बिहार चुनाव की तैयारियों में धुर विरोधियों का मिलन
राजनीति की दुनिया में अक्सर धुर विरोधी नेता एक-दूसरे के सामने आते हैं, और बिहार के ताजा घटनाक्रम ने इस बात को एक बार फिर साबित कर दिया है। बिहार में पहले चरण की वोटिंग के लिए प्रचार का शोर अब थम चुका है। इसी बीच उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री केशव मौर्य और समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव बिहार में एक साथ नजर आए। दोनों नेताओं का एक वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है, जिसमें उनकी मुलाकात को लेकर चर्चा हो रही है।
इस मुलाकात का महत्व इसलिए और भी बढ़ जाता है क्योंकि दोनों नेता पहले यूपी विधानसभा में एक-दूसरे के खिलाफ तीखे बयान दे चुके हैं। मंगलवार को पटना से लखनऊ लौटते समय दोनों नेताओं के बीच हुई इस मुलाकात ने राजनीतिक गलियारों में हलचल मचा दी है। सोशल मीडिया पर यूजर्स इस मुलाकात को लेकर मजेदार टिप्पणियाँ कर रहे हैं।
राजनीतिक तकरार का इतिहास
केशव मौर्य और अखिलेश यादव के बीच राजनीतिक तकरार कोई नई बात नहीं है। दोनों नेता एक-दूसरे को नीचा दिखाने का कोई मौका नहीं छोड़ते हैं। अक्सर उन्हें विधानसभा में आमने-सामने देखा गया है, जहाँ दोनों के बीच वाक युद्ध होते रहे हैं। एक बार अखिलेश यादव ने केशव मौर्य पर तंज कसते हुए कहा था कि जनता ने इन्हें हराकर इनकी गर्मी निकाल दी है।
अखिलेश ने विधानसभा में केशव से सवाल किया था कि उनके जिला मुख्यालय की सड़क किसने बनाई, जबकि केशव मौर्य ने पलटवार करते हुए कहा कि वह खुद 400 सीटें जीतने का दावा कर रहे थे, लेकिन उन्हें केवल 100 सीटें ही मिलीं। इस प्रकार का वाक युद्ध हमेशा से दोनों नेताओं के बीच चलता रहा है। एक बार तो सीएम योगी आदित्यनाथ को भी इस विवाद में हस्तक्षेप करना पड़ा और उन्होंने सभी को मर्यादा में रहने की नसीहत दी।
क्यों हैं केशव मौर्य अखिलेश के निशाने पर?
केशव मौर्य हमेशा समाजवादी पार्टी को समाप्तवादी पार्टी कहते हैं, जबकि अखिलेश यादव उन्हें “स्टूल मंत्री” कहकर तंज कसते हैं। हाल ही में, जब केशव दीपोत्सव के कार्यक्रम में नहीं गए, तब अखिलेश ने उन पर कटाक्ष करते हुए कहा कि जिनकी जगह समाचार पत्रों में नहीं होती, उनकी सरकार में क्या हैसियत हो सकती है।
यहाँ पर ध्यान देने योग्य बात यह है कि दोनों नेता ओबीसी वर्ग से हैं, और इसी वजह से अखिलेश यादव अक्सर केशव मौर्य को निशाना बनाते हैं। इसके अलावा, अखिलेश यादव पीडीए (पार्टीज ऑफ डेमोक्रेटिक अलायंस) के फॉर्मूले के तहत यूपी में सत्ता में वापसी की योजना बना रहे हैं, जिसमें केशव मौर्य भी एक महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं।
सोशल मीडिया पर प्रतिक्रियाएँ
सोशल मीडिया पर यूजर्स ने इस मुलाकात को लेकर कई मजेदार टिप्पणियाँ की हैं। एक एडवोकेट ने लिखा कि “यूजर्स बोले- औरा तो है केशव जी का, अखिलेश भैया एंड कंपनी उनके पीछे घूमने में अपना बड़प्पन समझते हैं।” इस प्रकार की टिप्पणियाँ बताती हैं कि राजनीतिक घटनाक्रमों पर लोगों की नजर कितनी गहरी होती है।
हालांकि, इस मुलाकात के बाद भी दोनों नेताओं के बीच राजनीतिक प्रतिकूलता बनी रहेगी, क्योंकि चुनावी माहौल में सभी नेता अपनी-अपनी पार्टी के लिए वोट जुटाने के लिए प्रयासरत रहेंगे। बिहार चुनाव के पहले चरण की वोटिंग के बाद, यह देखना दिलचस्प होगा कि कौन से नेता अपनी रणनीति को सफल बनाने में सफल होते हैं।
योगी आदित्यनाथ की गतिविधियाँ
इस बीच, यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी बिहार में चुनावी रैलियाँ कर रहे हैं। उन्होंने तीन रैलियाँ और एक रोड शो किया है। मंगलवार की शाम को वह गोरखपुर पहुंचे, जहाँ उन्होंने शहर के पहले सिक्सलेन फ्लाईओवर के निर्माण की प्रगति पर नाराजगी जताई। उन्होंने अधिकारियों से कहा कि बरसात खत्म हो चुकी है, फिर भी काम में तेजी क्यों नहीं आई है।
इस प्रकार, बिहार चुनाव ने राजनीतिक रुख को एक नया मोड़ दिया है। सभी पार्टियाँ अपनी-अपनी रणनीतियों के तहत चुनावी मैदान में उतर रही हैं। भविष्य में इन घटनाओं का क्या असर होगा, यह देखना दिलचस्प होगा।
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