बिहार विधानसभा चुनाव: भारत-नेपाल सीमा पर कड़ी सुरक्षा व्यवस्था
बिहार विधानसभा चुनाव के आगाज के साथ ही भारत-नेपाल की खुली सीमा पर सुरक्षा व्यवस्था को मजबूत किया गया है। यह कदम असामाजिक तत्वों को चुनाव में दखल देने से रोकने के लिए उठाया गया है। बुधवार को चुनाव आब्जर्वर गुलजार वाणी के नेतृत्व में कई वरिष्ठ अधिकारियों ने इस दिशा में महत्वपूर्ण निरीक्षण किया, जिसमें बिहार-झारखंड नारकोटिक्स ब्यूरो के आईआरएस अधिकारी अभिषेक आनंद और एसएसबी के डीआईजी सुरेश सुब्रमण्यम भी शामिल थे।
इन अधिकारियों ने भारत-नेपाल सीमा का गहन निरीक्षण किया और एसएसबी की 47वीं बटालियन के मुख्य कैंप में एक बैठक का आयोजन किया। इस बैठक में स्थानीय प्रशासन, एसएसबी और पुलिस के अधिकारियों ने मिलकर सीमा पर कड़ी निगरानी और सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए रणनीति बनाई। बिहार में होने वाले चुनावों की सुरक्षा को लेकर यह बैठक बेहद महत्वपूर्ण मानी जा रही है।
दूसरे चरण का मतदान: 11 नवंबर को
चुनाव आब्जर्वर गुलजार वाणी ने बताया कि बिहार के इस क्षेत्र में दूसरे चरण का मतदान 11 नवंबर को होना है। मतदान के दौरान किसी भी प्रकार की अशांति को रोकने के लिए सभी अधिकारियों को सख्त निर्देश दिए गए हैं। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि भारत-नेपाल सीमा को मतदान से 48 घंटे पहले, यानी 9 नवंबर की सुबह सील कर दिया जाएगा। इसका मुख्य उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि असामाजिक तत्व या राजनीतिक दल चुनाव के दौरान खुली सीमा का अनुचित लाभ न उठा सकें।
सीमा पर अवैध मुद्रा की निगरानी
हाल के दिनों में सीमा पर तैनात एसएसबी जवानों ने कई बार भारतीय और नेपाली करेंसी जब्त की है। अधिकारियों ने बताया कि चुनाव में अवैध रुपये का उपयोग रोकने के लिए निगरानी को बढ़ा दिया गया है। नारकोटिक्स ब्यूरो के आईआरएस अधिकारी अभिषेक आनंद ने कहा कि चुनाव से पूर्व किसी भी राजनीतिक पार्टी द्वारा शराब या अन्य मादक पदार्थों का भंडारण न हो सके, इसके लिए सीमा पर लगातार गश्ती और छापेमारी की जा रही है। हाल ही में एसएसबी और पुलिस की संयुक्त कार्रवाई में बड़ी मात्रा में नशीले पदार्थ भी बरामद हुए हैं।
संदिग्ध गतिविधियों पर कड़ी नजर
एसएसबी DIG सुरेश सुब्रमण्यम ने जानकारी दी कि सीमा की सुरक्षा के लिए एसएसबी की 47वीं वाहिनी पूरी मुस्तैदी से तैनात है। जवानों को दिन-रात गश्त करने और संदिग्ध गतिविधियों पर कड़ी नजर रखने के निर्देश दिए गए हैं। उन्होंने बताया कि मैत्री पुल, सहदेवा, महदेवा, पनटोका और मुशहरवा जैसे प्रमुख रास्तों पर नेपाल से आने-जाने वालों की गहन जांच के बाद ही भारत में प्रवेश की अनुमति दी जा रही है।
इस अवसर पर एसएसबी 47वीं वाहनी के कमांडेंट संजय पांडेय, रक्सौल एसडीएम मनीष कुमार, एसडीपीओ मनीष आनंद, उप कमांडेंट दीपक कृष्णा सहित कई अधिकारी उपस्थित रहे। इन सभी अधिकारियों की उपस्थिति इस बात का संकेत है कि बिहार विधानसभा चुनाव के दौरान सुरक्षा को लेकर प्रशासन कितनी गंभीरता से कार्य कर रहा है।
निष्कर्ष
बिहार विधानसभा चुनाव के मद्देनजर सुरक्षा को लेकर यह कदम अत्यंत महत्वपूर्ण है। अधिकारियों की सक्रियता और सीमा पर कड़ी निगरानी यह दर्शाती है कि चुनाव प्रक्रिया को सुरक्षित और शांतिपूर्ण तरीके से संपन्न कराने के लिए प्रशासन प्रतिबद्ध है। इस दौरान नागरिकों को भी इस बात का ध्यान रखना होगा कि चुनावी प्रक्रिया में किसी भी प्रकार की अवैध गतिविधियों से दूर रहें।
बिहार चुनावों की यह सुरक्षा व्यवस्था न केवल स्थानीय निवासियों के लिए, बल्कि देश के लिए भी एक महत्वपूर्ण कदम है। चुनावी प्रक्रिया में पारदर्शिता और निष्पक्षता बनाए रखने के लिए यह आवश्यक है कि सभी पक्ष मिलकर काम करें।






















