मैनपुरी में शादी के बाद युवती ने पति पर लगाया गंभीर आरोप
मैनपुरी से एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है, जहां एक युवती ने अपने पति पर गंभीर आरोप लगाए हैं। खबर के अनुसार, युवती ने दावा किया है कि उसके पति ने अपनी शारीरिक अक्षमता को शादी के समय छिपाया था। जब इस सच्चाई का खुलासा हुआ, तो ससुराल पक्ष ने उस पर अश्लील दबाव डालना शुरू कर दिया और रंगदारी की मांग की।
युवती की मां के अनुसार, उसकी बेटी की शादी 1 मार्च 2025 को एटा के जैथरा थाना क्षेत्र के एक युवक से हुई थी। शादी के बाद युवती को इस बात का एहसास हुआ कि उसका पति शारीरिक रूप से अक्षम है। जब उसने ससुराल वालों को इस बारे में बताया, तो उसके ससुर ने उस पर शारीरिक संबंध बनाने के लिए दबाव डालना शुरू कर दिया। वहीं, सास ने भी इस व्यवहार को स्वीकार किया और उसे धमकाने में शामिल हो गई।
धमकी और रंगदारी की मांग
युवती ने बताया कि जब उसने अपने पति की स्थिति के बारे में बात की, तो ससुराल पक्ष ने 25 लाख रुपए की रंगदारी की मांग की और उसे धमकाया। पीड़िता का कहना है कि शादी के बाद पहले और दूसरे विदाई में पति ने दूरी बनाए रखी और बीमारी का बहाना बनाकर अपनी वास्तविक स्थिति को छिपाया।
युवती ने आगे बताया कि 28 अप्रैल 2025 को जब वह अपने ससुर को चाय देने गई, तो ससुर ने जबरन अश्लील हरकत की और संबंध बनाने का दबाव डाला। जब उसने विरोध किया, तो उसे बंधक बना लिया गया। हालांकि, युवती ने किसी तरह मौके का फायदा उठाकर मायके पहुंच गई और अपनी पूरी कहानी बताई।
कानूनी कार्रवाई की मांग
युवती के परिवार ने पहले जैथरा थाने में शिकायत दर्ज कराई, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई। इसके बाद मामला एसपी गणेश प्रसाद साहा तक पहुंचा। उनके निर्देश पर कोतवाली पुलिस ने मामला दर्ज किया और जांच शुरू कर दी है। अब देखना है कि पुलिस इस मामले में क्या कार्रवाई करती है और क्या पीड़िता को न्याय मिल पाता है।
समाज में जागरूकता की आवश्यकता
इस घटना ने समाज में एक बार फिर से शादी और परिवार के मूल्यों पर सवाल उठाया है। ऐसे मामलों में जागरूकता आवश्यक है ताकि लोग शादी से पहले पूरी जानकारी हासिल कर सकें। इसके अलावा, समाज में ऐसे मामलों के प्रति संवेदनशीलता बढ़ानी होगी ताकि कोई भी व्यक्ति इस तरह की स्थिति का सामना न करे।
युवती की इस घटना ने यह भी स्पष्ट किया है कि शादी के बाद जीवनसाथी के साथ पारदर्शिता और ईमानदारी का होना कितना महत्वपूर्ण है। केवल बाहरी आडंबर और दिखावे के बजाय, असलियत को समझना और स्वीकार करना ही सही है।
समाज में इस प्रकार की घटनाओं के खिलाफ आवाज उठाने की आवश्यकता है, ताकि लोग अपने अधिकारों के प्रति जागरूक हों और किसी भी प्रकार के शोषण का सामना करने के लिए तैयार रहें।
इस मामले में पुलिस की कार्रवाई पर सभी की नजरें टिकी हुई हैं। उम्मीद की जा रही है कि जल्द ही न्याय की प्रक्रिया शुरू होगी और पीड़िता को उसकी आवाज़ मिल पाएगी।