बिहार चुनाव: तेजस्वी यादव का बड़ा ऐलान
पटना में आयोजित एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान, तेजस्वी यादव ने यह घोषणा की है कि यदि उनकी सरकार बनती है, तो ‘माई बहिन योजना’ के तहत महिलाओं के खातों में एक वर्ष की पूरी राशि, जो कि 30 हजार रुपए होगी, एक साथ भेजी जाएगी। तेजस्वी का यह वादा महिलाओं के लिए एक बड़ी राहत के तौर पर देखा जा रहा है।
तेजस्वी ने बताया कि यदि उनकी सरकार का गठन होता है, तो 14 जनवरी को महिलाओं को एक साथ एक साल का पैसा दिया जाएगा। इसके साथ ही, जीविका दीदी कम्युनिटी मोबलाइज़र को स्थायी किया जाएगा और उन्हें हर महीने 2000 रुपए दिए जाएंगे। यह कदम महिलाओं की आर्थिक स्थिति को मजबूत करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है।
ओल्ड पेंशन स्कीम का वादा
तेजस्वी यादव ने यह भी वादा किया है कि उनकी सरकार बनने पर ओल्ड पेंशन स्कीम को लागू किया जाएगा। इसके अलावा, सरकारी कर्मियों की पोस्टिंग उनके गृह जिले से 70 किलोमीटर के अंदर ही की जाएगी। यह घोषणा सरकारी कर्मचारियों के लिए एक सकारात्मक संकेत है, जिससे उन्हें अपने घर के करीब काम करने का अवसर मिलेगा।
चुनाव प्रचार का अंतिम दिन
बिहार में पहले चरण के चुनाव प्रचार का आज आखिरी दिन है। शाम 5 बजे तक 121 सीटों पर चुनावी प्रचार समाप्त हो जाएगा। इस समय सभी राजनीतिक दलों के नेताओं के बयानों की बौछार हो रही है। ऐसे में किशनगंज की बहादुरगंज विधानसभा सीट से AIMIM प्रत्याशी तौसीफ आलम ने एक चुनावी सभा में तेजस्वी यादव को धमकी दी। आलम ने कहा कि अगर तेजस्वी ने उनके नेता असदुद्दीन ओवैसी को चरमपंथी कहा, तो वह तेजस्वी को आंख, उंगली और जुबान काटने की धमकी दे रहे हैं।
तेज प्रताप का बयान
वहीं, तेजस्वी यादव के बड़े भाई तेज प्रताप यादव ने राघोपुर विधानसभा क्षेत्र में अपने छोटे भाई के खिलाफ प्रचार किया। उन्होंने कहा कि जनशक्ति जनता दल (जेजेडी) के प्रत्याशी के पक्ष में प्रचार करते हुए हरा झंडा वाला राजद पार्टी फर्जी है। उन्होंने यह भी कहा कि असली पार्टी वही है, जो लालू प्रसाद यादव ने बनाई थी। तेज प्रताप ने तेजस्वी को चारा चोर का बेटा भी कहा।
RJD में अफजल अली खां को निकाला गया
इस बीच, सोमवार को RJD ने दरभंगा में अफजल अली खां को पार्टी से निकाल दिया। गौरा बौराम विधानसभा सीट से नामांकन वापस नहीं लेने के कारण उन्हें 6 साल के लिए पार्टी से बाहर किया गया। पहले इस सीट के लिए लालू यादव ने अफजल अली को पार्टी सिंबल दिया था, लेकिन अंतिम समय में यह सीट VIP के खाते में चली गई।
VIP अध्यक्ष मुकेश सहनी ने जातीय वोटरों के आधार पर इस सीट को अपने लिए सुरक्षित मानते हुए राजद से मांग की। हालांकि, अंत में उन्होंने चुनाव नहीं लड़ने का फैसला किया, जिससे राजद उम्मीदवार के रूप में अफजल अली का नामांकन भी रद्द हो गया। तेजस्वी ने इस दौरान संतोष सहनी के लिए प्रचार किया और कहा कि वे महागठबंधन के प्रत्याशी हैं।
राजनीतिक बयानबाजी तेज
बिहार चुनाव में नेताओं के बीच बयानबाजी की गर्मी बढ़ती जा रही है। सभी दल अपनी-अपनी स्थिति मजबूत करने में लगे हैं। तेजस्वी यादव के वादों ने जनता के बीच उम्मीद जगाई है, जबकि दूसरी ओर ओवैसी की पार्टी के नेताओं की धमकियाँ राजनीतिक माहौल को गर्मा रही हैं। अब यह देखना दिलचस्प होगा कि बिहार की जनता किसे अपना समर्थन देती है और परिणाम किस दिशा में जाते हैं।
चुनावों के नजदीक आते ही सभी दलों के नेता अपने-अपने चुनावी वादों को लेकर जनता के बीच उतर रहे हैं। ऐसे में यह भी स्पष्ट हो रहा है कि बिहार की राजनीति में अब कोई भी पार्टी किसी भी स्तर तक जाने को तैयार है।


























