नीरज बाजपेयी को दानवीर भामाशाह सम्मान
राजनांदगांव के प्रतिष्ठित शिक्षाविद् और नीरन ग्रुप ऑफ स्कूल्स के संचालक इंजीनियर नीरज बाजपेयी को आगामी बुधवार को रायपुर में दानवीर भामाशाह सम्मान से सम्मानित किया जाएगा। यह सम्मान उन्हें राज्योत्सव के अवसर पर उपराष्ट्रपति सीपी राधाकृष्णन के द्वारा प्रदान किया जाएगा। नीरज बाजपेयी का यह सम्मान उनके शिक्षा और समाज सेवा के क्षेत्र में किए गए अनुकरणीय कार्यों के लिए है।
मेडिकल कॉलेज की स्थापना में अहम योगदान
राजनांदगांव में मेडिकल कॉलेज की स्थापना के समय जब एप्रोच रोड की कमी के कारण परियोजना में बाधा आ रही थी, तब नीरज बाजपेयी ने अपने परिवार के सदस्यों के साथ मिलकर राष्ट्रीय राजमार्ग से प्रस्तावित मेडिकल कॉलेज गेट तक 60 फीट चौड़ी और 1600 फीट लंबी 2.15 एकड़ बेशकीमती जमीन शासन को दान कर दी। इस दान ने मेडिकल कॉलेज के निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई और इससे कई जिंदगियों को बचाने में मदद मिली।
महामारी के दौरान अद्वितीय पहल
कोविड-19 महामारी के दौरान, नीरज बाजपेयी ने नीरज बाजपेयी इंटरनेशनल स्कूल (बोरी) को 74 बिस्तरों वाले कोविड अस्पताल में परिवर्तित किया। इस कठिन समय में, उन्होंने उन बच्चों की 50% फीस माफ करने का निर्णय लिया, जिनके माता-पिता दोनों या उनमें से कोई एक महामारी के कारण नहीं रहे। यह पहल शासकीय निर्णय से पहले ही शुरू कर दी गई थी, जिससे यह स्पष्ट होता है कि नीरज बाजपेयी ने समाज के प्रति अपनी जिम्मेदारी को प्राथमिकता दी।
समाजसेवा और शिक्षा में सतत योगदान
नीरज बाजपेयी ने शिक्षा और समाज सेवा के क्षेत्र में कई वर्षों से लगातार योगदान दिया है। उन्होंने सेना और पुलिस परिवार के शहीदों के बच्चों को 50% से 100% तक फीस में छूट देकर शिक्षा प्रदान की है। इसके अलावा, वे गरीब, दिव्यांग और अक्षम लोगों की सहायता भी नियमित रूप से करते रहे हैं। उनके संस्थान में आर्थिक रूप से कमजोर लगभग 250 बच्चों को स्कूल फीस में छूट दी जा रही है, जिसकी कुल राशि लगभग 10 लाख रुपए है।
इसके अलावा, शिक्षा के अधिकार (RTE) अधिनियम के तहत 850 बच्चों को निशुल्क शिक्षा प्रदान की जा रही है। यह नीरज बाजपेयी की शिक्षा के प्रति समर्पण और समाज के प्रति उनकी निस्वार्थ सेवा का प्रतीक है। उनके कार्यों ने न केवल शिक्षा के स्तर को ऊंचा उठाया है, बल्कि समाज में समानता और न्याय की भावना को भी मजबूत किया है।
नीरज बाजपेयी का भविष्य के लिए दृष्टिकोण
नीरज बाजपेयी का मानना है कि शिक्षा ही समाज में परिवर्तन लाने का सबसे प्रभावी माध्यम है। वे आगे भी अपने प्रयासों को जारी रखते हुए और अधिक बच्चों को शिक्षा के अवसर प्रदान करने की योजना बना रहे हैं। उनका सपना है कि हर बच्चे को एक समान और गुणवत्तापूर्ण शिक्षा मिले, ताकि वे अपने सपनों को साकार करने में समर्थ हो सकें।
उनकी यह सोच न केवल बच्चों की शिक्षा में सहायक है, बल्कि यह समग्र समाज के विकास के लिए भी अनिवार्य है। नीरज बाजपेयी का यह समर्पण और उनकी अनवरत मेहनत उन्हें एक प्रेरणास्त्रोत बनाती है, जो न केवल राजनांदगांव, बल्कि पूरे राज्य के लिए एक उदाहरण प्रस्तुत करता है।
इस सम्मान के माध्यम से, नीरज बाजपेयी की मेहनत और उनके द्वारा किए गए कार्यों की सराहना होगी, जिससे अन्य लोगों को भी समाज सेवा और शिक्षा के प्रति प्रेरित होने का अवसर मिलेगा।




















