दुर्ग जिले में विवाहिता की आत्महत्या: ससुर और सास गिरफ्तार
दुर्ग जिले के सुपेला थाना क्षेत्र में एक विवाहिता की आत्महत्या के मामले में उसके ससुर और सास को पुलिस ने गिरफ्तार किया है। मृतका की पहचान **26 वर्षीय तरन्नुम खोखर** के रूप में हुई है, जिसने **22 सितंबर** की रात अपने घर में **फांसी** लगाकर आत्महत्या कर ली। यह घटना परिवार में चल रहे मानसिक दबाव और विवादों की परिणति बताई जा रही है।
पुलिस के अनुसार, तरन्नुम खोखर **कृष्णा ग्रैंड सिटी** के सामने स्थित **शीतला कॉलोनी, कोहका** की निवासी थी। उसके पति **शाहरुख खोखर** के साथ 2016 में शादी हुई थी। जांच के दौरान यह बात सामने आई कि शादी के बाद से ही तरन्नुम का ससुराल पक्ष, जिसमें ससुर **शकील खोखर**, सास **शहनाज खोखर**, जेठ **हैदर खोखर** और जेठानी **बुसरा खोखर** शामिल थे, उसे **छोटी-छोटी बातों** पर **मानसिक रूप से प्रताड़ित** करते थे।
ससुराल में मानसिक प्रताड़ना का सामना करती तरन्नुम
जांच में यह भी स्पष्ट हुआ कि लगभग **तीन साल पहले** ससुराल पक्ष ने तरन्नुम के पति के लिए एक **मोबाइल की दुकान** खोलने हेतु **30 से 35 लाख रुपए** का कर्ज लिया था। इस कर्ज की **किस्तें** समय पर चुकता न हो पाने के कारण ससुराल वाले तरन्नुम को लगातार **ताने** मारते और विवाद करते थे। यह लगातार चलने वाला **आर्थिक और मानसिक दबाव** ही था, जिसने तरन्नुम को आत्महत्या के कदम उठाने के लिए मजबूर किया।
तानों से तंग आकर विवाहिता ने दी जान
तरन्नुम के आत्महत्या करने की इस घटना ने पूरे परिवार और समुदाय में एक गहरा सदमा पहुंचाया है। उसकी मौत के बाद पुलिस ने इस मामले में गंभीरता से जांच शुरू की। पुलिस ने मृतका के पति **शाहरुख खोखर**, ससुर **शकील खोखर**, सास **शहनाज खोखर**, जेठ **हैदर खोखर** और जेठानी **बुसरा खोखर** के खिलाफ **अपराध क्रमांक 1187/2025** दर्ज किया है। आरोपियों पर भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) की **धारा 108** और **3(5)** के तहत मामला दर्ज किया गया है।
पुलिस द्वारा की गई गिरफ्तारी और आगे की कार्रवाई
सुपेला पुलिस ने अपनी जांच के आधार पर आरोपी ससुर **शकील खोखर** (55 वर्ष) और सास **शहनाज खोखर** (54 वर्ष) को गिरफ्तार कर लिया है और उन्हें **न्यायिक रिमांड** पर भेज दिया गया है। इस मामले में अन्य आरोपियों की तलाश जारी है। पुलिस ने इस मामले को लेकर गंभीरता दिखाई है और यह सुनिश्चित करने का प्रयास किया जा रहा है कि दोषियों को कड़ी सजा मिले।
इस प्रकार के मामलों में अक्सर मानसिक स्वास्थ्य और परिवारिक दबाव के मुद्दे उभरकर सामने आते हैं। समाज में ऐसे मामलों की बढ़ती संख्या चिंता का विषय है और इसे रोकने के लिए जागरूकता फैलाने की आवश्यकता है। परिवारों को चाहिए कि वे एक-दूसरे के प्रति सहानुभूति और समझदारी का भाव रखें, ताकि ऐसे दुखद घटनाओं से बचा जा सके।
इस घटना ने यह भी दिखाया है कि हमें अपने आस-पास के लोगों की मानसिक स्थिति पर ध्यान देने की आवश्यकता है। परिवारिक तानों और मानसिक प्रताड़ना से बचने के लिए संवाद और समझ जरूरी है। ऐसे में समाज को एकजुट होकर इस समस्या का समाधान निकालने की कोशिश करनी चाहिए।