बिहार चुनाव में नए मोड़: वीआईपी प्रत्याशी का राजद को समर्थन
बिहार में चुनाव प्रचार के समाप्त होते ही दरभंगा जिले के गौरा बौराम विधानसभा क्षेत्र से वीआईपी (विकासशील इंसान पार्टी) के प्रत्याशी संतोष सहनी ने राजद (राष्ट्रीय जनता दल) के प्रत्याशी मोहम्मद अफजल अली खान को अपना समर्थन देने की घोषणा की। इस कदम से महागठबंधन की स्थिति और मजबूत होती दिख रही है। वीआईपी के प्रमुख मुकेश सहनी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस के माध्यम से अपने भाई संतोष सहनी के चुनावी मैदान से हटने की जानकारी दी और अफजल अली खान को पूरा समर्थन देने की बात कही।
इससे पहले, महागठबंधन के सीएम फेस तेजस्वी यादव ने भी चुनाव प्रचार के दौरान संतोष सहनी के समर्थन में वोट की अपील की थी। उन्होंने जनता से अपील की कि वे अपने मताधिकार का सही इस्तेमाल कर संतोष सहनी को भारी बहुमत से जीत दिलाएं। तेजस्वी यादव ने कहा कि यह चुनाव बिहार के भविष्य और लोकतंत्र की रक्षा का है, जिसमें पुरानी सरकार को उखाड़ फेंकने की जरूरत है।
राजद में हलचल: अफजल अली खान की निकासी की खबर
इस घटनाक्रम के बीच, एक दिन पहले ही अफजल अली खान को राजद से 6 साल के लिए निकाले जाने की खबरें आई थीं। हालांकि, उन्होंने सोशल मीडिया पर इस खबर को झूठा बताते हुए कहा कि उन्हें निकाले जाने की चिट्ठी मीडिया में आई है। इस स्थिति ने गौरा बौराम सीट को महागठबंधन के लिए चुनौतीपूर्ण बना दिया था, जिसके चलते मुकेश सहनी ने अपने भाई संतोष सहनी के चुनावी मैदान से हटने की घोषणा की।
मुकेश सहनी ने स्पष्ट किया कि उनका मुख्य उद्देश्य NDA (राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन) को सत्ता से हटाना और महागठबंधन को मजबूत करना है। उन्होंने कहा, “हम अफजल अली खान के पक्ष में समर्थन देकर सेक्युलर वोटों के बिखराव को रोकना चाहते हैं।” इस प्रकार, वीआईपी का यह समर्थन महागठबंधन के लिए महत्वपूर्ण साबित हो सकता है।
तेजस्वी यादव की अपील: चुनाव की गंभीरता
तेजस्वी यादव ने अपने चुनाव प्रचार के दौरान एक वीडियो संदेश में संतोष सहनी के लिए वोट की अपील की। उन्होंने कहा, “गौरा बौराम की महान जनता को मेरा प्रणाम है। हम सभी से अपील करते हैं कि एक-एक वोट नाव पर बटन दबाकर हमारे भाई संतोष सहनी को भारी बहुमत से जिताने का काम करें।” उन्होंने यह भी कहा कि इस बार का चुनाव बिहार के निर्माण, संविधान की रक्षा और लोकतंत्र की रक्षा का है।
यह स्पष्ट है कि बिहार का चुनाव केवल एक राजनीतिक लड़ाई नहीं है, बल्कि यह एक विचारधारा की भी लड़ाई है। तेजस्वी यादव ने कहा कि यह चुनाव 20 साल पुरानी सरकार को उखाड़ फेंकने का अवसर है। उन्होंने लोगों से यह भी कहा कि किसी भी अफवाह में आने की आवश्यकता नहीं है।
महागठबंधन की मजबूती और चुनावी रणनीति
महागठबंधन के इस समर्थन ने चुनावी रणनीति को और मजबूत किया है। अफजल अली खान को समर्थन देने का निर्णय केवल वोट बैंक को एकजुट करने के लिए नहीं, बल्कि बिहार की राजनीति में एक नए समीकरण को स्थापित करने के लिए भी है। इस तरह की राजनीतिक गतिशीलता चुनाव के परिणामों को प्रभावित कर सकती है।
इस घटनाक्रम के बाद, राजद और वीआईपी के बीच का यह सहयोग महागठबंधन के लिए एक सकारात्मक संकेत है। यह देखना दिलचस्प होगा कि आने वाले दिनों में यह गठबंधन कितना प्रभावी साबित होता है और क्या यह बिहार चुनाव में एक नई दिशा प्रदान कर सकेगा।
जैसे-जैसे चुनाव की तारीख नजदीक आ रही है, राजनीतिक दलों के बीच की यह हलचल और भी तेज होती जा रही है। सभी दल अब अपने-अपने रणनीतिक कदम उठाने में जुटे हुए हैं। बिहार की राजनीति में इस समय जो भी घटनाक्रम हो रहे हैं, वे आने वाले चुनावों के परिणामों पर गहरा असर डाल सकते हैं।






















