RBI ने FY 26 के लिए Growth प्रक्षिप्ति को 6.5% से बढ़ाकर 6.8% किया



आरबीआई ने बढ़ाई जीडीपी ग्रोथ भविष्यवाणी भारत के केंद्रीय बैंक, भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई), ने हाल ही में वित्तीय वर्ष 2025-26 के लिए आर्थिक विकास की भविष्यवाणी को संशोधित किया…

RBI ने FY 26 के लिए Growth प्रक्षिप्ति को 6.5% से बढ़ाकर 6.8% किया

आरबीआई ने बढ़ाई जीडीपी ग्रोथ भविष्यवाणी

भारत के केंद्रीय बैंक, भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई), ने हाल ही में वित्तीय वर्ष 2025-26 के लिए आर्थिक विकास की भविष्यवाणी को संशोधित किया है। इस वृद्धि का मुख्य कारण अच्छे मानसून और जीएसटी दरों में सुधार है। अब आरबीआई की ओर से जीडीपी ग्रोथ की भविष्यवाणी 6.8 प्रतिशत कर दी गई है।

तिमाही के अनुसार विकास अनुमान

आरबीआई ने वित्तीय वर्ष 2025-26 के लिए तिमाही के आधार पर जीडीपी ग्रोथ के अनुमान को भी संशोधित किया है। अब तिमाही के अनुसार विकास दरें निम्नलिखित हैं:

  • दूसरी तिमाही (Q2): 7 प्रतिशत (पहले 6.7 प्रतिशत)
  • तीसरी तिमाही (Q3): 6.4 प्रतिशत (पहले 6.6 प्रतिशत)
  • चौथी तिमाही (Q4): 6.2 प्रतिशत (पहले 6.3 प्रतिशत)

इसके अलावा, अगले वित्तीय वर्ष 2026-27 की पहली तिमाही के लिए विकास दर का अनुमान 6.4 प्रतिशत रखा गया है, जो पहले 6.6 प्रतिशत था।

अंतरराष्ट्रीय व्यापार में चुनौतियाँ

हालांकि, आरबीआई ने यह भी बताया कि तीसरी और चौथी तिमाही की विकास भविष्यवाणियाँ कुछ हद तक संशोधित की गई हैं। इसका मुख्य कारण अमेरिका द्वारा भारतीय आयात पर 50 प्रतिशत टैरिफ का लागू होना है। आरबीआई के गवर्नर संजय मल्होत्रा ने कहा कि यह टैरिफ निर्यात को प्रभावित करेगा। हालांकि, उन्होंने यह भी जोड़ा कि सरकार की नीतियाँ कुछ वैश्विक चुनौतियों के प्रभाव को कम कर सकती हैं।

संरचनात्मक सुधारों का प्रभाव

गवर्नर मल्होत्रा ने यह भी उल्लेख किया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा 15 अगस्त को घोषित कई संरचनात्मक सुधारों का कार्यान्वयन, जिनमें जीएसटी का सरलीकरण भी शामिल है, कुछ बाहरी चुनौतियों के नकारात्मक प्रभावों को कम कर सकता है।

उन्होंने कहा, “इन सभी कारकों को ध्यान में रखते हुए, इस वर्ष के लिए वास्तविक जीडीपी विकास दर अब 6.8 प्रतिशत के रूप में अनुमानित है।” यह पहले की भविष्यवाणी 6.5 प्रतिशत से संशोधित किया गया है। दूसरी तिमाही के लिए अब विकास दर 7 प्रतिशत, तीसरी तिमाही के लिए 6.4 प्रतिशत और चौथी तिमाही के लिए 6.2 प्रतिशत अनुमानित है। अगले वर्ष की पहली तिमाही के लिए विकास दर 6.4 प्रतिशत रहने का अनुमान है।

भविष्य की चुनौतियाँ और संभावनाएँ

हालांकि, आरबीआई ने यह भी कहा कि जोखिम संतुलित हैं। पिछले नीति घोषणाओं में, वैश्विक व्यापार के अनिश्चित वातावरण के बावजूद, आरबीआई ने वित्तीय वर्ष 2025-26 के लिए जीडीपी ग्रोथ प्रोजेक्शन को पहले 6.5 प्रतिशत पर स्थिर रखा था, जिसे अब संशोधित कर 6.8 प्रतिशत कर दिया गया है।

इस प्रकार, आरबीआई की नई भविष्यवाणी आर्थिक विकास के लिए सकारात्मक संकेत देती है। हालांकि, वैश्विक व्यापार में चल रहे बदलाव और टैरिफ के प्रभावों को ध्यान में रखते हुए, सरकार और आर्थिक विशेषज्ञों को सतर्क रहना होगा।

लेखक –

Recent Posts