टाटा ट्रस्ट्स में बदलाव: मेहली क. मिस्त्री ने ट्रस्टी के पद से इस्तीफा दिया
टाटा समूह के लंबे समय से सहयोगी और दिवंगत रतन एन. टाटा के करीबी मित्र मेहली क. मिस्त्री ने टाटा ट्रस्ट्स से ट्रस्टी के पद से इस्तीफा दे दिया है। उनका यह निर्णय **4 नवंबर** को जारी एक पत्र के माध्यम से सार्वजनिक किया गया, जिसमें उन्होंने कहा कि उनकी ट्रस्टीशिप संगठन के दृष्टिकोण और मूल्यों के साथ मेल नहीं खाती थी।
मिस्त्री का यह पत्र सर रतन टाटा ट्रस्ट (SRTT), सर दोराबजी टाटा ट्रस्ट (SDTT), और बाई हिराबाई जे.एन. टाटा नवसारी चैरिटेबल इंस्टीट्यूशन ट्रस्ट (BHJTNCI) के चेयरपर्सन को संबोधित किया गया था। उन्होंने अपने ट्रस्टी के रूप में कार्य को रतन टाटा द्वारा व्यक्तिगत रूप से दी गई “विशेषाधिकार और अवसर” के रूप में वर्णित किया। मिस्त्री ने यह भी स्पष्ट किया कि उन्हें इस पद पर काम करने का अवसर मिलने के लिए वे रतन टाटा के प्रति गहरी आभार व्यक्त करते हैं, क्योंकि यह पद टाटा के परोपकार और ईमानदारी के आदर्शों को दर्शाता है।
ट्रस्टीशिप का समापन और विवादों से बचाव
मिस्त्री ने बताया कि उनकी ट्रस्टीशिप **28 अक्टूबर 2025** को औपचारिक रूप से समाप्त हो रही थी। उन्होंने जोर देकर कहा कि उनका इस्तीफा ट्रस्ट्स की प्रतिष्ठा को बनाए रखने के लिए आवश्यक था और इसका उद्देश्य उन “अटकलों” को समाप्त करना था, जिन्हें उन्होंने संगठन के दृष्टिकोण के लिए हानिकारक बताया। उन्होंने कहा, “मुझे विश्वास है कि यह पत्र उन अटकलों को समाप्त करने में सहायक होगा जो टाटा ट्रस्ट्स के हितों को नुकसान पहुंचाती हैं।”
उन्होंने रतन टाटा के दृष्टिकोण के प्रति अपनी प्रतिबद्धता को भी उजागर किया, यह कहते हुए कि उनका कार्य नैतिक शासन, शांत परोपकार और राष्ट्र की सेवा के सिद्धांतों द्वारा संचालित था। मिस्त्री ने कहा, “मेरी जिम्मेदारी यह सुनिश्चित करना है कि टाटा ट्रस्ट्स विवाद में न पड़े।” उन्होंने यह भी कहा कि वे किसी भी ऐसे कार्य से बचना चाहते हैं जो ट्रस्ट्स की प्रतिष्ठा को “अपरिवर्तनीय नुकसान” पहुंचा सके।
पारदर्शिता और सार्वजनिक जवाबदेही का महत्व
मिस्त्री ने ट्रस्ट्स की स्थापना से लेकर अब तक पारदर्शिता, अच्छे शासन और सार्वजनिक जवाबदेही के महत्व पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि रतन टाटा के सिद्धांतों के अनुसार, “सार्वजनिक हित हमेशा व्यक्तिगत हित से पहले आना चाहिए।” यह विचार टाटा ट्रस्ट्स के मूलभूत मूल्यों का हिस्सा है और इसे आगे बढ़ाने की आवश्यकता पर बल दिया।
उन्होंने अपने पत्र में यह भी उल्लेख किया कि रतन टाटा ने अक्सर उन्हें एक महत्वपूर्ण विचार साझा किया, जो उनकी व्यक्तिगत दर्शन और निर्णय को सबसे अच्छे तरीके से दर्शाता है: “कोई भी संस्था की सेवा करने वाली संस्था से बड़ी नहीं है।” यह विचार मेहली क. मिस्त्री के इस्तीफे के पीछे की सोच को स्पष्ट करता है और दिखाता है कि उन्होंने अपने कार्य को किस प्रकार एक जिम्मेदारी के रूप में लिया।
समापन टिप्पणी
मेहली क. मिस्त्री का इस्तीफा टाटा ट्रस्ट्स के लिए एक महत्वपूर्ण मोड़ को दर्शाता है। उनकी विदाई न केवल व्यक्तिगत स्तर पर बल्कि संगठन के लिए भी एक नया अध्याय खोलने का संकेत है। ट्रस्ट्स के प्रति उनकी प्रतिबद्धता और रतन टाटा के मूल्यों को आगे बढ़ाने की इच्छा ने उन्हें इस निर्णय के लिए प्रेरित किया। अब देखना यह होगा कि टाटा ट्रस्ट्स आगे किस दिशा में बढ़ते हैं और इस परिवर्तन का उनके कार्यों पर क्या प्रभाव पड़ता है।























