छत्तीसगढ़ में बेस्टो कॉफ कफ सिरप का मामला: नकली उत्पाद की पहचान
छत्तीसगढ़ के स्वास्थ्य विभाग ने बेस्टो कॉफ कफ सिरप को नकली घोषित कर दिया है। असली सिरप की मार्केटिंग करने वाली कंपनी, बेस्टोकेम फार्मूलेशंस, दिल्ली ने इस सिरप को अपना उत्पाद मानने से साफ इनकार कर दिया है। इस घटनाक्रम के बाद, बच्चों के लिए खांसी की सिरप पर बैन भी लगा दिया गया है। यह मामला तब सामने आया जब फूड एंड ड्रग विभाग ने आवश्यक जांच के बाद इस सिरप को अवमानक पाया।
गिरफ्तारी और कार्रवाई
रिपोर्ट प्राप्त होने के बाद, फूड एंड ड्रग विभाग ने 3 नवंबर को गरियाबंद के कुलेश्वर नाथ मेडिकल के संचालक सीताराम साहू को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया। विभाग की लैब में 150 से ज्यादा सैंपल की रिपोर्ट अब तक नहीं आई है, लेकिन जिन सैंपल की जांच की गई, वे सब-स्टैंडर्ड पाए गए।
मेडिकल स्टोर में मिली दवाई में एक्सपायरी डेट नहीं थी।
सिरप की गुणवत्ता पर सवाल
कालीबाड़ी स्थित राज्य औषधि परीक्षण प्रयोगशाला में जब इस सिरप का सैंपल जांचा गया, तो रिपोर्ट में आवश्यक औषधीय तत्वों की मात्रा बेहद कम पाई गई। विभाग ने जब संबंधित कंपनी से जवाब मांगा, तो कंपनी ने यह कहकर पल्ला झाड़ लिया कि यह सिरप उनकी नहीं है। इसके आधार पर इसे नकली दवा की श्रेणी में रखकर कार्रवाई की गई।
ड्रग विभाग की कार्रवाई
विभाग ने कुलेश्वर मेडिकल एंड जनरल स्टोर्स के संचालक को औषधि एवं प्रसाधन सामग्री अधिनियम, 1940 के तहत गिरफ्तार किया है। अधिकारियों के अनुसार, सिरप का सैंपल अगस्त में लिया गया था। सितंबर में रिपोर्ट आने के बाद कंपनी को नोटिस भेजा गया था और सिरप की बिक्री पर रोक भी लगा दी गई थी।
हालांकि, कुछ मेडिकल स्टोर संचालकों ने यह स्वीकार किया है कि बेस्टो कफ सिरप की बिक्री अभी भी गुपचुप जारी है।
दैनिक भास्कर की भूमिका
नेशनल स्वास्थ्य विभाग से रिपोर्ट आने के बाद दैनिक भास्कर डिजिटल ने प्रदेश में बिकने वाली दवाओं की रिपोर्ट का खुलासा किया था। जिस सिरप पर मेडिकल स्टोर संचालक पर कार्रवाई हुई, उस बेस्टो कफ सिरप का भी रिपोर्ट में जिक्र था। इस दवा की बिक्री की जानकारी होने पर खाद्य एवं औषधि प्रशासन विभाग के अधिकारियों ने कार्रवाई की है।
बच्चों की सुरक्षा के लिए प्रतिबंध
इधर, राज्य शासन ने बच्चों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए दो साल से कम उम्र के बच्चों को खांसी की सिरप देने पर पूर्ण प्रतिबंध लगा दिया है। यह निर्णय मध्यप्रदेश और राजस्थान में खांसी की सिरप पीने से बच्चों की मौत के मामलों के बाद लिया गया। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने सभी राज्यों को एडवाइजरी जारी कर कहा है कि दो साल से कम उम्र के बच्चों को किसी भी प्रकार की खांसी या सर्दी-जुकाम की सिरप नहीं दी जानी चाहिए।
कुलेश्वर नाथ मेडिकल के संचालक सीताराम साहू गिरफ्तार।
दवा की अवमानक पहचान
औषधि निरीक्षक गरियाबंद ने ‘बेस्टो कॉफ ड्राई कॉफ फार्मूला’ नामक कफ सिरप का नमूना लिया था। इस सिरप पर बैच नंबर, निर्माण तिथि और एक्सपायरी तिथि अंकित नहीं थी। नमूने को जांच के लिए औषधि परीक्षण प्रयोगशाला भेजा गया, जहां इसे ‘अवमानक’ घोषित किया गया।
तुरंत कार्रवाई करते हुए, औषधि के लेबल पर उल्लिखित निर्माता फर्म से संपर्क किया गया। जांच में पता चला कि इस दवा का निर्माण उस फर्म द्वारा नहीं किया गया था, जिससे यह स्पष्ट हो गया कि यह एक नकली औषधि है।
निष्कर्ष
छत्तीसगढ़ में बेस्टो कॉफ कफ सिरप के मामले ने स्वास्थ्य विभाग की सक्रियता को उजागर किया है। यह घटना न केवल बच्चों की सुरक्षा के लिए महत्वपूर्ण है, बल्कि यह भी दर्शाती है कि कैसे नकली उत्पादों का कारोबार स्वास्थ्य को खतरे में डाल सकता है। अधिकारियों द्वारा की गई कार्रवाई से यह स्पष्ट होता है कि स्वास्थ्य विभाग अब इस मामले में गंभीर है और भविष्य में ऐसे मामलों की रोकथाम के लिए आवश्यक कदम उठाने के लिए तैयार है।


























