बिहार में बाढ़ से छठ पूजा पर संकट
समस्तीपुर जिले के पुरानी दुर्गा स्थान स्थित डूबा घाट पर बूढी गंडक नदी में आई बाढ़ के कारण शहर और आसपास के अधिकतर छठ घाट डूब चुके हैं। यह स्थिति महापर्व छठ के आयोजन से ठीक पांच दिन पहले उत्पन्न हुई है, जिससे छठ व्रतियों के लिए अर्घ देने की समस्या खड़ी हो गई है। स्थानीय प्रशासन चुनावी तैयारियों में व्यस्त है, जिसके चलते इस गंभीर स्थिति की ओर ध्यान नहीं दिया जा रहा है।
छठ के मौके पर समस्तीपुर शहर के बीच से गुजरने वाली बूढी गंडक नदी पर लाखों श्रद्धालु एकत्र होते हैं। यह महापर्व विशेष रूप से सूर्य देवता की पूजा के लिए मनाया जाता है, जिसमें व्रति नदी के घाट पर जाकर अर्घ्य अर्पित करती हैं। लेकिन इस बार बाढ़ ने सभी तैयारियों को प्रभावित कर दिया है।
बूढी गंडक नदी में बाढ़ की स्थिति
बूढी गंडक नदी में आई बाढ़ की वजह से धर्मपुर से लेकर जितवारपुर तक करीब 3 किलोमीटर क्षेत्र में सभी घाट डूबे हुए हैं। यह क्षेत्र नगर निगम क्षेत्र में आता है, जहां नदी के किनारे बसे लोग भी छठ पूजा करते हैं। स्थानीय निवासियों का कहना है कि यह स्थिति काफी दिनों बाद उत्पन्न हुई है, जब छठ पूजा के समय नदी में इस तरह की बाढ़ आई है। पानी की मात्रा इतनी अधिक है कि व्रति को बांध पर से अर्घ देना पड़ेगा।
- धर्मपुर से जितवारपुर तक सभी घाट डूबे हुए हैं।
- स्थानीय लोगों को बांध पर अर्घ देने में कठिनाई का सामना करना पड़ सकता है।
- बाढ़ की स्थिति ने पूजा की व्यवस्थाओं को प्रभावित किया है।
स्थानीय प्रशासन की तैयारियां
नगर निगम की अध्यक्ष अनीता राम ने बताया कि बूढी गंडक नदी में अप्रत्याशित पानी की स्थिति को देखते हुए नदी तट के किनारे ऊंचे स्थानों पर साफ-सफाई की जा रही है। वहां गड्ढा बना कर पानी भरने की व्यवस्था की जा रही है, ताकि श्रद्धालु पूजा अर्चना कर सकें। हालांकि, उन्होंने स्पष्ट किया कि इस बार जितनी संख्या में लोग पूजा करने के लिए पहुंचते हैं, उतनी व्यवस्था संभव नहीं है। इस कारण लोगों को अपने घरों पर भी पूजा करने की व्यवस्था करनी चाहिए।
अनीता राम ने आगे कहा कि प्रशासन पूरी कोशिश कर रहा है कि व्रतियों को किसी प्रकार की कठिनाई न हो, लेकिन बाढ़ की स्थिति के कारण चुनौतियाँ बढ़ गई हैं। उन्होंने लोगों से अपील की है कि वे अपने घरों पर भी पूजा के लिए स्थान तैयार करें, ताकि किसी भी तरह की कठिनाई का सामना न करना पड़े।
छठ व्रतियों की चिंता
स्थानीय लोगों में इस स्थिति को लेकर चिंता बढ़ रही है। कई व्रति यह सोच रही हैं कि इस बार उन्हें अर्घ देने के लिए कैसे व्यवस्था करनी होगी। बाढ़ के कारण घाट डूब जाने से उनके लिए कठिनाई बढ़ गई है। लोगों का कहना है कि बाढ़ की स्थिति में पूजा का आयोजन एक चुनौती बन गई है।
स्थानीय निवासियों का मानना है कि प्रशासन की ओर से समय पर उपाय नहीं किए गए तो यह महापर्व श्रद्धालुओं के लिए एक कठिनाई भरा अनुभव बन जाएगा। सभी लोग भगवान सूर्य से प्रार्थना कर रहे हैं कि जल्द से जल्द पानी की स्थिति सामान्य हो जाए, ताकि छठ पूजा का आयोजन सही तरीके से हो सके।
निष्कर्ष
बिहार में बाढ़ की वजह से छठ पूजा की तैयारियों में कमी आई है। प्रशासन को चाहिए कि वह इस संकट की गंभीरता को समझे और त्वरित उपाय करें। श्रद्धालुओं की आस्था और विश्वास को ध्यान में रखते हुए, उन्हें उचित व्यवस्था उपलब्ध कराई जानी चाहिए। साथ ही, व्रति भी अपने घरों में पूजा अर्चना की तैयारी करें ताकि यह महापर्व सफलतापूर्वक मनाया जा सके।






















