MP News: Parrot सुन रहे भागवत, टीकमगढ़ में राधारमण महाराज कर रहे कथा, कल होगा कन्या पूजन



टीकमगढ़ में नवरात्र पर श्रीमद् भागवत कथा का आयोजन टीकमगढ़ के पंड्याना मोहल्ले में नवरात्र के अवसर पर सात दिवसीय श्रीमद् भागवत कथा का भव्य आयोजन किया जा रहा है।…

MP News: Parrot सुन रहे भागवत, टीकमगढ़ में राधारमण महाराज कर रहे कथा, कल होगा कन्या पूजन

टीकमगढ़ में नवरात्र पर श्रीमद् भागवत कथा का आयोजन

टीकमगढ़ के पंड्याना मोहल्ले में नवरात्र के अवसर पर सात दिवसीय श्रीमद् भागवत कथा का भव्य आयोजन किया जा रहा है। इस कथा में न केवल श्रद्धालु भाग ले रहे हैं, बल्कि एक अद्वितीय नज़ारा भी देखने को मिल रहा है। कथा में हर दिन एक तोते का जोड़ा भी शामिल हो रहा है, जो भक्तों के बीच आकर्षण का केंद्र बना हुआ है। इस अनोखे दृश्य ने श्रद्धालुओं का ध्यान अपनी ओर खींच लिया है।

कथा का आयोजन 23 सितंबर से शुरू हुआ है और इसे वृंदावन धाम से आए संत राधारमण महाराज द्वारा सुनाया जा रहा है। कथा के दौरान, मंगलवार को एक तोता अचानक अपने पिंजरे से बाहर निकलकर व्यास गद्दी के पास जाकर बैठ गया। यह घटना वहां उपस्थित भक्तों के लिए एक अद्भुत अनुभव बन गई, क्योंकि तोते ने कथा सुनने के बाद पुनः अपने पिंजरे में लौटने का साहस दिखाया। यह घटना वहां मौजूद लोगों के बीच चर्चा का विषय बन गई।

तोते की अनोखी उपस्थिति

कथा के आयोजक कुलदीप रावत और मोनू पंडा ने बताया कि यह तोते का जोड़ा कथा में विशेष महत्व रखता है। रंजना, जो कि राधा बल्लभ गंगेले की पत्नी हैं, अपने तोतों को कथा में लाने की परंपरा को निभा रही हैं। उनका मानना है कि तोते को शुकदेव महाराज का रूप माना जाता है, जिनका उल्लेख श्रीमद् भागवत कथा में किया गया है। यह मान्यता श्रद्धालुओं के लिए एक विशेष आस्था का विषय बन गई है।

कथा का कार्यक्रम और अनुष्ठान

यह कथा 23 सितंबर से चल रही है और प्रतिदिन बड़ी संख्या में श्रद्धालु कथा सुनने के लिए पहुंच रहे हैं। कथा के समापन के अवसर पर मंगलवार को यज्ञ अनुष्ठान का आयोजन किया गया। यह अनुष्ठान धार्मिक आस्था को और भी मजबूत करता है। इसके बाद, 1 अक्टूबर को कन्या पूजन और भंडारे का आयोजन किया जाएगा, जिसमें भक्तों को प्रसाद का वितरण किया जाएगा। यह मौका न केवल धार्मिक अनुष्ठान के लिए महत्वपूर्ण है, बल्कि समाज के सभी वर्गों के लोगों को एक साथ लाने का भी कार्य करेगा।

श्रद्धालुओं की भावनाएँ

कथा में भाग लेने आए श्रद्धालुओं का मानना है कि यह कथा उन्हें मानसिक शांति और आस्था प्रदान करती है। एक भक्त ने कहा, “यह कथा सुनने से हमें अपने जीवन में सकारात्मकता का अनुभव होता है। तोते की उपस्थिति ने इस कथा को और भी खास बना दिया है।” यह घटनाएँ न केवल धार्मिक आस्था को गहराई देती हैं, बल्कि समाज में एकता और भाईचारे का भी संदेश देती हैं।

निष्कर्ष

टीकमगढ़ में नवरात्र के इस विशेष आयोजन में श्रद्धालुओं की भागीदारी और तोते की अद्वितीय उपस्थिति ने इसे एक यादगार अनुभव बना दिया है। ऐसी धार्मिक गतिविधियाँ न केवल लोगों को एक साथ लाती हैं, बल्कि उन्हें आस्था और विश्वास की नई ऊँचाइयों पर भी ले जाती हैं। इस प्रकार के आयोजनों से समाज में एक सकारात्मक संदेश फैलता है, और यह दर्शाता है कि धार्मिकता और प्रकृति का संगम किस प्रकार एक सुंदरता का निर्माण कर सकता है।

कथा का यह आयोजन नवरात्र के पावन अवसर पर लोगों के लिए एक विशेष अनुभव बन गया है, और सभी भक्तों को इस धार्मिक अनुष्ठान का हिस्सा बनने का अवसर मिल रहा है।

MP News in Hindi

लेखक –

Recent Posts