बिहार चुनाव में अमित शाह की महत्वपूर्ण टिप्पणी
केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने दरभंगा में चुनावी प्रचार के अंतिम दिन एक विशाल जनसभा को संबोधित करते हुए कहा, “आप 6 तारीख को कमल के निशान पर बटन दबाएं। यह बटन केवल विधायक को जिताने के लिए नहीं है, बल्कि यह जंगलराज को रोकने के लिए है।” शाह ने इस मौके पर बिहार में अपने दल की स्थिति को स्पष्ट करते हुए कहा कि उनके लिए चुनावी जीत का मतलब राज्य में विकास और स्थिरता है।
उन्होंने आगे कहा, “पहलगाम में आतंकियों ने हमला किया था। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा था कि इसका जवाब दिया जाएगा। बस 20 दिन के भीतर ही पाकिस्तान में घुसकर हमने ऑपरेशन सिंदूर किया। अगर पाकिस्तान ने फिर से हिम्मत की, तो हम गोली का जवाब तोप के गोले से देंगे, और ये गोले बिहार के डिफेंस कॉरिडोर में बनाए जाएंगे।” शाह ने यह भी उल्लेख किया कि बिहार के कारखानों में बने तोप के गोले से पाकिस्तान को सबक सिखाया जाएगा।
राजनीतिक बयानबाजी और विकास का मुद्दा
शाह ने बिहार के राजनीतिक परिदृश्य पर भी टिप्पणी की, जिसमें उन्होंने लालू यादव और राबड़ी देवी पर निशाना साधते हुए कहा, “वे अपने बेटे को मुख्यमंत्री बनाना चाहते हैं, जबकि सोनिया गांधी अपने बेटे को प्रधानमंत्री बनाना चाहती हैं। लेकिन मैं स्पष्ट कर देना चाहता हूं कि न तो मुख्यमंत्री और न ही प्रधानमंत्री का पद खाली है। बिहार में नीतीश कुमार मुख्यमंत्री हैं और केंद्र में मोदी हैं।”
शाह ने यह भी कहा कि दरभंगा की धरती पर हाल ही में राहुल गांधी की यात्रा के दौरान प्रधानमंत्री मोदी और उनकी मां के खिलाफ अपशब्द कहे गए थे। “जब-जब पीएम मोदी को ये लोग गाली देते हैं, कमल और ज्यादा खिलता है,” उन्होंने जोर देते हुए कहा।
जंगलराज का खतरा
गृहमंत्री ने चेतावनी दी कि जंगलराज का चेहरा एक बार फिर बदलकर लौटने की कोशिश कर रहा है। “आपका काम है इन्हें रोकना है। मैं लालू-राबड़ी से पूछना चाहता हूं, जब उनकी सरकार थी, तो उन्होंने दरभंगा के विकास के लिए क्या किया? उन्होंने केवल बिहार को लूटा है,” शाह ने कहा।
इस दौरान शाह ने अपने अगले कार्यक्रमों की जानकारी भी दी। उन्होंने बताया कि दरभंगा के बाद उनकी जनसभाएं मोतिहारी और बेतिया में होंगी, जहां वे एनडीए के प्रत्याशियों के लिए प्रचार करेंगे।
राम मंदिर का मुद्दा
शाह ने RJD और कांग्रेस पर आरोप लगाते हुए कहा कि उन्होंने राम मंदिर का विरोध किया है। “मोदी जी ने अयोध्या में भव्य राम मंदिर बनवाया। अब हम सीता जी का भव्य राम मंदिर बनाने जा रहे हैं। सीतामढ़ी से सीधे अयोध्या के लिए ट्रेन चलाने जा रहे हैं। RJD और कांग्रेस ने कभी राम और सीता का सम्मान नहीं किया,” उन्होंने कहा।
मधुबनी में पारंपरिक बिहारी भोजन का आनंद
शाह ने सीतामढ़ी के बाद मधुबनी पहुंचकर चुनावी सभा के बाद मिथिला हाट में पारंपरिक बिहारी भोजन का आनंद लिया। उन्होंने बिहारी खाने का लुत्फ उठाते हुए पीतल की थाली में भोजन किया। मिथिला हाट का मेन्यू पारंपरिक व्यंजनों से भरा हुआ था, जिसमें खासकर सचार थाली शामिल थी, जिसमें 36 व्यंजन होते हैं। इसके अलावा, दाल-बाटी-चोखा, मालपुआ, ठेकुआ, दही भल्ला और माखन भोग जैसे कई अन्य व्यंजन भी उपलब्ध थे।
अमित शाह के खाने की तस्वीरें
मधुबनी में सभा के बाद अमित शाह ने मिथिला हाट में रात का खाना खाया। इस दौरान उनके साथ एनडीए के अन्य नेता भी थे, जिनसे चुनावी चर्चा होती रही।

अमित शाह पारंपरिक तरीके से बिहारी खाने का आनंद लेते हुए।
अंतिम विचार
अमित शाह के द्वारा दिए गए बयानों और चुनावी गतिविधियों ने बिहार चुनाव को एक नई दिशा दी है। उनकी चुनावी रणनीति और विकास के मुद्दों पर जोर देने से यह स्पष्ट होता है कि भारतीय जनता पार्टी (भा.ज.पा.) बिहार में अपनी पकड़ मजबूत करने के लिए कड़ी मेहनत कर रही है।
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