दरभंगा में चुनाव प्रचार के अंतिम दिन बड़ा समर्थन
बिहार के दरभंगा जिले में चुनाव प्रचार के अंतिम दिन एक महत्वपूर्ण राजनीतिक घटना घटी। गौराबौराम से विकासशील इंसान पार्टी (वीआईपी) के प्रत्याशी संतोष सहनी ने राजद उम्मीदवार मोहम्मद अफजल अली खां को अपना समर्थन देने का ऐलान किया। इस निर्णय की पुष्टि वीआईपी के प्रमुख मुकेश सहनी ने की, जिन्होंने इस संबंध में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस आयोजित की।
संगठनात्मक हित और सामाजिक एकजुटता का ध्यान
मुकेश सहनी ने बताया कि यह निर्णय पार्टी के संगठनात्मक हित और सामाजिक एकजुटता को ध्यान में रखते हुए लिया गया है। उन्होंने कहा, “अफजल अली खां को समर्थन देने का फैसला सोच-समझकर किया गया है, ताकि गठबंधन की एकजुटता बनी रहे।” इस अप्रत्याशित घोषणा ने राजनीतिक गलियारों में हलचल मचा दी है और सभी दलों के नेता इस पर अपनी प्रतिक्रियाएँ दे रहे हैं।
भाजपा नेताओं की प्रतिक्रिया
इस बीच, भाजपा नेता और बिहार सरकार के मंत्री हरि सहनी ने मुकेश सहनी के इस कदम पर तीखी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने आरोप लगाया कि यह निर्णय केवल व्यक्तिगत स्वार्थ के लिए लिया गया है और इससे सहनी समाज का अपमान हुआ है। हरि सहनी ने कहा, “यह पहली बार है कि किसी पार्टी के अध्यक्ष का भाई दूसरे दल के उम्मीदवार के सामने घुटने टेकने पर मजबूर हुआ है।” उनका मानना है कि यह निर्णय सहनी समाज की मान-मर्यादा को गिराता है।
समाज में असंतोष और एनडीए का समर्थन
इस फैसले से समाज में गहरा असंतोष है। अब यह समाज एकजुट होकर एनडीए के पक्ष में मतदान करेगा। पहले से ही सहनी समाज एनडीए का मजबूत समर्थक रहा है और आज मुकेश सहनी के इस कदम के बाद जो थोड़े लोग विचलित थे, वे भी अब एनडीए के साथ मजबूती से खड़े होंगे। इसका सीधा लाभ एनडीए को ही मिलेगा।
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राजनीतिक समीकरण में बदलाव की संभावना
राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि मतदान से ठीक पहले मुकेश सहनी का यह कदम गौड़ाबौराम सीट के समीकरण को पूरी तरह बदल सकता है। एक ओर, राजद समर्थक इसे विपक्षी एकजुटता की मिसाल बता रहे हैं, जबकि एनडीए समर्थक इसे सहनी समाज के विश्वासघात के रूप में देख रहे हैं। इस स्थिति ने चुनावी माहौल को और भी रोचक बना दिया है।
अगले चरण में क्या होगा?
चुनाव के नजदीक आते ही राजनीतिक दलों के बीच आरोप-प्रत्यारोप का सिलसिला तेज होता जा रहा है। सभी दल अब इस बात की कोशिश करेंगे कि वे अपने-अपने वोटरों को अपने पक्ष में कर सकें। मुकेश सहनी का यह कदम पार्टी के भविष्य पर क्या प्रभाव डालेगा, यह तो समय ही बताएगा, लेकिन राजनीतिक गलियारों में इस पर चर्चा का दौर जारी है।
निष्कर्ष
बिहार चुनाव में इस प्रकार के घटनाक्रम न केवल राजनीतिक समीकरणों को प्रभावित करते हैं, बल्कि चुनावी रणनीतियों में भी बदलाव लाते हैं। इस मामले में मुकेश सहनी द्वारा अफजल अली खां को समर्थन देने का निर्णय निश्चित रूप से चुनावी परिदृश्य को नई दिशा देगा। अब यह देखना होगा कि चुनावी नतीजे इस घटनाक्रम को किस प्रकार प्रभावित करते हैं।
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