ये सभी नक्सली जंगलों से बाहर आकर कामतेड़ा बीएसएफ कैंप में हथियार डाल चुके हैं। आत्मसमर्पण करने वाले सभी नक्सलियों को बस के जरिए बीएसएफ कैंप लाया गया। इस बड़ी संख्या में नक्सलियों के आत्मसमर्पण से क्षेत्र में नक्सलवाद के खिलाफ लड़ाई में नई उम्मीदें जगी हैं।
जानकारी के अनुसार, राजू सलाम डिवीजनल कमेटी मेंबर (DVCM) और कंपनी नंबर 5 का कमांडर था। वह रावघाट एरिया में सक्रिय रहा है और पिछले 20 सालों में कांकेर में हुए कई बड़े घटनाक्रमों का मास्टरमाइंड माना जाता है। कांकेर पुलिस ने आत्मसमर्पण करने वाले सभी नक्सलियों की पहचान करने का कार्य शुरू कर दिया है और इनकी जल्द ही मीडिया के सामने पेश किए जाने की संभावना है।
अन्य नक्सलियों का भी आत्मसमर्पण
इसके अतिरिक्त, एक दिन पहले ही 6 करोड़ के इनामी नक्सली भूपति ने 60 अन्य साथियों के साथ महाराष्ट्र में आत्मसमर्पण किया था। सुकमा जिले में भी 50 लाख के इनामी 27 नक्सलियों ने आत्मसमर्पण किया है, जिनमें 10 महिलाएं और 17 पुरुष शामिल हैं। कोंडागांव जिले में 5 लाख की इनामी महिला नक्सली गीता उर्फ कमली सलाम (40) ने भी हथियार छोड़ दिए हैं।
बस्तर आईजी सुंदरराज पी ने कहा कि पिछले 20 महीनों में अब तक कुल 1,876 नक्सलियों ने आत्मसमर्पण किया है। ये सभी समाज की मुख्यधारा से जुड़कर सरकार की पुनर्वास नीति का लाभ ले रहे हैं। हमें पूरा विश्वास है कि आने वाले समय में और भी माओवादी इस सकारात्मक रास्ते को अपनाएंगे।
भूपति का आत्मसमर्पण और इसकी वजहें
मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के सामने भूपति उर्फ सोनू दादा समेत 61 नक्सलियों का आत्मसमर्पण एक महत्वपूर्ण घटना है। भूपति, जो पोलित ब्यूरो का सदस्य है, ने मंगलवार को महाराष्ट्र के गढ़चिरौली में आत्मसमर्पण करने का निर्णय लिया। ये नक्सली अपने साथ हथियार लेकर आए थे, जिन्हें मुख्यमंत्री को सौंपा गया। भूपति नक्सल संगठन में एक प्रमुख भूमिका निभा रहा था और यह पिछले 80 के दशक से माओवादियों के साथ सक्रिय था।
छत्तीसगढ़ सरकार ने भूपति पर करीब 1 से डेढ़ करोड़ रुपये का इनाम रखा था। अन्य राज्यों को मिलाकर उसकी कुल कीमत 6 करोड़ रुपये से अधिक है। भूपति ने अपने अन्य साथियों के साथ हथियार डालने का फैसला किया, जो कि नक्सल संगठन पर बढ़ते दबाव का नतीजा है।
सुकमा में 27 नक्सलियों का आत्मसमर्पण
सुकमा जिले में 14 अक्टूबर को 27 सक्रिय नक्सलियों ने आत्मसमर्पण किया है। इनमें 10 महिलाएं और 17 पुरुष शामिल हैं। सभी नक्सलियों पर कुल 50 लाख रुपये का इनाम था। आत्मसमर्पण करने वालों में पीएलजीए बटालियन नंबर 01 और रिजनल मिलिट्री कंपनी के हार्डकोर माओवादी शामिल हैं। सभी ने एसपी किरण चव्हाण और सीआरपीएफ, कोबरा सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारियों के सामने हथियार डालकर आत्मसमर्पण किया।
नक्सलियों ने बताया कि वे शासन की “छत्तीसगढ़ नक्सलवादी आत्मसमर्पण पुनर्वास नीति 2025” और “नियद नेल्ला नार” योजना से प्रभावित हुए हैं। इसके साथ ही सुरक्षा बलों के बढ़ते दबाव और संगठन की अमानवीय विचारधारा से परेशान होकर उन्होंने मुख्यधारा में लौटने का फैसला किया।
सरकार की ओर से सभी आत्मसमर्पित माओवादियों को 50-50 हजार रुपये की प्रोत्साहन राशि और पुनर्वास सुविधाएं दी जाएंगी। इस प्रकार, छत्तीसगढ़ में नक्सलवाद के खिलाफ उठाए गए कदमों से राज्य में शांति और विकास की संभावनाएं उजागर हो रही हैं।
निष्कर्ष
इस घटनाक्रम से यह स्पष्ट होता है कि छत्तीसगढ़ में नक्सलवाद के खिलाफ उठाए गए कदम कारगर साबित हो रहे हैं। बड़ी संख्या में नक्सलियों का आत्मसमर्पण यह दर्शाता है कि वे मुख्यधारा में लौटने के लिए तैयार हैं। सरकार की पुनर्वास योजनाएं और सुरक्षा बलों का बढ़ता दबाव नक्सलियों को आत्मसमर्पण करने के लिए प्रेरित कर रहा है, जिससे स्थानीय समुदायों में सुरक्षा और शांति का माहौल बन रहा है।
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