बलरामपुर में महिला पर पति और ससुराल पक्ष का हमला, गंभीर हालत में अस्पताल में भर्ती
छत्तीसगढ़ के बलरामपुर जिले में एक महिला ने अपने पति और ससुराल वालों पर मारपीट और हत्या की कोशिश का गंभीर आरोप लगाया है। इस घटना में महिला को गंभीर चोटें आईं हैं और उसे रामानुजगंज अस्पताल में उपचार के लिए भर्ती किया गया है। यह मामला रामचंद्रपुर थाना क्षेत्र के ग्राम दोलंगी का है, जहां पर यह घटना घटी।
पीड़िता सजरा खातून की शिकायत
पीड़िता सजरा खातून ने अपनी शिकायत में बताया कि उसका विवाह नूरुद्दीन अंसारी से हुआ है। शादी के बाद से ही उसका पति, ससुर और देवर उसके साथ लगातार विवाद, गाली-गलौज और मारपीट करते थे। सजरा ने यह भी कहा कि उसका पति बच्चों के भरण-पोषण में कोई सहयोग नहीं कर रहा था और न ही घर-गृहस्थी की जिम्मेदारियों को निभा रहा था।
घातक हमला: मृत समझकर घर में बंद किया
सजरा खातून ने बताया कि बुधवार को दोपहर के समय उसके पति नूरुद्दीन अंसारी, ससुर नसीम अंसारी, देवर मोजममील अंसारी और उनकी पत्नियां उसके घर पहुंचे। उन्होंने सजरा पर बेरहमी से लात-घूसों और डंडे से हमला किया। गंभीर रूप से घायल होने के बाद आरोपियों ने उसे मृत समझकर घर में बंद कर दिया। यह एक अत्यंत भयावह और अमानवीय घटना है, जिसने समाज में एक बार फिर से घरेलू हिंसा के मुद्दे को उजागर किया है।
परिवार की प्रतिक्रिया और स्वास्थ्य केंद्र में इलाज
घटना की जानकारी मिलने पर पीड़िता का भाई अपनी पत्नी के साथ मौके पर पहुंचा। उसने देखा कि घर बाहर से बंद था और सजरा खातून अंदर बेहोश पड़ी थी। उसे तुरंत प्राथमिक उपचार के लिए स्थानीय स्वास्थ्य केंद्र ले जाया गया जहां उसकी स्थिति गंभीर बताई जा रही है। इस घटना ने परिवार के अन्य सदस्यों को भी गंभीर चिंता में डाल दिया है।
पुलिस कार्रवाई और आरोपियों की गिरफ्तारी
इस घटना के बाद, पीड़िता ने उचित कार्रवाई की मांग की है और पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया है। हालांकि, पति नूरुद्दीन अंसारी फरार हो गया है, जिसके चलते पुलिस उसकी तलाश में जुट गई है। इस मामले में पुलिस ने तेजी से कार्रवाई करते हुए सभी आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए अभियान शुरू कर दिया है।
समाज में घरेलू हिंसा का बढ़ता मामला
यह घटना एक बार फिर से घरेलू हिंसा के मुद्दे को सामने लाती है, जो आज के समाज में एक गंभीर समस्या बन चुकी है। महिलाएं अक्सर इस तरह के अत्याचार का सामना करती हैं, लेकिन कई बार सामाजिक दबाव या डर के कारण वे इसकी शिकायत नहीं कर पाती हैं। सजरा खातून की हिम्मत ने एक उदाहरण पेश किया है कि महिलाएं इस तरह के अत्याचार के खिलाफ खड़ी हो सकती हैं।
उचित कार्रवाई की आवश्यकता
महिलाओं के खिलाफ हो रहे इस तरह के अपराधों के खिलाफ समाज में जागरूकता और सख्त कानूनों की आवश्यकता है। सरकार और पुलिस को चाहिए कि वे इस मामले में त्वरित और प्रभावी कार्रवाई करें ताकि ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो सके। सजरा खातून की इस दर्दनाक कहानी ने हमें सोचने पर मजबूर कर दिया है कि हम सभी को मिलकर इस समस्या का समाधान निकालना होगा।
इस मामले पर नजर रखने के लिए स्थानीय प्रशासन को सक्रिय रहना होगा, ताकि पीड़ित महिलाओं को न्याय मिल सके और उन्हें सुरक्षा प्रदान की जा सके।























